Friday, September 23, 2022

इस नवरात्रि में क्या उपाय करें और क्या है मुर्हुत घट स्थापना का,

मित्रों जैसा की आप सभी जानते हैं कि 26 तारीख से शारदीय नवरात्रि का आरंभ होने वाला है नवरात्री के बारे में लिखने को तो बहुत है पर जो आम नागरिक बिना गुरू के साधारण आमजन कर सके हम वो ही उपाय यहां देते हैं तो आईये जानते हैं इस नवरात्रि का विधान क्या कहता है और हमारी दुसरी पोस्ट भी आज ही होगी जिसमें बाबा हनुमानजी की नवरात्रि साधना विशेष या उपाय भी कह सकते हैं जो आप सभी कर सकते हैं,,

घट स्थापना मुहूर्त और समय दिन,,
ज्योतिष पंचांग के अनुसार नवरात्रि का आरंभ 
26 सितंबर को सुबह 03.24 मिनट से होगा,
प्रतिपदा तिथि की समाप्ति 27 सितंबर, 
सुबह 03.08 मिनट पर होगी, 
घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06.20 मिनट से 10.19 मिनट तक रहेगा, 
अभिजित मुहूर्त सुबह 11.54 मिनट से दोपहर 12.42 मिनट तक है,
इनमें से जो आपको उचित लगे उसी हिसाब से कर सकते हैं 🌹
मित्रों नवरात्रि में किस दिन किन देवी की पूजा
26 सितंबर 2022 - मां शैलपुत्री (पहला दिन) प्रतिपदा तिथि
27 सितंबर 2022- मां ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन) द्वितीय तिथि
28 सितंबर 2022- मां चंद्रघंटा (तीसरा दिन) तृतीया तिथि
29 सितंबर 2022- मां कुष्मांडा (चौथा दिन) चतुर्थी तिथि
30 सितंबर 2022- मां स्कंदमाता (पांचवा दिन) पंचमी तिथि
1 अक्टूबर 2022- मां कात्यायनी (छठा दिन) षष्ठी तिथि
2 अक्टूबर 2022- मां कालरात्रि (सातवां दिन) सप्तमी तिथि
3 अक्टूबर 2022- मां महागौरी (आठवां दिन) दुर्गा अष्टमी           
4 अक्टूबर 2022- महानवमी, तो (नौवां दिन) शरद नवरात्र व्रत पारण
5 अक्टूब 2022- मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन, दशमी तिथि (दशहरा ,इस भैरव पुजा का विधान भी है )🌹
मित्रों इन सभी की पुजा का क्या फल प्राप्त होता है अब आगे का विधान कहते हैं,🌹
नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का विधान
●  दिन 1 - माँ शैलपुत्री पूजा - यह देवी दुर्गा के नौ रूपों में से प्रथम रूप है। मां शैलपुत्री चंद्रमा को दर्शाती हैं और इनकी पूजा से चंद्रमा से संबंधित दोष समाप्त हो जाते हैं।
●  दिन 2 - माँ ब्रह्मचारिणी पूजा - ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार देवी ब्रह्मचारिणी मंगल ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से मंगल ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
●  दिन 3 - माँ चंद्रघंटा पूजा - देवी चंद्रघण्टा शुक्र ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से शुक्र ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
●  दिन 4 - माँ कूष्मांडा पूजा - माँ कूष्माण्डा सूर्य का मार्गदर्शन करती हैं अतः इनकी पूजा से सूर्य के कुप्रभावों से बचा जा सकता है।
●  दिन 5 - माँ स्कंदमाता पूजा - देवी स्कंदमाता बुध ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से बुध ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
●  दिन 6 - माँ कात्यायनी पूजा - देवी कात्यायनी बृहस्पति ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से बृहस्पति के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
●  दिन 7 - माँ कालरात्रि पूजा - देवी कालरात्रि शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से शनि के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
●  दिन 8 - माँ महागौरी पूजा - देवी महागौरी राहु ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से राहु के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
●  दिन 9 - माँ सिद्धिदात्री पूजा - देवी सिद्धिदात्री केतु ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से केतु के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
दसवें दिन साधकों के लिए बाबा भैरव जी की पुजा विधान है ,🌹
नवरात्रि के समय हर दिन का एक रंग तय होता है  तो जानते है सौभाग्य दाय रंगों के बारे में 🌹
  प्रतिपदा- पीला
  द्वितीया- हरा
  तृतीया- भूरा
  चतुर्थी- नारंगी
  पंचमी- सफेद
  षष्टी- लाल
  सप्तमी- नीला
  अष्टमी- गुलाबी
  नवमी- बैंगनी
•तो मित्रो अब जानते हैं उपाय मंत्र और साधना विधान के बारे में,🌹


नवरात्रि में अगर कुछ नहीं कर सकते तो जितना हो सके अधिक से अधिक नवार्ण मंत्र ‘
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै स्वाहा, 
का जाप अवश्य करें आप स्वयं मजबूत बने,
मित्रों नवरात्रि के दिनों में हर नौ दिन हनुमान जी को पान का बीड़ा अर्पित करें इसके साथ पान वाले एक दो उपाय और है जो इसी पोस्ट में आगे कहे जायेंगे,
मित्रों इन नौ दिनों में अगर अखंड दीपक नहीं जला पा रहे हैं तो सुबह शाम घी या तेल का दीप जलाना न भूलें
पांच प्रकार के सूखे मेवे लाल चुनरी में रखकर माता रानी को अर्पित करें
देवी के मंदिर जाकर उन्हें लाल चुनरी चढ़ाएं और लाल रंग की ध्वजा चढ़ाएं 
मां दुर्गा को मिश्री और इलायची का भोग लगाएं 
अष्टमी, नवमी को छोटी कन्याओं को भोजन और दक्षिणा यानी (पैसे) देकर उनके पैर छूएं 
नवरात्रि के दौरान घर के लिए कोई शुभ सामग्री जैसे, चांदी या सोने या फिर तांबे का कोई बर्तन लें और उसे मां को भेंट करें और फिर उसका प्रयोग करें 
मखाने के साथ सिक्के मिलाकर देवी को अर्पित करें और फिर गरीबों में बांट दें,
नवरात्रि में करें दुर्गा सप्तशती का पाठ

मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि पर दुर्गा का सप्तशती का पाठ करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से माता प्रसन्न होती हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। मान्यताओं के अनुसार दुर्गा शप्तसती का पाठ बिना किसी त्रुटि के होना चाहिए इसलिए पाठ की समाप्ति पर माता रानी से अपनी भूल-चूक की माफी भी मांग लेनी चाहिए,
भयंकर संकट, असाध्य रोग, वंशनाश या धन नाश की नौबत आये तो सौ बार सत्पशती का पाठ करायें। सौ बार पाठ को ही शतचण्डी पाठ कहते हैं,
शरीर में कोई घाव-फोड़ा आदि हो गया हो या आपरेशन कराने की नौबत आ गयी हो तो तीस बार पाठ कराने से फायदा होता है,
सनातन हिन्दू धर्म में स्वास्तिक के चिन्ह का बहुत महत्व है। शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि के पहले दिन मंदिर में और घर के बाहर स्वास्तिक बनाना से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। ऐसा करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है,
नवरात्रि के दौरान घर में तुलसी का पौधा लगाना शुभ माना जाता है. अगर पहले से ही घर में तुलसी का पौधा मौजूद हो तो एक सिक्का लेकर अपनी मन्नत मांगें और इस सिक्के को तुलसी के नीचे मिट्टी में दबा दें. ऐसा करने से उन्नति के नए रास्ते बनने लगेंगे और जीवन में सफलता जरूर मिलेगी,
यदि आप नौकरी की तलाश में है और आप चाहते हैं कि आपको एक बेहतर नौकरी मिले तो आपको नवरात्रि के 9 दिन सुबह उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। उसके बाद माता का पूजन करें और आप अपनी मनोकामना माता से कहें साथ ही स्फटिक की माला लेकरॐ ह्रीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा मंत्र का 9 दिन तक 108 बार प्रतिदिन जप करें। इस उपाय को करने से आपका काम अवश्य बनेगा,
नियमित रूप से दुर्गा सप्तशती अर्गला स्तोत्र का जाप करें और दुर्गा चालीसा का पाठ करें। इस उपाय से घर में धन की वर्षा होगी। नवरात्रि में दुर्गा मंत्र का जाप भी विशेष होता है। इन दिनों में यदि आप इस मंत्र का जाप करेंगी तो लाभदायक होगा,
नवरात्रि में कलश (कलश पर नारियल क्यों रखा जाता है)या घट की पूजा की भी विशेष मान्यता है। इस दौरान यदि आप घर में किसी वजह से घट स्थापित नहीं कर पा रही हैं, तो नियमित रूप से घट की पूजा मंदिर जाकर करें,
नवरात्रि के प्रथम दिन से नौ दिन तक लगातार हनुमान जी के मंदिर में जाकर उन्हें पान का बीड़ा चढ़ाएं। यह बीड़ा आप स्वयं बनाएं। नौ दिन किए गए ये कार्य आप जिस भी मंशा के साथ करेंगे वह जरूर पूरी होगी। वहीं अगर आपको लगता हो क‍ि आपके ऊपर क‍िसी ने कोई टोटका कर द‍िया है तो आपको अखंड ज्‍योत‍ जरूर जलानी चाह‍िए। अगर ऐसा न कर सकें तो नौ दिन सुबह-शाम देवी के समक्ष घी का दीया जलाएं और उस दीपक में 4 लौंग डाल दें, 
अगर आप चाहते हैं क‍ि आपकी मनोकामना पूरी हो जाए। या देवी से क‍िसी मन्‍नत के पूरी होने की प्रार्थना कर रहे हैं, तो नवरात्रि के 9 द‍िनों में से कभी भी देवी के मंदिर में लाल पताका जरूर चढ़ाएं। ऐसा आप घर के मंद‍िर में भी कर सकते हैं और देवी मां के मंद‍िर में भी। वहीं मन की कोई आस पूरी न हो पा रही हो तो नवरात्रि में पूरे नौ दिन पांच प्रकार के सूखे मेवे लाल चुनरी में रखकर देवी को भोग लगाएं और बाद में इस भोग का सेवन सिर्फ आप करें,
देवी मां से सुख और ऐश्वर्य का आशीर्वाद चाहिए तो देवी को नौ दिन लगातार 7 इलायची और मिश्री का भोग लगाएं। इस भोग का सेवन दंपति को ही करना चाहिए। इसके अलावा धन प्राप्ति के लिए नवरात्रि में पूरे नौ दिन रोज एक समय पर देवी को ताजे पान के पत्ते पर सुपारी और सिक्के रखकर समर्पित करें। मान्‍यता है क‍ि ऐसा करने से जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है,
नवरात्र में घर में सोने या चांदी की कोई भी शुभ सामग्री जैसे, स्वास्तिक, ऊं, श्री, हाथी, कलश,दीपक, गरुड़ घंटी, पात्र, कमल, श्रीयंत्र,आचमनी, मुकुट, त्रिशूल आदि खरीद लें और इसे देवी के चरणों मे समर्पित कर दें और नवरात्रि के अंतिम दिन उस सामग्री को गुलाबी कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें। यह उपाय जीवन में कभी भी धन संबंधी समस्‍याएं नहीं आने देता,🌹
नवरात्रि के पहले दिन से अंतिम दिन कर रोजाना घर के मुख्य द्वार पर दोनों तरफ सिंदूर से स्वास्तिक का चिह्न बनाएं और हल्दी मिला हुआ जल अर्पित करें. 
नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के कदमों के निशान घर के अंदर की तरफ जाते हुए लगाएं. आजकल मार्केट में मां दुर्गा के कदमों के निशान वाले स्टीकर आसानी से मिल जाते हैं. आप चाहे तो इन्हें खुद भी लाल पेंट से बना सकते हैं. 
नवरात्र के दौरान माता लक्ष्मी के मंदिर में जाएं. इसके बाद एक लाल कपड़े में थोड़ा सा केसर, हल्दी और चावल को बांधकर माता लक्ष्मी को अर्पित करें और छोड़ा सा चावल लेकर अपने घर को वापस आ जाएं. इन चावलों को उस जगह पर छिड़क दें जहां पर आपका पैसा रहता है. इससे आपको आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा. 
नवरात्र के दौरान पूरे नौ दिन एक तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें गुलाब की पत्तियां और इत्र डालकर घर के मुख्य द्वार पर रखें. इससे घर में माता लक्ष्मी का प्रवेश होता है और नकारात्मकता भी दूर होती है.,,,,,
नवरात्रि के पहले दिन पूजा आदि शुरू करने से पहले घर के मख्य द्वार पर आम या अशोक के पत्तों का बंदनवार लगाना  ना भूलें. ऐसा करने से घर में मौजूद नकारात्मकता दूर होती है. 
नवरात्रि के दौरान आप किसी भी एक दिन पानी में दही मिलाकर नहाएं। यदि आपके हाथ में पैसा लंबे समय तक नहीं टिकता है तो इस उपाय से घर में बरकत होगी और धन की वृद्धि होगी,
मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान दुर्गा के 9 रूपों का हम स्मरण करते हैं। ऐसा माना जाता है कि वह हमारे लिए धन के योग बना सकती हैं। यदि आप नवरात्रि के किसी भी दिन पानी में हरी इलायची डालकर स्नान करेंगी तो आपको अपार धन मिलेगा,
नवरात्रि के दौरान आप धन लाभ के लिए माता लक्ष्मी की विशेष पूजा करें। इस दिन आप श्री सूक्तम का पाठ करें इससे आपको लाभ होगा,,,
दुर्गा जी की नियमित रूप से पूजा अर्चना करें और अगर सामर्थ्य या यथाशक्ति सभी दिन ना हो सके तो उन्हें अष्टमी तिथि के दिन श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं। ऐसा करने से आपके लिए धन के योग तो बनेंगे ही और पति पत्नी के बीच संबंध भी मजबूत होंगे,
नवरात्रि के पांचवे दिन सफेद कौड़ी, कमल गट्टे, साबुत सुपारी, हरी इलाइची, मखाने सभी चीजें 5 की संख्या में लें और मुट्ठी भर हवन सामग्री के साथ मिश्रित करके 108 बार माला जा जाप करते हुए हवन करें,
नवरात्रि की पूजा के दौरान आप हनुमान जी के मंदिर जाएं और उन्हें पान का बीड़ा अर्पित करें। इस उपाय से आपके लिए धन के मार्ग खुलेंगे।
यदि आप नौकरी और व्यापार में उन्नति चाहते हैं तो पान के पत्ते का इस्तेमाल नवरात्रि के नौ दिनों में करें। इन दिनों में आप पान का पत्ता लेकर इसमें कुछ गुलाब की पंखुड़ियां रखें और माता दुर्गा को चढ़ाएं। इस उपाय से आपका रुका हुआ धन भी वापस मिल जाएगा,
नवरात्रि में मंगलवार के दिन हनुमान जी के सामने पान के पत्ते पर सिंदूर से श्री राम लिखकर उन्हें अर्पित करें। अर्पित करते समय एक चीज ध्यान रखें कि ये हनुमान जी के चरण में ना रखें। यह उपाय आपके कार्यों में आ रही सभी अड़चनें दूर कर देगा और आपकी जिंदगी में सुख-शांति और समृद्धि लाएगा।
गृह क्लेश हो रहा हो या कोई परेशानी घर में हो तो नवरात्रि में नौं दिनों तक लगातार पान के पत्ते पर केसर रखकर दुर्गा स्त्रोत और दुर्गा जी की नामावली का पाठ करें। घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होने लगेगा,
नवरात्रि में सुबह ब्रह्म मुहूर्त में 4 से 6 बजे के बीच में मां भुवनेश्वरी और सौभाग्यसुंदरी का ध्यान करें और पान के पत्ते की जड़ को घिसकर उसका तिलक करें। इस उपाय को करने से आपकी वाणी और खूबसूरती में वृद्धि होगी और आकर्षण शक्ति में बढ़ोतरी होगी,
नवरात्रि के शुरुआती 5 दिनों में 1 पान के पत्ते पर ह्रीं लिखकर मां दुर्गा को अर्पित करें, इसके बाद महानवमी के बाद उन 5 पान के पत्तों को अपने पैसे रखने वाली जगह पर रख दें। इस उपाय को करने से दरिद्रता और घोर आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलेगा,
धन संबंधित कोई भी परेशानियां आ रही हों तो नवरात्रि में एक पान के पत्ते पर गुलाब की पंखुड़ियां रखकर मां दुर्गा को अर्पित करें। इससे धन के आगमन में सरलता आएगी,
नवरात्रि के मंगलवार के दिन एक साबूत पत्ता लेकर उसमें लौंग और इलायची रखें। उसका बीड़ा बना लें। हनुमान मंदिर में जाकर यह बीड़ा अर्पित कर दें। कर्ज की समस्या से छुटकारा पाने का यह अचूक उपाय है,
