Saturday, November 25, 2017
Thursday, November 23, 2017
मित्रो हमारा न्यू ब्लॉग विजिट जरूर करे वशीकरण सुरक्षा तंत्र मंत्र यंत्र के लिए
मोती शंख के चमत्कारी उपाय जानने के लिये किल्क करे,,
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Wednesday, November 22, 2017
क्या इतिहास मे पदमावती के साथ पहली बार छेडछाड की गयी
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Tuesday, November 21, 2017
विश्वास ही पुणे जाग्रत आवस्था है..
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बाबा हनुमान जी का सर्वबाधा रक्षा मंत्र
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Friday, November 10, 2017
आज भैरव अष्टमी है ओर पुष्य नक्षत्र भी है
भैरव बाबा को आज के दिन मोतीचूर के लड्डू चढाये या सरसो के तेल मे बाबा को उडद के बने पकोडे दही के साथ चढाये ओर कुतो को मोतीचूर के लड्डू खिलाये भैरव नाथ का मंदिर नही हो तो प्रभु श्री गणेश जी को मोतीचूर के लड्डू बाबा के नाम से चढा सकते है ओर पाँच लड्डू कुतो को खिला दिजिये ओर हो सके तो आज के दिन उपवास या व्रत रखे ओर चालीसा या नामवली का पाठ करे सायः कालीन मे...
इस से राहु की शांति भी होगी ओर आज पुष्य नक्षत्र भी है तो ऐसे सयोग बार बार नही मिला करते आगे आप की इच्छा..
जय माँ जय बाबा महाकाल की...
Thursday, November 9, 2017
सौ रोगो की एक दवा
*शतावरी,,,,*
सौ रोगों को हरने वाली *शतावरी,,,*
आज हम आपको एक झाड़ीनुमा लता के बारे में बताते है ,
जिसमें फूल मंजरियों में एक से दो इंच लम्बे एक या गुच्छे में लगे होते हैं और फल मटर के समान पकने पर लाल रंग के होते हैं ..नाम है *"शतावरी"* ..I
आपने विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियों में इसके प्रयोग को अवश्य ही जाना होगा ..अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं, इसके प्रयोग को ..!
आयुर्वेद के आचार्यों के अनुसार , शतावर पुराने से पुराने रोगी के शरीर को रोगों से लड़ने क़ी क्षमता प्रदान करता है ...I
इसे शुक्रजनन,शीतल ,मधुर एवं दिव्य रसायन माना गया है I महर्षि चरक ने भी शतावर को बल्य और वयः स्थापक ( चिर यौवन को बरकार रखने वाला) माना है.I आधुनिक शोध भी शतावरी क़ी जड़ को हृदय रोगों में प्रभावी मान चुके हैं I
इसका औषधीय प्रयोग चिकित्सक के निर्देशन में करना अत्यंत लाभकारी होगा ...!!
यदि आप नींद न आने क़ी समस्या से परेशान हैं तो बस शतावरी क़ी जड़ को खीर के रूप में पका लें और थोड़ा गाय का घी डालें ,इससे आप तनाव से मुक्त होकर अच्छी नींद ले पायेंगे ..!
-शतावरी क़ी ताज़ी जड़ को यवकूट करें ,इसका स्वरस निकालें और इसमें बराबर मात्रा में तिल का तेल मिलाकर पका लें,हो गया मालिश का तेल तैयार ...इसे माइग्रेन जैसे सिरदर्द में लगायें और लाभ देखें I
-यदि रोगी खांसते-खांसते परेशान हो तो शतावरी चूर्ण - 1.5 ग्राम ,वासा के पत्ते का स्वरस 2.5 मिली ,मिश्री के साथ लें और लाभ देखें I
-प्रसूता स्त्रियों में दूध न आने क़ी समस्या होने पर शतावरी का चूर्ण -पांच ग्राम गाय के दूध के साथ देने से लाभ मिलता है ..!
-यदि पुरुष यौन शिथिलता से परेशान हो तो शतावरी पाक या केवल इसके चूर्ण को दूध के साथ लेने से लाभ मिलता है I
-यदि रोगी को मूत्र या मूत्रवह संस्थान से सम्बंधित विकृति हो तो शतावरी को गोखरू के साथ लेने से लाभ मिलता है I
-शतावरी के पत्तियों का कल्क बनाकर घाव पर लगाने से भी घाव भर जाता है ...!
