Friday, October 13, 2023

कब है नवरात्रि और क्या मंत्र विधान साधना करे?????

मित्रों आप सभी को जय मां बाबा की आप सभी को ज्ञात है कि 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही है उससे एक दिन पहले सुर्य ग्रहण है जिसका कोई प्रभाव भारत में मान्य नहीं होंगा


चलये आगे बढ़ते हैं और नवरात्रि विधान कहते हैं,,
नवरात्रि घट स्थापना और मुर्हुत,,,,
मित्रों शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है और 9 दिनों तक विधि-विधान से पूजन किया जाता है सनातन धर्म पंचांग के अनुसार इस बार कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 44 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. यानि केवल 46 मिनट के लिए ही कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है  इसलिए कलश स्थापना से पहले ही सारी तैयारियां कर लें ताकि शुभ मुहूर्त में पुरा विधान सही से सम्पन्न हो सके,,
अब जानते हैं कौन से दिन किसकी पुजा की जाती है ,,
1, 15 अक्टूबर 2023 - मां शैलपुत्री (पहला दिन) प्रतिपदा तिथि
2, 16 अक्टूबर 2023 - मां ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन) द्वितीया तिथि
3, 17 अक्टूबर 2023 - मां चंद्रघंटा (तीसरा दिन) तृतीया तिथि
4, 18 अक्टूबर 2023 - मां कुष्मांडा (चौथा दिन) चतुर्थी तिथि
5, 19 अक्टूबर 2023 - मां स्कंदमाता (पांचवा दिन) पंचमी तिथि
6, 20 अक्टूबर 2023 - मां कात्यायनी (छठा दिन) षष्ठी तिथि
7, 21 अक्टूबर 2023 - मां कालरात्रि (सातवां दिन) सप्तमी तिथि
8, 22 अक्टूबर 2023 - मां महागौरी (आठवां दिन) दुर्गा अष्टमी          
9, 23 अक्टूबर 2023 - महानवमी, (नौवां दिन) शरद नवरात्र व्रत पारण
10, 24 अक्टूबर 2023 - मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन, और भैरव पुजा तिथि दशमी तिथि (दशहरा पुजन)
मित्रौ इन दिनों मां दुर्गा की अलग अलग रूपो में पुजा जप साधना विधान भी होते हैं और अन्य देवी देवताओं की भी जप तप किया जाता है हम यहां कुछ जप मंत्र हम यहां प्रषित कर रहे हैं ,,,,,,
आप नौ दिन में क्या क्या कर सकते हैं वो यहां हम दे रहे हैं,,
1. ललितासहस्रनामम्
2. राज राजेश्वरी अष्टकम
3. दुर्गा स्तोत्रम्
4. महालक्ष्मी अष्टकम
5. सरस्वती अष्टकम
6. महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम्
7. श्री ललिता पंचरत्नम
8. श्री नवदुर्गा रक्षा स्तुति।
9. देवी सूक्तम
इन 9 दिनों में आप किसी भी देवी मंत्र का जाप कर सकते हैं।
देवी दुर्गा के लिए पहले तीन दिन
देवी लक्ष्मी के लिए अगले 3 दिन
देवी सरस्वती के लिए अंतिम 3 दिन 
इनके अलावा आप अपने इष्ट देवी देवताओं की भी पुजा जप तप किये जा सकते हैं,,,,
आईये अब जानते हैं कुछ मंत्र विधान,,,
नवरात्रि में इन मंत्रों से ऊर्जा आती है और ये सभी शक्तिशाली नवरात्रि मंत्र नीचे सूचीबद्ध हैं:
"ॐ दम दुर्गायै नमः": यह मंत्र देवी दुर्गा को नमस्कार है, उनकी दिव्य ऊर्जा और सुरक्षा का आह्वान करता है।
"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे": यह मंत्र देवी चामुंडा, जो कि दुर्गा का एक रूप है, को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि यह शक्ति और साहस प्रदान करता है।
"ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महा काली देवी नमः": यह मंत्र देवी काली को समर्पित है, जो दुर्गा के उग्र रूपों में से एक हैं। इसका जाप सुरक्षा और बाधाओं को दूर करने के लिए किया जाता है।
"ॐ सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते": यह मंत्र देवी दुर्गा को नमस्कार है, उनसे आशीर्वाद और सुरक्षा की प्रार्थना करता है।
"या देवी सर्व भूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः": यह मंत्र सभी प्राणियों में देवी की उपस्थिति को स्वीकार करता है और उनका आशीर्वाद मांगता है।