कई सालों से आपकी कोई ख्वाहिश अधूरी है और आप उसे पूरा करना चाह रहे हैं तो यह उपाय आपके लिये कारगार साबित होगा। पान के पत्ते पर दो लौंग रखकर दोनों हाथों से जल में प्रवाहित कर दें। जितनी भी पुरानी इच्छा होगी वो जल्द पूरी हो जाएगी,
नौकरी में प्रमोशन या फिर व्यापार में बढ़ोतरी में अड़चने आ रही है तो नवरात्रि में ये उपाय जरुर करें- पान के पत्ते के दोनों तरफ सरसों का तेल लगाएं और इसे मां दुर्गा को अर्पित कर दें, इसके बाद पान के पत्ते को अपने सिर के पास रखकर सो जाएं। अगले दिन सुबह उठकर पान के पत्ते को किसी दुर्गा मंदिर के पीछे रख आएं। सभी बाधाएं दूर होंगी व कार्य में प्रगति आएगी,,
व्यापार में सफलता प्राप्त करने के लिये नवरात्रि में नौं दिनों तक एक ही समय पर पान का बीड़ा मां दुर्गा के मंदिर में जाकर चढ़ाएं। आपको व्यापार में जरुर ही लाभ होगा। ध्यान रहे की हर दिन एक निश्चित समय पर ही जाएं, वरना लाभ नहीं होगा
नौ दिन पांच प्रकार के सूखे मेवे लाल चुनरी में रखकर देवी को भोग लगाएं नवरात्रि में किसी एक दिन देवी मंदिर में लाल पताका जरूर चढ़ाएं नौ दिन तक लगातार हनुमान जी के मंदिर में जाकर उन्हें पान का बीड़ा चढ़ाएं और अगर हो सके तो राम नाम की पताका जरुर लगाये,
बस मित्रों एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि जो भी उपाय आप कर रहे हों उससे कल्याण होना होना चाहिए। किसी के नुकसान या अहित के लिए किया गया उपाय या टोटका आपके ऊपर भारी पड़ सकता है। हमेशा सच्चे मन और शुद्ध कर्म के साथ होने चाहिए क्योंकि ये सभी उपाय स्वास्थ्य से लेकर धन, आपसी संबंध, शत्रुता आदि से जुड़ी हर समस्या को दूर किया जा सकता है,
नवरात्रि के प्रथम दिन से नौ दिन तक लगातार हनुमान जी के मंदिर में जाकर उन्हें पान का बीड़ा चढ़ाएं। यह बीड़ा आप स्वयं बनाएं। नौ दिन किए गए ये कार्य आप जिस भी मंशा के साथ करेंगे वह जरूर पूरी होगी,
यदि आप पर किसी ने कोई टोटका किया हो या आप किसी रोग से ग्रसित हों तो आपको देवी का नौ दिन अखंड ज्योत जरूर जलाना चाहिए और यदि ऐसा न कर सकें तो नौ दिन सुबह-शाम देवी के समक्ष घी का दीया जलाएं और उस दीपक में 4 लौंग डाल दें,
यदि मन की कोई आस पूरी न हो पा रही हो तो नवरात्रि में पूरे नौ दिन पांच प्रकार के सूखे मेवे लाल चुनरी में रखकर देवी को भोग लगाएं और बाद में इस भोग का सेवन सिर्फ आप करें,
देवी से यदि किसी मनोकामना को पूरा कराना चाहते हैं तो नवरात्रि में किसी एक दिन देवी मंदिर में लाल पताका जरूर चढ़ाएं,
धन प्राप्ति के लिए नवरात्रि में पूरे नौ दिन रोज एक समय पर देवी को ताजे पान के पत्ते पर सुपारी और सिक्के रखकर समर्पित करें,
देवी मां से सुख और ऐश्वर्य का आशीर्वाद चाहिए तो देवी को नौ दिन लगातार 7 इलायची और मिश्री का भोग लगाएं। इस भोग का सेवन दंपति को ही करना चाहिए,
यदि आर्थिक संकट या कर्ज के बोझ से दबे हों तो नवरात्रि में मखाने के साथ सिक्के मिलाकर देवी को अर्पित करें और फिर उसे गरीबों में बांट दें,
नवरात्रि में पहले एक, दूसरे दिन दो ऐस करते हुए क्रमश : नौ कन्याओं को हर दिन भोजन कराएं या जैसा हमने पहले लिखा है अष्टमी या नवमी को उनकी पूजा कर उन्हें दक्षिणा भेंट करें। ये उपाय आपके घर-परिवार पर आने वाले हर सकंट को हर लेगा और आपके घर में सुख-शांति का वास होगा,
नवरात्र में घर में सोने या चांदी की कोई भी शुभ सामग्री जैसे, स्वास्तिक, ॐ, श्री, हाथी, कलश,दीपक, गरूड़ घंटी, पात्र, कमल, श्रीयंत्र,आचमनी, मुकुट, त्रिशूल आदि खरीद लें और इसे देवी के चरणों मे समर्पित कर दें और नवरात्रि के अंतिम दिन उस सामग्री को गुलाबी कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें। यह उपाय आपके घर में धन वर्षा करा देगा,,,,,
वैसे तो मित्रों मां के 9 दिन अखंड दीपक जलता है लेकिन अगर आप अखंड दिया नहीं जला सकते हैं तो सुबह-शाम घी या तेल का दीपक जरूर जलाएं. इस दीपक में अगर आप 4 लौंग डालेंगे तो आपका घर हर तरह की बुरी नजर से बचा रहेगा. ,,
पूजा-पाठ से जुड़ी चीजें अक्सर चांदी की खरीदने की सलाह दी जाती है. इसलिए नवरात्रि में चांदी का स्‍वास्तिक, हाथी, दीपक, कलश, श्रीयंत्र, या मुकुट आदि में से कोई एक चीज चांदी की खरीद लें. नौ दिन तक इसे देवी के चरणों में रखें. नवरात्रि के आखिरी दिन इस चीज को गुलाबी कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी या पैसे रखने की जगह पर रख दें,
ऐसा करने से आपके घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहेगी. 