-यदि रोगी स्वप्न दोष से पीड़ित हो तो शतावरी मूल का चूर्ण -2.5 ग्राम ,मिश्री -2.5 ग्राम को एक साथ मिलाकर ...पांच ग्राम क़ी मात्रा में रोगी को सुबह शाम गाय के दूध के साथ देने से प्रमेह ,प्री -मेच्युर -इजेकुलेशन (स्वप्न-दोष ) में लाभ मिलता है I
-गाँव के लोग इसकी जड़ का प्रयोग गाय या भैंसों को खिलाते हैं, तो उनकी दूध न आने क़ी समस्या में लाभ मिलता पाया गया है ...अतः इसके ऐसे ही प्रभाव प्रसूता स्त्रियों में भी देखे गए हैं I
-शतावरी के जड के चूर्ण को पांच से दस ग्राम क़ी मात्रा में दूध से नियमित से सेवन करने से धातु वृद्धि होती है !
-वातज ज्वर में शतावरी के रस एवं गिलोय के रस का प्रयोग या इनके क्वाथ का सेवन ज्वर (बुखार ) से मुक्ति प्रदान करता है ..I
-शतावरी के रस को शहद के साथ लेने से जलन ,दर्द एवं अन्य पित्त से सम्बंधित बीमारीयों में लाभ मिलता है ...I
.. शतावरी हिमतिक्ता स्वादीगुर्वीरसायनीसुस्निग्ध शुक्रलाबल्यास्तन्य मेदोs ग्निपुष्टिदा ..!! चक्षु स्यागत पित्रास्य,गुल्मातिसारशोथजित...उदधृत किया है ..तो शतावरी एक बुद्धिवर्धक,अग्निवर्धक,शुक्र दौर्बल्य को दूर करनेवाली स्तन्यजनक औषधि है ...
सौ रोगों को हरने वाली *शतावरी,,,*
आज हम आपको एक झाड़ीनुमा लता के बारे में बताते है ,
जिसमें फूल मंजरियों में एक से दो इंच लम्बे एक या गुच्छे में लगे होते हैं और फल मटर के समान पकने पर लाल रंग के होते हैं ..नाम है *"शतावरी"* ..I
आपने विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियों में इसके प्रयोग को अवश्य ही जाना होगा ..अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं, इसके प्रयोग को ..!
आयुर्वेद के आचार्यों के अनुसार , शतावर पुराने से पुराने रोगी के शरीर को रोगों से लड़ने क़ी क्षमता प्रदान करता है ...I
इसे शुक्रजनन,शीतल ,मधुर एवं दिव्य रसायन माना गया है I महर्षि चरक ने भी शतावर को बल्य और वयः स्थापक ( चिर यौवन को बरकार रखने वाला) माना है.I आधुनिक शोध भी शतावरी क़ी जड़ को हृदय रोगों में प्रभावी मान चुके हैं I
इसका औषधीय प्रयोग चिकित्सक के निर्देशन में करना अत्यंत लाभकारी होगा ...!!
यदि आप नींद न आने क़ी समस्या से परेशान हैं तो बस शतावरी क़ी जड़ को खीर के रूप में पका लें और थोड़ा गाय का घी डालें ,इससे आप तनाव से मुक्त होकर अच्छी नींद ले पायेंगे ..!
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-यदि रोगी खांसते-खांसते परेशान हो तो शतावरी चूर्ण - 1.5 ग्राम ,वासा के पत्ते का स्वरस 2.5 मिली ,मिश्री के साथ लें और लाभ देखें I
-प्रसूता स्त्रियों में दूध न आने क़ी समस्या होने पर शतावरी का चूर्ण -पांच ग्राम गाय के दूध के साथ देने से लाभ मिलता है ..!
-यदि पुरुष यौन शिथिलता से परेशान हो तो शतावरी पाक या केवल इसके चूर्ण को दूध के साथ लेने से लाभ मिलता है I
-यदि रोगी को मूत्र या मूत्रवह संस्थान से सम्बंधित विकृति हो तो शतावरी को गोखरू के साथ लेने से लाभ मिलता है I
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-यदि रोगी स्वप्न दोष से पीड़ित हो तो शतावरी मूल का चूर्ण -2.5 ग्राम ,मिश्री -2.5 ग्राम को एक साथ मिलाकर ...पांच ग्राम क़ी मात्रा में रोगी को सुबह शाम गाय के दूध के साथ देने से प्रमेह ,प्री -मेच्युर -इजेकुलेशन (स्वप्न-दोष ) में लाभ मिलता है I
-गाँव के लोग इसकी जड़ का प्रयोग गाय या भैंसों को खिलाते हैं, तो उनकी दूध न आने क़ी समस्या में लाभ मिलता पाया गया है ...अतः इसके ऐसे ही प्रभाव प्रसूता स्त्रियों में भी देखे गए हैं I
-शतावरी के जड के चूर्ण को पांच से दस ग्राम क़ी मात्रा में दूध से नियमित से सेवन करने से धातु वृद्धि होती है !
