साधको के लिए कल का दिन अति महत्व पूर्ण है
कल चंद्र ग्रहण में किये हुए जप यज्ञ सर्वोत्तम फलदायक होते है जो जन्मांतर के कल्मष को कम करते है
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कल सूतक काल पूर्व भोजन कर लें और दिन में दूध फल का सेवन करें व ग्रहण लगते स्नान कर के कोरा वस्त्र पहेनकर जाप में बैठे व अपने ईस्ट मंत्र का यज्ञ भी करें जब ग्रहण समाप्त हो तब स्नान कर के भोजन बनावें ओर बाद में भोजन ले आजकल ज्यादातर लोगो को भुत प्रेत या जिसको एलोपैथी मे हिस्ट्रीरिया कहते है क्योंकि उनकी समझ मे भुत प्रेत या आध्यात्मिक की ताकत या मंत्र शक्ति पर विश्वास नही होते आज एक सरल मंत्र बताते है पुणे विधी विधान के साथ हाँ अगर कोई इस मंत्र को नकल करके छेड़ छाड़ करके अपने नाम से कही आगे पोस्ट करते है तो किसी भी तकलीफ के लिए हम यानी ये नादान बालक उतरदायी नही है ये मंत्र ग्रहण काल से पहले ग्याहर सो मंत्र जप कर सिद्ध किया जा सकता है अगर आसन सिद्धि ओर गुरू कृपा आपको मिली हुयी है तो आप इस छोटे से मंत्र से कई लोगो का कार्य ओर भला कर सकते है जौ राह भटक कर भुत प्रेत के डर से कई जगह भटकते है इसका जप हवन आशापुरी घी के साथ चलता है,,,,,
मंत्र......
ॐ ह्री भ्रीं फट् स्वाहा परबत हंस स्वामी आत्मरक्षा सदा भवेत् नौ नाथ चौरासी सिद्धया की दुहाई हाथ में भूत पांव मे भूत भभूत मेरा धारण माथे राखो अनाड़ की जोत सबको करो सिंगार गुरू की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा दुहाई भैरव नाथ की
मित्रो भूत प्रेत या कोई छाया किसी के शरीर पर कब्जा करती है तो व्यक्ति की चेतना पर अपना अधिकार करती है ओर आदमी की चेतना को विलुप्त या विकृत कर देती है आदमी या ओरत मे कई गुना ताकत भी जाग्रातृ ओर कई अतीत की बातो का भी रहस्योद्घाटन करने लगता है ऐसी कई विलक्षण ताकते भी होती है जो जो अच्छे कार्य भी करती है ओर कई ताकते उनको अपने वश मे करके अपने साथ ले जाती है मित्रो कई पिडित व्यक्ति तो काल का ग्रास बन जाते है इसलिए रोगी का उपचार जितना जल्दी या पहले हो जाये तौ बहुत अच्छा है इस मंत्र मे आपको जौ जरूरी सामान चाहिए वौ है आशापुरी आम की लकडियां घी ओर कुछ लोबान, अनार की कलम रक्त चंदन या उसकी स्याही भोजपत्र बाकी जिसकी विधी जाननी हो वो हमारे इनबाँकस मे आ सकता है सर्वदा स्वागत है नादान बालक की कलम से आज बस इतना ही बाकी फिर कभी कोई भी मंत्र जप तप हवन हो शरीर शुदी के साथ आत्माशुद्धी भी कर लेना ओर स्नान इत्यादि नये वस्त्र(धुले हुये वस्त्र) धारण करके आसन शुद्वि करके गुरू आग्या लेकर ही करे बाकी जो माँ बाबा की इच्छा ओर कृपा ओर जिस देवी देवता का मंत्र हौ उस समय उनको ही अपना आराध्य देव मानकर ही कार्य पुणे करै सफलता आपके हाथ मे होगी,,,,,,उपचार ओर विधी के लिये हमारे इनबाँकस मे सर्वदा आप सभी का स्वागत है,,,,,
