मित्रों इस महीने में दो ग्रहण पड़ रहे हैं जिसमें एक ग्रहण का प्रभाव भारत में नहीं होगा और एक का भारत में पुणे प्रभाव होगा ,
मित्रों इस साल अक्टूबर महीने में दो ग्रहण लगेंगे जिसमें पहला आश्विन अमावस्या शनिवार 14 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, मध्य अमेरिका, उत्तरी अफ्रीका के पश्चिमी छोर, अटलांटिक और प्रशांत महासागर में दिखाई देगा. वहीं भारत में शनिवार, 28 अक्टूबर को आश्विन पूर्णिमा पर लगने वाला चंद्रग्रहण दिखाई देगा. इसके अलावा यह ग्रहण अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, पश्चिमी और दक्षिणी प्रशांत महासागर, अफ्रीका, यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका के पूर्वी उत्तरी भाग में दिखाई देगा. यह ग्रहण अश्विनी नक्षत्र मेष राशि पर लगेगा. भारतीय मानक समय के अनुसार ग्रहण का आरंभ 28-29 की रात्रि 1:05 बजे, स्पर्श 1:44 बजे, मध्य और मोक्ष 2:24 बजे होगा,,,,
मित्रों 14अक्टूबर, बृहस्पतिवार को इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. यह ग्रहण 14 अक्टूबर को रात 08 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा और रात 02 बजकर 25 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल नहीं माना जाएगा. यह ग्रहण कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में होगा,,,
मित्रों भारत में दिखाई देने वाला पहला और आखिरी चंद्र ग्रहण खंडग्रास चंद्र ग्रहण होगा जो 28-29 अक्टूबर, आश्विन शुक्ल पूर्णिमा शनिवार की रात को भारत में दिखाई देगा , और मित्रों 28-29 अक्टूबर को पड़ने वाले खंडग्रास चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले यानी 28 अक्टूबर की शाम 4:05 बजे से शुरू हो जाएगा धर्म शास्त्रों के अनुसार सूतक काल के दौरान भोजन से परहेज करने के साथ-साथ श्राद्ध आदि धार्मिक कार्य करने चाहिए ग्रहण के दौरान किया गया मंत्र सिद्ध माना जाता है इसमें जो मंत्र सिद्ध किये गये है उनका पउनश्चरण भी किया जाता है और अपने गुरू मंत्र का जाप भी किया जाता है और सभी मंत्रों के साथ हवन जाप किया जाये तो और भी पावरफुल ऊर्जा का संचार होता है, बच्चों, बूढ़ों और रोगियों को छोड़कर सभी को सनातनी का अनुसरण करना चाहिए , चंद्रास्त के समय ग्रहण की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी हिस्से, उत्तरी प्रशांत महासागर और रूस में दिखाई देगी. चंद्रोदय के समय ग्रहण का अंत ब्राजील और कनाडा के पूर्वी भाग और उत्तरी और दक्षिणी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा. भारत में ग्रहण की पूर्ण अवधि एक घंटा 19 मिनट की होगी, , मित्रों इन दोनो ग्रहण से कुछ लाभ तो कुछ हानियों भी होगी जो निम्न प्रकार से है, 14 अक्टूबर से 4 नवंबर तक आकाश मंडल में भारी उथल-पुथल देखने को मिलेगा. नादान बालक की कलम से आज बस इतना ही बाकी फिर कभी मित्रों जिसमें 14 और 28 अक्टूबर को दो ग्रहण होंगे, 30 अक्टूबर को राहु-केतु का राशि परिवर्तन और 4 नवंबर को शनि का कुंभ राशि पर सीधी चाल यानी 14 अक्टूबर से 4 नवंबर तक ये 20 दिन खगोलीय घटनाओं में खास रहेंगे. जिसका असर पृथ्वी पर प्राकृतिक आपदा, भूकंप, महामारी, सुनामी, बड़े देशों में युद्ध की स्थिति और राजनीतिक परिणाम भारत समेत पूरी दुनिया में देखने को मिलेंगे. ग्रहण का प्रभाव- ग्रहण 15 दिनों तक रहता है , इस बार शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को होगी ग्रहण का सूतक लगने के कारण सूतक से पहले ही इनकी पूजा कर लेनी चाहिए ,, मित्रों ग्रहण का शुभ प्रभाव इन चार राशियों वालों को मिलेगा. इसमें मिथुन, कर्क, वृश्चिक और कुंभ शामिल हैं. मिथुन राशि को आर्थिक लाभ, कर्क राशि को चतुर्दिक लाभ, वृश्चिक राशि को मनोवांछित लाभ और कुंभ राशि को श्रीवृद्धि का लाभ होगा,,, नादान बालक की कलम से आज बस इतना ही बाकी फिर कभी,,
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