"ॐ दम दुर्गायै नमः": यह मंत्र "दम" ध्वनि का दोहराव है, जो ड्रम की ध्वनि का प्रतिनिधित्व करता है, जो देवी दुर्गा से जुड़ा है।
"या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः": यह मंत्र देवी को दिव्य मां के रूप में सम्मानित करता है और उनकी कृपा चाहता है,,,
आप नवरात्रि के दौरान इन मंत्रों का भी जाप कर सकते हैं,,,
ॐ क्रीं कालिकायै नमः (ॐ क्रीं कालिकायै नमः)
ॐ दम दुर्गायै नमः (ॐ दम दुर्गायै नमः)
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी, दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते॥
ॐ सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्रयंबके गौरी नारायणी नमोऽस्तुते,,,,
मित्रों सभी मंत्रों का अपना अपना महत्व और क्रिया है इनके अलावा और कुछ मंत्र विधान है जो हम यहां दे रहे हैं,,,
मित्रों सुख और सौंदर्य को बढ़ाने वाला मंत्र
जीवन में हर किसी ख्वाहिश होती कि वह हमेशा सुंदर दिखें और उसका रूप-रंंग और यौवन कायम रहे. यदि आपकी भी कुछ ऐसी ही कामना है और आप चाहते हैं कि आपका सालों-साल तक रूप और यौवन कायम रहे तो आपको देवी दुर्गा के नीचे दिए गये मंत्र का जाप नवरात्रि के 09 दिनों तक प्रतिदिन करना चाहिए.,,,,
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्. रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥ 
मित्रों यदि किसी कन्या के विवाह में बाधा आ रही हो या फिर तय होने के बाद भी बात बिगड़ जाती हो तो उसे मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए इस नवरात्रि में विशेष रूप से माता कात्यायनी की पूजा करें और नीचे दिए गये मंत्र का प्रतिदिन श्रद्धा और विश्वास के साथ कम से कम एक माला जप जरूर करें.,,,,,,
ॐ कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।
नन्दगोपसुते देवि पतिं मे कुरु ते नमः॥
मित्रों जीवन से जुड़े तमाम प्रकार के सुख-साधनों को पूरा करने वाले धन की जरूरत हर किसी को होती है. इसके लिए हर कोई संभव प्रयास भी करता है, लेकिन कई बार दुर्भाग्य के चलते कुछ लोगों के पास धन की देवी मां लक्ष्मी नहीं टिकती हैं. यदि आपके साथ भी कुछ ऐसा ही है और तमाम प्रयास के बाद भी पैसों की किल्लत बनी रहती है तो आपको इस नवरात्रि लगातार 09 दिनों तक नीचे दिए गये मां लक्ष्मी के महामंत्र का जाप पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करना चाहिए.
या देवि सर्व भूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
मित्रों नवरात्रि के 09 दिनों में न सिर्फ देवी पूजा नहीं बल्कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की साधना का भी बहुत ज्यादा महत्व है  ऐसे में नवरात्रि के 09 दिन देवी दुर्गा के साथ भगवान राम की पूजा करना बिल्कुल न भूलें. मान्यता है कि यदि नवरात्रि के 09 दिनों तक कोई व्यक्ति देवी की साधना के साथ भगवान राम के नीचे दिए गये महामंत्र का जप करता है तो उसकी सभी बाधाएं दूर और कामनाएं पूरी होती हैं.,,,,,
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने॥
मित्रों इनके अलावा आप बाबा हनुमान जी और बाबा कालभैरव की भी साधना विधान होते हैं,, नादान बालक की कलम से आज बस इतना ही बाकी फिर कभी, मित्रों अगर उग्र साधना विधान हो तो बिना गुरु की आज्ञा के नहीं करे यहां जितने मंत्र विधान है वो सभी सौम्य है,,,
मित्रों अगर कुछ नहीं सुझ रहा हो और दिक्कते ज्यादा हो तो मां दुर्गा कवच भी रोज एक माला जरुर करे ताकि सारी बाधाएं दुर हो जाती है यही अटल सत्य है,,,,,
मां बाबा आप सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करे यही मां बाबा से हमारी प्रार्थना है 🌹🙏
जय मां जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश 🌹🙏