बाबा हनुमान जी को खुश करने के लिए बहुत से भक्तजन पान हर रोज मंदिर जाकर पान का बीड़ा चढ़ाते हैं. अगर आप हर रोज यह नहीं कर सकते हैं तो नवरात्रि के 9 दिन यह काम करें. ऐसा करने से आपकी हर इच्‍छा पूरी होगी. यह बीड़ा अपने हाथों से पूरे भक्ति-भाव से बनाएं और हनुमान जी को अर्पण करें,,, 
मित्रों बहुत बार पूरी मेहनत के बावजूद हमारे काम नहीं बनते हैं. अगर आपका कोई काम या इच्‍छा अटकी हुई है तो इसे पूरा करने का नवरात्रों से अच्छा कोई मौका नहीं. इसके लिए आप 5 तरह के मेवे लाल चुनरी में रखें और हर दिन मां दुर्गा को चढ़ाएं,,
मित्रों किस राशि वाले को क्या करना चाहिए,, 
मित्रों नवरात्रि में किसी भी दिन अपने घर में आप नागकेसर का पौधा जरूर लगाएं। ये ऐसा पौधा है जो देवी लक्ष्मी को बहुत आकर्षित करता है। देवी इस पौधे के लगते ही आपके घर में आ जाएंगी और आपको धन पाने के नए रास्ते मिलेंगे,,,,
यदि धन आते ही चला जाता है तो नवरात्रि पर गुलर के दो फल लेकर आएं और देवी के चरणों में इसे रख कर फिर अपनी तिजोरी में लाल कपड़े में लपेट कर रख दें। धन आने का जरिया बना रहेगा,,,,
पीपल के पत्ते पर सिंदूर से ‘श्रीं’ लिखें और देवी को चढ़ाकर बाद में अष्टमी के दिन अपनी तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से धन की बढ़ोत्तरी होगी,,
गुलाब के फूल में कपूर रखकर माता लक्ष्मी के सामने रखे। फिर माता महालक्ष्मी के मन्त्र का 6 माला जप करें। शाम के समय फूल में से कपूर लेकर जला दें और फूल देवी को चढ़ा दें,,
नवरात्र के चौथे दिन पान के पत्ते में गुलाब की सात पंखुड़िया रखें और महालक्ष्मी का मूल मन्त्र पढ़ते हुये पान को देवी मां को चढ़ा दें,,
नवरात्र के दौरान घर में मोर पंख लाकर उसे मंदिर में स्थापित करने से कई फायदे होते हैं। मोर पंख को भगवान का अंश माना जाता है। मां लक्ष्मी की ए‍क सवारी में से मोर भी होता है। नवरात्र में मोर पंख घर में लाने से आपके घर में मां लक्ष्मी का वास होता है और सुख समृद्धि भी बढ़ती है,
नवरात्रि में 9 सफेद कौड़ियों को लाल रूमाल या लाल कपड़े में बांधकर घर की तिजोरी में रखने से धन में वृद्धि होती है,,
नवरात्री में नवमी के दिन किसी निर्धन बालिका को वस्त्र और उपहार देकर आशीर्वाद लें,,,
यदि आपके बनते काम बिगड़ जाते हैं तो आपको नवरात्रि की नवमी को लोहे के पात्र में जल भरे और इसमें चीनी, दूध और घी मिला कर पीपल के की जड़ में चढ़ना चाहिए। इससे आपकी समस्या दूर हो जाएगी,,,,
नवरात्र में किसी पूराने अशोक वृक्ष की जड़ का पूजन करने से मांदुर्गा की कृपा से धन-सम्पत्ति में वृद्धि होती है,,,
नवरात्रि में पीपल के पेड़ पर सफेद रंग की ध्वजा चढ़ाने से आकास्मिक धन की प्राप्ति का योग बनता है,,
नवरात्रि की अष्टमी पर देवी दुर्गा को कमल का फूल चढ़ाएं और फिर इसे लाल वस्त्र में लपेट कर उनके चरणों में रखें। इसके बाद इस पर सिंदूर लगा कर उसे अपनी तिजोरी में रख दें। धन की आपको कभी कमी नहीं होगी,,,
दुर्गाष्टमी के दिन श्री यंत्र की स्थापना करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है,,,
नवरात्रि में किसी भी दिन प्रातःकाल गाय को गन्ना या गुड़ खिलाने से जीवन की समस्याएं दूर हो जाती हैं,,
नवरात्रि के मौके पर नौ कन्याओं को भोजन कराने और उन्हें श्रृंगार के साथ उपहार देने से धन की कमी दूर होती है,,
अगर शुक्रवार के दिन लक्ष्मी जी के मंदिर में शंख, कोड़ी, कमल का फूल, मखाने, बताशे, खीर और गुलाब का इत्र चढ़ाया जाए तो मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं,,,,,
यदि नौकरी चली गई है या नौकरी मिल नहीं रही तो नवरात्रि में रोज पीपल के पेड़ की जड़ में कच्चा दूध चढ़ाएं। साथ ही शाम के समय देवी मां के सामने घी का दीपक जलाएं। ये उपाय आपकी समस्या दूर कर देगा,,,
घर में मौजूद नकारात्मक शक्तियों को दूर कर आप अपने धन संकट से बच सकते हैं। इसके लिए नवरात्रि में किसी भी दिन मुख्य द्वार पर नींबू और मिर्च टांग दें और जब ये सूखने लगे नया लगा दें,,,,
नवरात्रि में किसी भिखारी या गरीब को कुछ अनाज का दान करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है,,,
बाबा हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि में उन्हें बूंदी के लड्डू चढ़ाना अच्छा माना जाता है। इससे आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी,,
नवरात्रि में इन मन्त्रों का जाप करने से भी मां लक्ष्मी की प्राप्ति होती है,,,,