-वातज ज्वर में शतावरी के रस एवं गिलोय के रस का प्रयोग या इनके क्वाथ का सेवन ज्वर (बुखार ) से मुक्ति प्रदान करता है ..I
-शतावरी के रस को शहद के साथ लेने से जलन ,दर्द एवं अन्य पित्त से सम्बंधित बीमारीयों में लाभ मिलता है ...I
.. शतावरी हिमतिक्ता स्वादीगुर्वीरसायनीसुस्निग्ध शुक्रलाबल्यास्तन्य मेदोs ग्निपुष्टिदा ..!! चक्षु स्यागत पित्रास्य,गुल्मातिसारशोथजित...उदधृत किया है ..तो शतावरी एक बुद्धिवर्धक,अग्निवर्धक,शुक्र दौर्बल्य को दूर करनेवाली स्तन्यजनक औषधि है ...
Wednesday, November 8, 2017
जो भी कोल करे पहले अपना पुणे परिचय दे
जय माँ जय बाबा महाकाल दोस्तों
यहाँ से हमारे मोबाइल नं पर कोल किया जाता है कि आप ये जानते हो तो हमे बता दो ना अपना परिचय ना पता क्या साधना सिद्धि पेड पर लटकता हुआ फल है क्या जो आपने बताया ओर हमने तोड़कर दे देंगे इसलिये कोल करे हमारी परीक्षा लेने के लिए नही अपने आपका पुणे परिचय देकर बात करे
फालतू बात करके आपका ओर हमारा टाइम वेस्ट ना करे क्योंकि यह ब्लॉग हमने सनातन धर्म की जानकारी देने के लिए ओर तंत्र मंत्र यंत्र की जानकारी देने के लिए बनाया है जब तक आप अपने बारे मे या किसी डॉक्टर के सामने ना होंगे ओर सही बात नही बता सकते तो वो डाँक्टर आपका इलाज नही कर सकता यही सत्य है कि जब तक अपने बारे मे जब तक सच नही बता सकते तो कोई आपका इलाज नही कर सकता है यही सत्य है..
जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश
यहाँ से हमारे मोबाइल नं पर कोल किया जाता है कि आप ये जानते हो तो हमे बता दो ना अपना परिचय ना पता क्या साधना सिद्धि पेड पर लटकता हुआ फल है क्या जो आपने बताया ओर हमने तोड़कर दे देंगे इसलिये कोल करे हमारी परीक्षा लेने के लिए नही अपने आपका पुणे परिचय देकर बात करे
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जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश
Sunday, November 5, 2017
पहचाने अपने आपको ओर गुगल गुरुओ को..
आज हमारे एक परम आदरणिय बडे भाई ने एक ऐसी बात कही कि उसको झुठलाया नही जा सकता कि सब अपने आप मे बडे बनते जा रहे है पंथ या गुरुदीक्षा तक ही अपने आपको सीमित रखा है उससे बाहर कोई जाना नही चाहाता सब अपने आपमे बडे दिखना चाहाते है भले ही उनको कोई वजूद ना हो सनातन धर्म मे सभी पंथ शेष्ट है यही सत्य है सभी अपने पंथो मे जीना चाहाते है पर सनातन धर्म को कोई नही जीना चाहता पता नही क्यू..अरे गुरु सभी के होते है बस उनको अपने आप मे जाग्रत करना है अगर गुरुतत्व आप मे जाग्रत होता है तो वो चाहे भौतिक हो या आध्यात्मिक आपको भटकने की राह पर नही ले जायेगा यही सत्य है मे मेरा गुरु शेष्ट यही आपकी भूल है यहाँ कोई पुणे नही ओर कोई अपुणे नही सभी एक दूसरे के पूरक है गुरु शब्द ही अपने आप मे बीज मंत्र है बाकी गूगल गुरु के चेले काफी है जिनको गुरु तत्व का बोध नही है पर वो गुरु है उनके कई चेले है जो बीच राह मे उनको छोड़कर चले जाते है क्यू.. कभी सोचा है इस बारे मे अपने आपको बडा दिखाने के चक्कर मे कही हीरा ना गंवा दो दोस्तो हमारा तो यही कहना है कि अगर किसी के बारे मे अगर कोई जानकारी नही रखते हो तो सत्य बोलने से परहेज ना करे वरना आप स्वयंम गुरुदोषी हो सकते हो यही सत्य है अपने आपको पहचाने ओर गुरु बनाने से पहले गुरुतत्व की पुणे जानकारी ले तो अच्छा है बाकी आपके ऊपर है कोई भी गुरु किसी पंथ या रास्ते को छोटा नही बतायेगा यही सत्य है..बाकी सभी आपके ऊपर है कि भौतिक ओर आध्यात्मिक का निर्वाह कैसे करे नादान बालक की कलम से आज बस इतना ही मनन करो पेट तो जानवर भी भर लेता है आप उस प्रभु अनमोल रचना है अपने आपको समझे यही सभी के लिए ठीक होगा...
जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश
🌹🙏🏻🌹
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Wednesday, November 1, 2017
प्लीज रीड करे जरुर
जय माँ जय बाबा महाकाल दोस्तो
बस आप हमारे फेसबुक पेज ओर वेबसाइट लिंक को शेयर किजिये ताकि सभी अपने धर्म ओर साधानाओ से जुडे रहे असंभव कुछ भी है सनातन धर्म मे बस सोच आपकी होनी चाहिए की हमारा धर्म है क्या.. प्लीज शेयर लिंक..
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हमारे यहाँ जो प्रकाशित लेख है। इनमे से कुछ हमारे निजी लेख भी है । और हमारे द्वारा कुछ अनुभूत प्रयोग भी है। और कुछ प्रकाशित लेख कही ना कही लिये गये है। अगर इससे किसी को कोई परेशानी होती है। तो सूचित करे । अगर किसी लेख से किसी को आपत्ति है। तो उसे तुरन्त हटा दिया जायेगा ।इस पेज ओर ब्लाँग से ओर इस वेबसाइट का निमाणॅ इस लिये किया गया है। कि यहाँ पर भारतीय वैदिक ज्योतिष और अंक ज्योतिष॰ रत्न विज्ञान ॰मंत्र यंत्र तंत्र और अन्य गुप्त विद्धयाओ की जानकारी सभी को मिले ।
गंगाजल में अमृत देखाई नहीं देता, सती का तेज देखाई नहीं देता, जति का सवरूप देखाई नहीं देता, पत्थर में भगवान् देखाई नहीं देता, ठीक उसी परकार शाबर मन्त्रों कि अदभूत शक्ति दिखाई नहीं देती। परन्तु प्रयोग कर और आज़मा कर देखिये - दुनिया को हिला कर रख दे ऐसी शक्ति इसमें समाई हुई है -
तन्त्र साधनाओं से संबंधित शाबर मन्त्रम,
चेतावनी-मेरे हर लेख का उद्देश्य केवल प्रस्तुत विषय से संबंधित जानकारी प्रदान करना है लेख को पढ़कर यदि कोई व्यक्ति किसी टोने-टोटके,गंडे,ताविज अथवा नक्स आदि का प्रयोग करता है और उसे लाभ नहीं होता या फिर किसी कारण वश हानि होती है,तो उसकी जिम्मेदारी हमारी कतई नहीं होगी,क्योकि हमारा उद्देश्य केवल विषय से परिचित कराना है। किसी गंभीर रोग अथवा उसके निदान की दशा में अपने योग्य विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श ले। साधको को चेतावनी दी जाती है की वे बिना किसी योग्य व सफ़ल गुरु के निर्देशन के बिना साधनाए ना करे। अन्यथा प्राण हानि भी संभव है। यह केवल सुचना ही नहीं चेतावनी भी है। साधको को किसी भी प्रकार की (शारीरिक व मानसिक)हानि के लिए हम उत्तर दाई नहीं रहूंगा ।अत: सोच समझ कर साधनाए प्रारम्भ करे।। बाबा विश्वनाथ, भवानी अन्नपूर्णा, बिन्दुमाधव, मणिकर्णिका, भैरव, भागीरतेहे तथा दण्डपाणी मेरा सतत् कल्याण करें ॥
यह ब्लॉग वेबसाइट हमने अपनी इच्छा के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है
उसका सोच समझकर कर प्रयोग करे क्योंकि बिना गुरु ग्यान कभी किसी से नही मिलता बाकी जो भी करो सोचसमझकर करो अपने विवेक ओर सोच से करे बाकी गुरु के रहते हुये कोई समस्या आती है तो हमे अवागत कराये आपको पुणे सहयोग मिलेगा ओर अगर कोई वनस्पति ओर कुछ आध्यात्मिक आइटम भी चाहिए तो बेझिझक हमे कह सकते है
प्रणाम सभी को जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश..