जानिए कब है ग्रहण अक्टूबर महीने मे दो ग्रहण है क्या करे?????

मित्रों इस महीने में दो ग्रहण पड़ रहे हैं जिसमें एक ग्रहण का प्रभाव भारत में नहीं होगा और एक का भारत में पुणे प्रभाव होगा ,
मित्रों इस साल अक्टूबर महीने में दो ग्रहण लगेंगे जिसमें पहला आश्विन अमावस्या शनिवार 14 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, मध्य अमेरिका, उत्तरी अफ्रीका के पश्चिमी छोर, अटलांटिक और प्रशांत महासागर में दिखाई देगा. वहीं भारत में शनिवार, 28 अक्टूबर को आश्विन पूर्णिमा पर लगने वाला चंद्रग्रहण दिखाई देगा. इसके अलावा यह ग्रहण अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, पश्चिमी और दक्षिणी प्रशांत महासागर, अफ्रीका, यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका के पूर्वी उत्तरी भाग में दिखाई देगा. यह ग्रहण अश्विनी नक्षत्र मेष राशि पर लगेगा. भारतीय मानक समय के अनुसार ग्रहण का आरंभ 28-29 की रात्रि 1:05 बजे, स्पर्श 1:44 बजे, मध्य और मोक्ष 2:24 बजे होगा,,,,
मित्रों 14अक्टूबर, बृहस्पतिवार को इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. यह ग्रहण 14 अक्टूबर को रात 08 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा और रात 02 बजकर 25 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल नहीं माना जाएगा. यह ग्रहण कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में होगा,,,
मित्रों भारत में दिखाई देने वाला पहला और आखिरी चंद्र ग्रहण खंडग्रास चंद्र ग्रहण होगा जो 28-29 अक्टूबर, आश्विन शुक्ल पूर्णिमा शनिवार की रात को भारत में दिखाई देगा , और मित्रों 28-29 अक्टूबर को पड़ने वाले खंडग्रास चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले यानी 28 अक्टूबर की शाम 4:05 बजे से शुरू हो जाएगा धर्म शास्त्रों के अनुसार सूतक काल के दौरान भोजन से परहेज करने के साथ-साथ श्राद्ध आदि धार्मिक कार्य करने चाहिए ग्रहण के दौरान किया गया मंत्र सिद्ध माना जाता है इसमें जो मंत्र सिद्ध किये गये है उनका पउनश्चरण भी किया जाता है और अपने गुरू मंत्र का जाप भी किया जाता है और सभी मंत्रों के साथ हवन जाप किया जाये तो और भी पावरफुल ऊर्जा का संचार होता है, बच्चों, बूढ़ों और रोगियों को छोड़कर सभी को सनातनी का अनुसरण करना चाहिए , चंद्रास्त के समय ग्रहण की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी हिस्से, उत्तरी प्रशांत महासागर और रूस में दिखाई देगी. चंद्रोदय के समय ग्रहण का अंत ब्राजील और कनाडा के पूर्वी भाग और उत्तरी और दक्षिणी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा. भारत में ग्रहण की पूर्ण अवधि एक घंटा 19 मिनट की होगी, , मित्रों इन दोनो ग्रहण से कुछ लाभ तो कुछ हानियों भी होगी जो निम्न प्रकार से है, 14 अक्टूबर से 4 नवंबर तक आकाश मंडल में भारी उथल-पुथल देखने को मिलेगा. नादान बालक की कलम से आज बस इतना ही बाकी फिर कभी मित्रों जिसमें 14 और 28 अक्टूबर को दो ग्रहण होंगे, 30 अक्टूबर को राहु-केतु का राशि परिवर्तन और 4 नवंबर को शनि का कुंभ राशि पर सीधी चाल यानी 14 अक्टूबर से 4 नवंबर तक ये 20 दिन खगोलीय घटनाओं में खास रहेंगे. जिसका असर पृथ्वी पर प्राकृतिक आपदा, भूकंप, महामारी, सुनामी, बड़े देशों में युद्ध की स्थिति और राजनीतिक परिणाम भारत समेत पूरी दुनिया में देखने को मिलेंगे. ग्रहण का प्रभाव- ग्रहण 15 दिनों तक रहता है , इस बार शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को होगी ग्रहण का सूतक लगने के कारण सूतक से पहले ही इनकी पूजा कर लेनी चाहिए ,, मित्रों ग्रहण का शुभ प्रभाव इन चार राशियों वालों को मिलेगा. इसमें मिथुन, कर्क, वृश्चिक और कुंभ शामिल हैं. मिथुन राशि को आर्थिक लाभ, कर्क राशि को चतुर्दिक लाभ, वृश्चिक राशि को मनोवांछित लाभ और कुंभ राशि को श्रीवृद्धि का लाभ होगा,,, नादान बालक की कलम से आज बस इतना ही बाकी फिर कभी,,
जय मां जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश 🌹🙏

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