दुर्गे स्मृता हरसिभीतिम शेष जन्तो:।

स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।।

दारिद्रयदु:ख हारिणी का त्वदन्या।

सर्वोपकारणाय सदाऽर्द्रचित्ता।।

या

ते सम्मता जनपदेषु तेषां।

तेषां यशांसि न च प्रसीदति धर्म वर्ग:।।

धन्यास्त एव निभृतात्मज भृत्यदारा।

येषां सदाभ्युदयदा भगवती प्रसन्ना।।

श्री दुर्गा सप्तशती से इन सम्पुट मंत्रों में से किसी एक मन्त्र का सम्पुट लगाकर अनुष्ठान करें या करवाएं। कठिन हो तो सिर्फ मंत्र की 11 या 21 माला रोज करें। यह भी कठिन लगे तो नित्य एक माला का जाप करें। हवन-पूजन नित्य करें। निश्चित लाभ होगा,,,,

माता महालक्ष्मी मन्त्र-

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद

श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः

इस मन्त्र का 108 बार जप करने से आपको अथाह धन की प्राप्ति होगी नादान बालक की कलम से आज बस इतना ही बाकी फिर कभी,,,
अब राशि विधान कहते हैं,
नवरात्रि पर देवी पूजा के समय आपको अपनी राशि के अनुसार कौन सा पुष्प प्रसाद और आसान माला भोग होना चाहिए,

मेष राशि —
चूंकि मेष राशि के जातकों का संबंध मंगल ग्रह से होता है। इसलिए आपको देवी मां पूजन में आपको गुड़हल, लाल गुलाब या फिर कोई अन्य लाल रंग का फूल का उपयोग पूजन में किया जाना चाहिए। इस राशि के लोगों को मां के भवनी स्वरूप की आराधना करनी चाहिए माता को लाल फूल चढ़ाएं लाल वस्त्र पहन कर पूजा करें लाल चंदन की माला से मां के मंत्रों का जाप करें भोग में गुड लाल रंग की कोई भी मिठाई चढ़ा सकते हैं हो सके तो निर्वाण मंत्र का जाप करें अति फलदाई है 

वृष राशि —
वृष राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है। ऐसे में इस राशि के जातकों को सफेद कमल, सफेद गुड़हल, सदाबहार, बेला, हरसिंगार आदि सफेद फूल का उपयोग किया जाना चाहिए। इससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस राशि वालों को मां सरस्वती की आराधना करनी चाहिए सफेद वस्त्र पहने सफेद फूल चढ़ाएं सफेद चंदन स्फटिक की माला से कोई भी मां दुर्गा का जो मंत्र याद हो उसी का जाप करें प्रसाद में सफेद बर्फी या मिश्री का भोग लगा सकते हैं,,,

मिथुन राशि —
मिथुन राशि के जातकों का संबध बुध ग्रह से होता है। इसलिए इस राशि के जातकों को देवी दुर्गा को पीला कनेर, गुड़हल, गेंदा आदि का पुष्प अर्पित करने चाहिए। इस राशि के लोग मां भुवनेश्वरी की आराधना करें हरे वस्त्र पहन कर हरे आसन पर बैठकर हरे पुष्प शक्ति युक्त अर्पण करें तुलसी की माला से जाप करें मां गायत्री या किसी भी दुर्गा मंत्रों का जाप कर सकते हैं खीर का भोग लगाएं

कर्क राशि —
चंद्र ग्रह से संबंधित कर्क राशि के जातक को गुप्त नवरात्रि पर देवी दुर्गा की पूजा करते समय चमेली, रातरानी, सदाबहार पुष्प को विशेष रूप से अर्पित करना चाहिए। इन फूलों के न मिलने की कंडीशन में आप गेंदा और गुड़हल के फूलों का भी उपयोग किया जा सकता है इस राशि के लोग मां भैरवी देवी की आराधना करें चावल और दही चढ़ाएं मिश्री का भोग लगाएं स्फटिक की माला से जाप करें या चंदन की माला से कर सकते हैं सफेद उससे अपने किसी भी मिठाई का भोग लगा सकते,,,,

