Thursday, June 4, 2020

जानये किस किस राशि पर रहेगा ग्रहण का प्रभाव ।

दो चंद्रग्रहण एवं एक सूर्य ग्रहण का योग बन रहा है 5 जून सन 2020 जेस्ट शुक्ला पूर्णिमा शुक्रवार को चंद्र ग्रहण होगा इस ग्रहण का प्रभाव विदेशों में अधिक है भारत में इसका प्रभाव नहीं है सूतक यम नियम का कोई विधान नहीं होगा नियमित तौर पर पूजा पाठ एवं कार्यक्रम विधिवत रहेंगे रात्रि 11:16 से रात्रि शेष 2:34 तक ग्रहण रहेगा मध्य भाग ग्रहण का रात्रि में 12:55 पर रहेगा उत्तरी अमेरिका ग्रीनलैंड रसिया आदि भागों को छोड़कर ग्रहण का दृश्य मान होगा मगर प्रभाव शून्य रहेगा दूसरा चंद्र ग्रहण 5 जुलाई सन 2020 असार शुक्ला पूर्णिमा रविवार को चंद्र ग्रहण रहेगा यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया चीन इराक ईरान मंगोलिया भारत को छोड़कर शेष भाग में दृश्य मान होगा मगर भारत में इसका प्रभाव नहीं रहेगा अतः सूतक यम नियम प्रभावी नहीं होंगे 21 जून सन 2020 आषाढ़ कृष्ण अमावस्या रविवार को खंडग्रास सूर्यग्रहण होगा इसका सूतक यम नियम भारत में लगेगा यह ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र में मात्रा नक्षत्र पर रहेगा मिथुन राशि पर इसका प्रभाव बनेगा मेष सिंह कन्या मकर राशि वालों के लिए सुखद रहेगा वृषभ तुला धन कुंभ के लिए सामान्य फल प्रदान करेगा मिथुन कर्क वृश्चिक मीन राशि वालों के लिए अशुभ दायक रहेगा भारत के साथ म्यांमार दक्षिण रूस मंगोलिया बांग्लादेश श्रीलंका थाईलैंड मलेशिया कोरिया जापान इंडोनेशिया पूर्वी ऑस्ट्रेलिया अफ्रीका ईरान इराक अफगानिस्तान नेपाल पाकिस्तान आदि देशों में ग्रहण दृश्य मान होगा अफ्रीका के कुछ क्षेत्र यमन ओमान दक्षिण चीन का भाग ताइवान भारत में पोखरी उठी मंडे अगस्त मुनि जेलम टेहरी चंबा देहरादून जगधारी यमुनानगर शरीफ गढ़ कुरुक्षेत्र थानेश्वर नंदा देवी अनूपगढ़ श्री विजयनगर अमरपुरा सूरतगढ़ चमोली जोशीमठ पीपलकोटी रुद्रनाथ गोपेश्वर आदि स्थानों पर कंकण आकृति सूर्य ग्रहण दृश्य मान होगा 20 जून सन 2020 रात्रि 10:09 सूतक यम नियम मान्य हो जाएंगे ग्रहण का स्पर्श दिन में 10:09 से प्रभावी होगा दिन में 1:36 तक ग्रहण रहेगा महिला वर्ग के लिए नवविवाहित महिला एवं कन्या विवाह योग्य बालक बालिकाओं के लिए अशुभ कारी रहेंगे उद्योगपति मंत्री गण धर्म नेता पर दुष्प्रभाव रहेगा इन्हें दर्शन नहीं करना चाहिए अनाजों में उतार-चढ़ाव होगा स्टेशनरी सामान कृषि का सामान केसर कस्तूरी के सामानों के व्यवसाय को बढ़ोतरी मिलेगी इस सूर्य ग्रहण में सूर्य की उपासना गायत्री मंत्र का जाप गुरु मंत्र का जाप नारायण मंत्र का जाप विष्णु सहस्त्रनाम गोपाल सहस्त्रनाम गीता पाठ आदि धार्मिक पुस्तकों का पठन मंत्र जाप हवन दान पुण्य धर्म कर्म करना चाहिए अन्न दान वस्त्र दान भजन दक्षिणा द्रव्य दान करें तीर्थों का स्नान नदियों का स्थान ब्रह्मसरोवर सतयुग के महान तीर्थ ब्रह्मा के इस पावन तीर्थ में पुष्कर राज में स्नान करने से तर्पण मार्जन हवन पूजन परिक्रमा एवं दान करने से कामधेनु के समान फल लिखा है किसी की जन्मपत्री में सूर्य का ग्रह अशुभ है रोग दोष कष्ट व्याधि पीड़ा एवं पारिवारिक असंतोष को दूर करने के लिए सूर्य का जाप एवं दान पुण्य करना चाहिए गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता है

आइये जानते हैं कब है धनतेरस ओर दिपावली पूजा विधि विधान साधना???

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