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गुरु नाम की महिमा को समझे की गुरु जरुरी क्यू है
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आजकल गुरु मिले या ना मिले पर साधना का महत्व चल निकाला है कोन गुरुमुखी है या नही है पर उनके शिष्यो की तादात भी अच्छी खासी होती है जिनके गुरु पंथ का पता नही होता कोई जगत पिता को गुरु मानकर चलता है तो कोई जगत गुरु को गुरु मानकर चलता है जैसे वो इनको पुणे मंत्रोभेषक या पुणे संस्कार से या ऊर्जा शक्तिपात से दीक्षित कर के गये हो ओर कोई इनसे सलाह भी ले ले तो उनको राह तो बतायी जायेगी पर इष्टमंत्रोक्ति राह नही जो स्वयंम ने अपनायी है या उनकी पहुच मे होंगे तो स्वयंम दिक्षा दे देंगे जबिक दिक्षा के संस्कार कितने होते है उनको कोन झेलता है यह भी नही पता होता.. पर गुरु कोई बूरा भी नही होता गुरु पाखंडी गुरु पागल गुरु लोभी गुरु कामी हो सकता है पर गुरु निन्दा या पर गुरु निन्दा का चलन जैसे चल निकला हो सुनी सुनायी बाते तो गलत है सकती है पर आँखो दिखी बात भी कभी कभी गलत हो सकती है गुरु कुछ मंत्र या साधना देता है तो पुणे श्रद्धा ओर आस्था के साथ उनको करना चाहिए ओर आपकी गुरु की निंदा हो रही हो चाहे आप उनको गुरु तूल्य मानते हो या वो कई शिष्य के गुरु हो तो वो निंदा आपको पाप का भागी भी बना सकती है पर गुरु निंदा या गुरु निदां गुरु मुखी के लिये नही होती है यही सत्य है बाकी ये दुनिया सतयुग से ही ऐसी ही चल रही है कुछ लोग टांग खीचने ओर नीचा दिखाने के लिये खडे होंगे ओर कुछ छल कपट डट से झूठ बोलने मे महारत हासिल करेगे यही सत्य है इसलिए गुरु चाहे अनपढ हो पर वो आपका गुरु होता है उसकी वाणी ही आपके लिये देव वाणी होती है अक्सर देखा जाता है कि बाहर लोग आवरण बना लेते है कि मे शरीफ एकदम शांत ओर मातृशक्ति का आदर करने वाला पर रियल जिंदगी उनकी ऐसी नही होती क्योंकि वो अपने घरो मे या बाहर मातृशक्ति को नीचा दिखाने से या अपमानित करने से चूकते नही है ओर हमारा तो यही कहना है की शब्दो के साथ आचरण का निर्वाह करोगे तो सफलता जरुर मिलेगी बाकी शब्द भी यही रह जायेगे ओर आध्यात्मिक सफलता कोसो दूर बुरी शक्तियां का समय होता है पर अच्छी शक्तियौ का जब उदय होता है तो उस प्रकाश पुंज के सामने बुरी शक्तियां का कोई महत्व नही रह जाता यही सत्य है बुरी ताकतो के साथ अच्छी ताकतो का भी जन्म हो जाता है बस आप अपने जीवन का उद्देश्य समझे कि यहाँ इस संसार मे आपके होने का क्या कारण अगर गृहस्थ मे है तो माता पिता ओर बच्चो की जिम्मेदारी से बडी साधना कुछ नही हो सकती अगर इस जिम्मेदारी से मुंह छिपा के जाते है तो आध्यात्मिक भी आपके काम का नही है यही सत्य है बाकी जैसा सोचा वैसा मन ओर जैसा मन वैसा तन यही सत्य है. बाकी माँ बाबा की इच्छा ओर उनकी कृपा आज बस इतना ही नादान बालक की कलम से....
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