कई बार ऐसा देखा गया है कि कई बार उपाय करने पर भी आदमी के कष्टौ का निवारण नही होता या किसी पर प्रेतबाधा से ग्रासित होना जौ आसनी से पीछा नही छोडती या उसको पीडा से मुक्ति नही मिलती घबराये नही इन सभी मे पूर्वजन्म के संस्कार या आप के कर्मा का फल भी हो सकता है
: इनसे छुटकारा आप अपने आप पा सकते है ।।प्रेत बाधा से ग्रसित व्यक्ति खुद देवी माँ और भैरव उपासना करे ।।तो उनसे छूटकारा पाया जा सकता है।।
अगर कोई आत्मा ज्यादा उग्र है या वो दीर्घायु है तो वो ताकतवर होगी ही यही सच है
और ऐसी बलवान आत्माये उस व्यक्ति का जीवन दुख से भर देती है।।
ऐसे आपको कुछ इंतजार करना पड सकता है पर इनसे छूटकारा संभव है।।
प्रेतबाधा के लिये आप कालविकाल वान प्रयोग कर सकते है :
अगर आपके कष्टो का अंत नही हो रहा है लाख जतन करने पर भी हो सकता है ये आपके पर्वजन्म के संस्कार हो। अगर माँ और भैरव के प्रयोग करने पर भी आपके कष्टो का अंत नही हो रहा है तो आप साथ मे बाबा हनुमान जी और प्रभु गणेश का प्रयोग भी साथ मे करे या स्वामी कार्तिक दुर्गा पाठ और रूद्रपाठ 100,या 50 की सूख्या मे किसी योग्ये ब्राह्मण से करा सकते है आप की श्रद्धा अनुसार ।।तो आपको कष्टो से मुक्ति मिल सकती है ।।कई पूजनीये इससे सहमत हो कोई जरूरी नही ये हमारा अनुभव है आप मानो या ना मानो ये आपके ऊपर है ।।
: काल विकाल बाण प्रयोग है क्या ।।
इस काल विकाल बाण प्रयोग स्तोत्र मे पहले सभी दिशाओं का बंधन होता इसमे आन है शिव शक्ति की इसमे सभी जीव जन्तऔ का बंधन और सभी देवताओं की माया का बंधन है सभी देवी देवताओं की माया और उनका स्वय का बंधन है इसका प्रयोग उचित गुरु की देख रेख मे होता है इसमे ब्रह्मास्त्र विधी का प्रयोग होता है इसके प्रयोग के साथ साथ एक अन्य विद्वान रूद्री , कार्तिक और प्रभु गणेश जी के जप करे और कोई अन्य विद्वान माँ दुर्गा पाठ करे ।
: पर ये स्तोत्र एल साईज के बीस पेज जितना बडा है इसलिए लिखने मे वक्त लगेगा ।।पर देगे जरूर ।।
जय माँ जय महाकाल ।।अलंख आदेश।।
: इनसे छुटकारा आप अपने आप पा सकते है ।।प्रेत बाधा से ग्रसित व्यक्ति खुद देवी माँ और भैरव उपासना करे ।।तो उनसे छूटकारा पाया जा सकता है।।
अगर कोई आत्मा ज्यादा उग्र है या वो दीर्घायु है तो वो ताकतवर होगी ही यही सच है
और ऐसी बलवान आत्माये उस व्यक्ति का जीवन दुख से भर देती है।।
ऐसे आपको कुछ इंतजार करना पड सकता है पर इनसे छूटकारा संभव है।।
प्रेतबाधा के लिये आप कालविकाल वान प्रयोग कर सकते है :
अगर आपके कष्टो का अंत नही हो रहा है लाख जतन करने पर भी हो सकता है ये आपके पर्वजन्म के संस्कार हो। अगर माँ और भैरव के प्रयोग करने पर भी आपके कष्टो का अंत नही हो रहा है तो आप साथ मे बाबा हनुमान जी और प्रभु गणेश का प्रयोग भी साथ मे करे या स्वामी कार्तिक दुर्गा पाठ और रूद्रपाठ 100,या 50 की सूख्या मे किसी योग्ये ब्राह्मण से करा सकते है आप की श्रद्धा अनुसार ।।तो आपको कष्टो से मुक्ति मिल सकती है ।।कई पूजनीये इससे सहमत हो कोई जरूरी नही ये हमारा अनुभव है आप मानो या ना मानो ये आपके ऊपर है ।।
: काल विकाल बाण प्रयोग है क्या ।।
इस काल विकाल बाण प्रयोग स्तोत्र मे पहले सभी दिशाओं का बंधन होता इसमे आन है शिव शक्ति की इसमे सभी जीव जन्तऔ का बंधन और सभी देवताओं की माया का बंधन है सभी देवी देवताओं की माया और उनका स्वय का बंधन है इसका प्रयोग उचित गुरु की देख रेख मे होता है इसमे ब्रह्मास्त्र विधी का प्रयोग होता है इसके प्रयोग के साथ साथ एक अन्य विद्वान रूद्री , कार्तिक और प्रभु गणेश जी के जप करे और कोई अन्य विद्वान माँ दुर्गा पाठ करे ।
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