सिंह राशि —
चूंकि सिंह राशि का संबंध सूर्य से है। इसलिए इस राशि के जातकों को शुभ फल की प्राप्ति के लिए गुप्त नवरात्रि पर कमल, गुलाब, कनेर या फिर गुड़हल का फूल मां दुर्गा को अर्पित करना चाहिए। इस राशि के लोग देवी मां के जया स्वरूप की आराधना करें गुलाबी वे हल्के लाल रंग के पुष्प आदि से पूजन करें गुलाबी आसन हो माला गुलाबी हकीक की हो प्रसाद में आप कोई भी मिठाई अर्पण कर सकते,,,

कन्या राशि —
कन्या राशि का संबंध बुध ग्रह से है। ऐसे में इस राशि के जातकों को गुलाब, गेंदा, हरसिंगार आदि जैसे सुगंधित फूलों का उपयोग करना आपको शुभ फल की प्राप्ति करा सकता है। इस राशि के लोग मां चंद्रघंटा स्वरूप की आराधना करें हरा वस्त्र पहन कर अरे आसन पर बैठकर पत्ती युक्त पुष्प अर्पित करें तुलसी की माला से जाप करें मां गायत्री दुर्गा मंत्रों का जाप कर सकते हैं प्रसाद में खीर का भोग लगाएं,,,

तुला राशि —
तुला राशि का स्वामी शुक्र होने से मां दुर्गा की कृपा के लिए इन्हें सफेद कमल, सफेद कनेर, गेंदा, जूही और हरसिंगार के फूल पूजन में उपयोग करना चाहिए। अगर आपकी तुला राशि है तो ऐसे में जातकों को शुक्र ग्रह की शुभता भी प्राप्त होगी। इस राशि के लोग मां महालक्ष्मी की आराधना करें सफेद वस्त्र धारण करें सफेद फूल अर्पित करें और सफेद चंदन या स्फटिक की माला कोई भी मां दुर्गा का मंत्र जो आपको याद हो वह जाप और हवन कर सकते हैं प्रसाद में सफेद बर्फी या मिश्री का भोग लगा सकते हैं

वृश्चिक राशि —
ज्योतिष के अनुसार वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल देव हैं. ऐसे में शक्ति की साधना करते समय वृश्चिक राशि के जातकों को लाल रंग के पुष्प जैसे गुलाब, गुड़हल, लाल गेंदा आदि का विशेष रूप से प्रयोग करना चाहिए. इस उपाय को करने पर देवी के साथ मंगल ग्रह की शुभता भी प्राप्त होगी. इस राशि के लोग देवी मां कालरात्रि की आराधना करें माता को लाल फूल चढ़ाएं लाल वस्त्र पहन कर पूजा करें लाल चंदन की माला से देवी मंत्रों का जाप करें वह मैं आप लाल रंग की मिठाई भी ले सकते हैं,,

धनु राशि —

ज्योतिष के अनुसार धनु राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति होने के कारण धनु राशि वालों को पूजा में कमल, कनेर, गुड़हल, गुलाब आदि का पुष्प चढ़ना चाहिए । इस राशि वाले लोग मां मातंगी स्वरूप की आराधना करें पीले वस्त्र धारण करें पीले पुष्पों से पूजा करें माता को हल्दी चढ़ाई हल्दी की माला से बगलामुखी या मां दुर्गा का कोई भी मंत्र हो जो आपको याद हो उसका आप जप हवन कर सकते हैं इसका लाभ पा सकते हैं पीली मिठाई केले का भोग लगाएं,,,

मकर राशि —

मकर राशि का स्वामी शनिदेव होने के कारण इस राशि के जातकों को विष्णुकांता जिसे अपराजिता भी कहते हैं का उपयोग करना चाहिए। साथ ही कमल का फूल चढ़ाना भी इन्हें शुभता दिलाता है। अगर ये फूल न मिलें तो गेंदा, गुलाब, गुड़हल का फूल चढ़कार पूजा की जा सकती है इस राशि के लोग मां शारदा देवी की आराधना करें आसमानी रंग के आसन पर बैठकर नीले फूलों से पूजा करें नीलमणि की माला से जाप करें प्रसाद में पुणे से बनी मिठाई यह हलवे का भोग लगाएं

कुंभ राशि —

कुंभ राशि का स्वामी शनिदेव होने के कारण इस राशि के जातकों को जातकों को विष्णुकांता, अपराजिता के फूल चढ़ाना शुभ होता है। इसके अलावा आप चाहें तो कमल, गेंदा, गुलाब, गुड़हल आदि का भी पुष्प अर्पित कर सकते हैं और इस राशि के लोग मां कालका की प्रार्थना करें नीले रंग के आसन का प्रयोग करें नीलम या नीले रंग की हकीक की माला से जाप करें प्रसाद में उड़द की बनाई मिठाई यह हलवा चढ़ाये,