प्रणाम आप सभी पुजनीयो को
जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश,,,,, 🌹🌹🌹🌹🌹
कल सूतक काल पूर्व भोजन कर लें और दिन में दूध फल का सेवन करें व ग्रहण लगते स्नान कर के कोरा वस्त्र पहेनकर जाप में बैठे व अपने ईस्ट मंत्र का यज्ञ भी करें जब ग्रहण समाप्त हो तब स्नान कर के भोजन बनावें ओर बाद में भोजन ले आजकल ज्यादातर लोगो को भुत प्रेत या जिसको एलोपैथी मे हिस्ट्रीरिया कहते है क्योंकि उनकी समझ मे भुत प्रेत या आध्यात्मिक की ताकत या मंत्र शक्ति पर विश्वास नही होते आज एक सरल मंत्र बताते है पुणे विधी विधान के साथ हाँ अगर कोई इस मंत्र को नकल करके छेड़ छाड़ करके अपने नाम से कही आगे पोस्ट करते है तो किसी भी तकलीफ के लिए हम यानी ये नादान बालक उतरदायी नही है ये मंत्र ग्रहण काल से पहले ग्याहर सो मंत्र जप कर सिद्ध किया जा सकता है अगर आसन सिद्धि ओर गुरू कृपा आपको मिली हुयी है तो आप इस छोटे से मंत्र से कई लोगो का कार्य ओर भला कर सकते है जौ राह भटक कर भुत प्रेत के डर से कई जगह भटकते है इसका जप हवन आशापुरी घी के साथ चलता है,,,,,
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ॐ ह्री भ्रीं फट् स्वाहा परबत हंस स्वामी आत्मरक्षा सदा भवेत् नौ नाथ चौरासी सिद्धया की दुहाई हाथ में भूत पांव मे भूत भभूत मेरा धारण माथे राखो अनाड़ की जोत सबको करो सिंगार गुरू की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा दुहाई भैरव नाथ की
मित्रो भूत प्रेत या कोई छाया किसी के शरीर पर कब्जा करती है तो व्यक्ति की चेतना पर अपना अधिकार करती है ओर आदमी की चेतना को विलुप्त या विकृत कर देती है आदमी या ओरत मे कई गुना ताकत भी जाग्रातृ ओर कई अतीत की बातो का भी रहस्योद्घाटन करने लगता है ऐसी कई विलक्षण ताकते भी होती है जो जो अच्छे कार्य भी करती है ओर कई ताकते उनको अपने वश मे करके अपने साथ ले जाती है मित्रो कई पिडित व्यक्ति तो काल का ग्रास बन जाते है इसलिए रोगी का उपचार जितना जल्दी या पहले हो जाये तौ बहुत अच्छा है इस मंत्र मे आपको जौ जरूरी सामान चाहिए वौ है आशापुरी आम की लकडियां घी ओर कुछ लोबान, अनार की कलम रक्त चंदन या उसकी स्याही भोजपत्र बाकी जिसकी विधी जाननी हो वो हमारे इनबाँकस मे आ सकता है सर्वदा स्वागत है नादान बालक की कलम से आज बस इतना ही बाकी फिर कभी कोई भी मंत्र जप तप हवन हो शरीर शुदी के साथ आत्माशुद्धी भी कर लेना ओर स्नान इत्यादि नये वस्त्र(धुले हुये वस्त्र) धारण करके आसन शुद्वि करके गुरू आग्या लेकर ही करे बाकी जो माँ बाबा की इच्छा ओर कृपा ओर जिस देवी देवता का मंत्र हौ उस समय उनको ही अपना आराध्य देव मानकर ही कार्य पुणे करै सफलता आपके हाथ मे होगी,,,,,,उपचार ओर विधी के लिये हमारे इनबाँकस मे सर्वदा आप सभी का स्वागत है,,,,,
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