जो लोग अभिचार कर्म करते है ओर डाकिनी,शाकिनी या ओर किसी अन्य शैतान के माध्यम से पुजा करते है या कुछ पल के लिए क्षणिक सुख की कामना मे वो रास्ता भटक जाता है ओर सुर असुर मे फर्क महसूस नही करते व दुसरो की पीडा हो अनुभव नही कर सकते तो उनको गति मलिना मुश्किल है आज कल जहाँ देखो काफी तांत्रिक व अघोरी भरे पडे है दुनिया मे जो माँ महामाया, माँ महाकाली या बाबा भूतेश्वर, प्रेतराज, बाबा भैरव के नाम पर श्मशान या अऩ्य विराने मे या किसी खण्डहर मे बलि या तामसिक पुजा करते नजर आते ये वो लोग होतै है जो अघोर पंत जैसे पवित्र पंथ को बदनाम करते है जो भोले भाले ग्रामीणो को या किसी प्रेत का साधना करके चमत्कार करके उन कमजोर व्यक्तियो को निशाना बनाते है जो ये तो अपना विश्वास खो चुके है या जो इनके बारे मे जानतै हुये भी अनजान बनते है.. ...
नागा साधु।। या अघोरी को बुरे नही होते यह सब मान सम्मान. अपमान से परे होते है जो एकदम सरल सीधी भाषा मे मे बोले तो सारे जगत को ये अपना समझने वाले होते है.. जो अपने मोक्ष दाय देवता के अलावा किसी से कुछ नही मागंता ये सब समय काल परिस्थिति सै ऊपर जा चुके होते है....
पर कुछ टीवी चैनल ओर उनके कथित मालिक या पत्रकार इन पंथो के बारे मे आम जनता मे इतना डर बैठा चुका है कि लोग इनसे डरने लगे है...
पंच मंकार की साधना भी अघोरीयो मे होती है पर वो सारी साधनाये अपने आप मे काफी रहस्यमय है जिनको कुछ टोचे या ओछे व्यक्तियो ने इनका नाम खराब किया है वो सारी साधनाये निर्जीवो के साथ पुणे की जाती है पर कुछ असामाजिक तत्वो ने सनातन धर्म को बदनाम करने के लिये इस धर्म की जितनी शाखाये है समय समय पर फिल्मो या नेताओ द्वारा आरोप या प्रत्यारोप किया गया है इसलिए आप जब तक किसी के बारे मे पुणेयता समझ ना ले उसके बारे मे या किसी भी पंथ के बारे मे टिप्पणि ना करे ओर जब आपको कोई गलत संदेश या किसी की टिप्पणीयों मिले तो उसका मुंह तोड जवाब दे हमारा तो यही कहना है....
बाकी श्मशान साधना से जो सिद्धियां माँ या बाबा को मंत्र शक्ति या अन्य किसी को मजबुर या किसी भी अनचाहे बलि देकर अर्जित करते हैं या की गयी हो यह सब....
अंत समय यही सिद्धियां दुखदायी बन जाती है ओर इनका गलत प्रयोग आपको नाश ओर प्रेतयोनी मे जाने पर विवश कर देता है इसलिए जो भी करे सोच समझकर करे किसी का हक मारने की मतलब है कि आप खुद अपने परिवार को विनाश की ओर ले जा रहे हो अगर आपके पास कुछ है तो उनको अच्छे काम मे लगाये... ...
कुल का नाश होजाता है.....
और वंशोन्नति नहीं होती....
इसलिये इसका प्रयोग न करना ही बेहतर है..
रावण....मेघनाद ये साधनाएं करते थे उनका परिणाम आप सभी के सामने है खैर जो जिसकी पुजा करेगा वो उसी को जायेगा यह भी सत्य है देवता की पुजा करेगा तो निश्चित ही उनको पा लेगा ओर भुतो या अन्य धर्म को मानेगा तो उनको ही जायेगा प्रेतयोनी मे भी भटकना पड सकता है जिस तरह महापंडित रावण की गलतियों से उसके कुल का सर्वनाश हो गया था ।।.....
सब कुछ आपके सामने है फिर आपकी सोच ओर आपका विवेक... स्ताविक मे भी तामसिक पुजा होती है इसके बारे मे फिर कभी जानेगे...