मीन राशि —

ज्योतिष में धनु राशि की तरह मीन राशि के भी स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। अत: मीन राशि वालों को कमल, कनेर, गुड़हल, गुलाब आदि के पुष्प चढ़ाकर मां को प्रसन्न करना चाहिए मित्रों इस राशि के लोग देवी गौरी की आराधना करें। पीले वस्त्र धारण करें, पीले फूल चढ़ाएं। हल्दी की माला से बगुलामुखी या दुर्गा जी का कोई भी मंत्र का जप ध्यान कर लाभ पा सकते है। नैवेद्य हेतु पीली मिठाई व केले चढ़ाएं,🌹
आईये जानते हैं देवी दुर्गा के दिव्य हथियार क्या हैं?
देवी दुर्गा ने अपने दिव्य शस्त्रों से भूमि (पृथ्वी) पर अत्याचार करने वाले सभी राक्षसों का वध किया है। वह सृष्टि और जीवन की अग्नि ऊर्जा है, और भगवान शिव की शक्ति है। देवी दुर्गा के पास दिव्य हथियार हैं जो विशेष अर्थ रखते हैं। 
1. शंख - शंख से निकली ध्वनि को ब्रह्मांड की सभी ध्वनियों में सबसे शुद्ध और पवित्र माना जाता है। शंख ब्रह्मांड की मूल ध्वनि "ओम" का उत्सर्जन करता है। इसलिए, शंख इस बात का प्रतीक है कि इस ब्रह्मांड की सभी ध्वनियों में ईश्वर की ध्वनि प्रमुख है।
2. धनुष और बाण - धनुष और बाण ऊर्जा के प्रतीक हैं। जबकि धनुष संभावित ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, तीर गतिज ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। जैसा कि देवी दुर्गा अपने हाथों में धनुष और तीर दोनों रखती हैं, यह दर्शाता है कि वह ब्रह्मांड में ऊर्जा के सभी स्रोतों को नियंत्रित करती हैं।
3. वज्र - देवी के हाथों में वज्र दृढ़ता का प्रतीक है। देवी अपने भक्त को अदम्य आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति के साथ सशक्त बनाती है।
4. आधा फूला हुआ कमल - देवी दुर्गा के हाथ में आधा फूला हुआ कमल इस बात का प्रतीक है कि हालांकि सफलता निश्चित है, फिर भी यह अंतिम नहीं है। यह भी प्रतीक है कि जैसे-जैसे कमल कीचड़ के बीच बढ़ता है, मनुष्य को ब्रह्मांड के भौतिकवादी सुखों के कीचड़ में भी अपने मन को आध्यात्मिक रूप से विकसित करना सीखना होगा।
5. तलवार - तलवार ज्ञान और गहरी बुद्धि का प्रतीक है। तलवार की चमक और चमकने वाली शक्ति ज्ञान का प्रतिनिधित्व करती है जो मानव अस्तित्व का सबसे शक्तिशाली हिस्सा है और यह तथ्य कि ज्ञान को कभी जंग नहीं लगती है। आप ज्ञान नामक तलवार से ब्रह्मांड की सारी लड़ाई जीत सकते हैं।
6. सुदर्शन चक्र - सुंदर सुदर्शन चक्र (डिस्क) जो देवी की तर्जनी पर घूमता है वह धार्मिकता या धर्म का प्रतीक है। यह माना जाता है कि देवी दुर्गा द्वारा दुनिया को नियंत्रित किया जाता है और वह बुराई को नष्ट करने और धार्मिकता की रक्षा करने के लिए इस अमोघ अस्त्र का उपयोग करती है।
7. त्रिशूल (त्रिशूल) - 'त्रिशूल' या त्रिशूल तीन गुणों का प्रतीक है - सत्व (मोक्ष), राजस (शांति) और तमस (शांति)। शांति और मोक्ष प्राप्त करने के लिए सभी में तीनों गुणों का एक सही संतुलन होना चाहिए। 
8. अभय मुद्रा - अभय मुद्रा का मतलब है कि देवी दुर्गा के दस हाथों में से एक हमेशा अपने भक्तों को आशीर्वाद देने की स्थिति में होता है। यह इस तथ्य पर जोर देता है कि वह हमेशा अपने भक्तों पर कृपा बरसाएंगी और उन्हें मुसीबत से हमेशा बचाकर रखेंगी। 
9. गदा - यह प्रतीक है कि मनुष्यों को देवी दुर्गा की भक्ति के प्रति निष्ठावान होना चाहिए और उन्हें अपने जीवन में प्रेम, निष्ठा और भक्ति को छूना चाहिए। हम अपने जीवन में जो कुछ भी करते हैं, उसमें हमें प्रेम और भक्ति रखनी चाहिए और परिणाम को सर्वशक्तिमान की इच्छा के अनुसार छोड़ना चाहिए।
10. साँप - साँप आनंद की अनुभूति के आग्रह के साथ चेतना की निचली अवस्था से उच्च अवस्था में जाने का प्रतीक है।

मित्रों नवरात्रि पर कई तरह की पूजाएं होती हैं। #सात्विक और #तंत्रोक्ति तामसिक, या अन्य विभिन्न प्रकार पर मुख्यात ,#तामसिक #स्धाविक। यदि आपकी कोई मन की इच्छा पूरी न हो पा रही हो तो नवरात्रि में इन उपायों को अजामा कर देंखें। मान्यता है कि नवरात्रि में किसी भी प्रकार के उपाय अपनाने से वह जरूर फलीभूत होते हैं बस बात शुद्ध अंतःकरण की होती है। मित्रों यहां अगर कुछ मंत्र विधान नहीं दिये गये है तो जो आपको मंत्र याद हो उनका ही पुनशृचरण कर सकते हैं बस जो भी करें उनको सार्वजनिक ना करे, नादान बालक की कलम से आज बस इतना ही बाकी फिर कभी ,,,🌹🌹🌹
जय मां जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश 🙏🏻🌹🌹🌹🙏🏻

आइये जानते हैं कब है धनतेरस ओर दिपावली पूजा विधि विधान साधना???

* धनतेरस ओर दिपावली पूजा विधि*  *29 और 31 तारीख 2024*  *धनतेरस ओर दिपावली पूजा और अनुष्ठान की विधि* *धनतेरस महोत्सव* *(अध्यात्म शास्त्र एवं ...

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