पर अभी सात्विक पूजन ही करें
सत्य सनातन संस्कृति ही हमारी पहचान है
जो कोई भगवान् को अपने हृदयमें बसाता है,
उसको भगवान् अपने हृदयमें बसा लेते हैं
हमारी बातो से आप सहमत हो ये कोई जरुरी नही ये हमारी निजी राय है आप सभी के लिये मानो तो अच्छा ना मानो तो बहुत अच्छा.... नादान बालक की कलम से.....
जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश...
नागा साधु।। या अघोरी को बुरे नही होते यह सब मान सम्मान. अपमान से परे होते है जो एकदम सरल सीधी भाषा मे मे बोले तो सारे जगत को ये अपना समझने वाले होते है.. जो अपने मोक्ष दाय देवता के अलावा किसी से कुछ नही मागंता ये सब समय काल परिस्थिति सै ऊपर जा चुके होते है....
पर कुछ टीवी चैनल ओर उनके कथित मालिक या पत्रकार इन पंथो के बारे मे आम जनता मे इतना डर बैठा चुका है कि लोग इनसे डरने लगे है...
पंच मंकार की साधना भी अघोरीयो मे होती है पर वो सारी साधनाये अपने आप मे काफी रहस्यमय है जिनको कुछ टोचे या ओछे व्यक्तियो ने इनका नाम खराब किया है वो सारी साधनाये निर्जीवो के साथ पुणे की जाती है पर कुछ असामाजिक तत्वो ने सनातन धर्म को बदनाम करने के लिये इस धर्म की जितनी शाखाये है समय समय पर फिल्मो या नेताओ द्वारा आरोप या प्रत्यारोप किया गया है इसलिए आप जब तक किसी के बारे मे पुणेयता समझ ना ले उसके बारे मे या किसी भी पंथ के बारे मे टिप्पणि ना करे ओर जब आपको कोई गलत संदेश या किसी की टिप्पणीयों मिले तो उसका मुंह तोड जवाब दे हमारा तो यही कहना है....
बाकी श्मशान साधना से जो सिद्धियां माँ या बाबा को मंत्र शक्ति या अन्य किसी को मजबुर या किसी भी अनचाहे बलि देकर अर्जित करते हैं या की गयी हो यह सब....
अंत समय यही सिद्धियां दुखदायी बन जाती है ओर इनका गलत प्रयोग आपको नाश ओर प्रेतयोनी मे जाने पर विवश कर देता है इसलिए जो भी करे सोच समझकर करे किसी का हक मारने की मतलब है कि आप खुद अपने परिवार को विनाश की ओर ले जा रहे हो अगर आपके पास कुछ है तो उनको अच्छे काम मे लगाये... ...
कुल का नाश होजाता है.....
और वंशोन्नति नहीं होती....
इसलिये इसका प्रयोग न करना ही बेहतर है..
रावण....मेघनाद ये साधनाएं करते थे उनका परिणाम आप सभी के सामने है खैर जो जिसकी पुजा करेगा वो उसी को जायेगा यह भी सत्य है देवता की पुजा करेगा तो निश्चित ही उनको पा लेगा ओर भुतो या अन्य धर्म को मानेगा तो उनको ही जायेगा प्रेतयोनी मे भी भटकना पड सकता है जिस तरह महापंडित रावण की गलतियों से उसके कुल का सर्वनाश हो गया था ।।.....
सब कुछ आपके सामने है फिर आपकी सोच ओर आपका विवेक... स्ताविक मे भी तामसिक पुजा होती है इसके बारे मे फिर कभी जानेगे...
पर अभी सात्विक पूजन ही करें
सत्य सनातन संस्कृति ही हमारी पहचान है
जो कोई भगवान् को अपने हृदयमें बसाता है,
उसको भगवान् अपने हृदयमें बसा लेते हैं
हमारी बातो से आप सहमत हो ये कोई जरुरी नही ये हमारी निजी राय है आप सभी के लिये मानो तो अच्छा ना मानो तो बहुत अच्छा.... नादान बालक की कलम से.....
जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश...
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यदि आपको वेब्सायट या ब्लॉग बनवानी हो तो हमें WhatsApp 9829026579 करे, आपको हमारी पोस्ट पसंद आई उसके लिए ओर ब्लाँग पर विजिट के लिए धन्यवाद, जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश 🙏🏻🌹