विजयदश्मीओर लंकापति रावण दहन भारत का सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण त्योहारों में से है ....
जो की आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी के दिन मनाया जाता है|ये पावन पर्व हर साल नवरात्रि के बाद दसवें दिन में प्रभु श्री राम का लंकापति रावण पर विजय पाने की ...
और ....
माँ दुर्गा का महिषासुर पर विजय विजय पाने की ख़ुशी में मनाया जाता है ..
इसीलिए इस त्योहार को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है ...
नवरात्रि के दिन 9 दिनों तक कई जगह में राम लीला का आयोजन किया जाता है ...
रामलीला में कलाकार रामायण के पात्र बनते हैं ...
और भगवान् राम का रावण के साथ युद्ध करके अपनी धर्मपत्नी सीता को उसके चंगुल से चुदा कर वापस अयोध्या की तरफ आने तक का पूरा सफ़र नाटकीय रूप में दर्शाया जाता है...
और दशहरा (विजयादशमी) के दिन उस युद्ध का अंत करके राम लीला के बड़े बड़े खुले मैदानों में रावण का पुतला ,साथ में मेघनाद और कुम्भकरण का पुतला भी जलाया जाता है...
पर टीवी पर धारावाहिको मे पोरौणिक कथा के आने से राम लीला मंचन ओर माँ दुर्गा की लीला मंचन करने वालो का टोटा है ...
क्योकि स्पेशल इफेक्ट के जरिए टीवी पर मजा आता है ..
पर आजकल टीवी पर हिन्दु सनातनी परम्परा को तोड मरोड कर पेश किया जाता है ...
पर चमत्कार की वजह से हम सब खुश होते है वेसे भी इस बारे मे कुछ नही कहाँ जा सकता क्योकि जब तक ...
अन्याय के रूप में अब नेताओं का भ्रष्टाचार हैं,
रावण के रूप में नेताओं का अत्याचार हैं,
भ्रष्टाचार और अत्याचार मिटाने के लिए शंख बजेगा,
जब हर घर से एक राम निकलेगा.
तो ही अपना भारतवर्ष वापस सनातनी बनेगा...
यही सत्य है नेताओ की पनाह मे यह सब होता है हिन्दु धर्म को विनाश की ओर मोडा जा रहा है..
आने वाले समय मे शायद लोग इसको भी भी भुल जाये की दशहरा ओर विजयदश्मी क्या होती है..
पर हम आप सभी को ये क्यू बता रहे है आज तो इन दोनो की शुभकामना देनी है....
चलो आगे बताते है
ओर कई जगहों पर माता दुर्गा का मिटटी की प्रतिमा बनाया जाता है जिसमें माँ दुर्गा महिषासुर का वध करती दिखाई देतीं हैं.....
दशहरा (विजयादशमी) के दिन इस मूर्ति का पूजन किया जाता है...
और बहुत धूम धाम से विजयदशमी मनाया जाता है....
इस दिन जगह जगह पर मेले लगाये जाते हैं और अनेक प्रकार की वस्तुओं जैसे खानेपीने के सामान, बच्चों के लिए खेलने का सामान और अनेक प्राकर के घर सजावट के सामान का बिक्री किया जाता है .....
जैसा हमारे आसीन्द मे भी पिछले दस सालो से इस परम्परा का निर्वाह किया जा रहा है....
पर दशहरे का मतलब कोई नही समझता दशहरे ओर विजयदश्मी का मतलब क्या हे पहले वो जान ले..
दशा हारा एक संस्कृत शब्द है..
दशहरा ओर विजयदश्मी इन दोनो का मतलब ही अच्छाई पर बुराई की जीत.....
पर रावण दहन तो होता है पर अपने अंदर बैठे रावण का दहन कोई नही करता यही सत्य है.....
ओर इनका मतलब यही है कि आप के भीतर दस बुरे गुणों को दूर करना...
जैसे...
कामवास (वासना)..
क्रोध (क्रोध)...
मोहा (अनुलग्नक)...
लोभ (लालच)...
मादा (गर्व पर)...
मत्सर (ईर्ष्या)...
स्वार्थ (स्वार्थ)...
अन्याया (अन्याय)...
अमानवत्ता (क्रूरता)...
अहंकार (अहं)...
दोनों ही रूपों में दशहरा (विजयादशमी) शक्ति पूजन का पर्व है...
और इस दिन शास्त्र पूजन की तिथि भी होती है इस दिन कोई भी नया कार्य शुरू करने को शुभ माना गया है ....
क्यूंकि ऐसे मान्यता है की विजयादशमी के दिन प्रारंभ किया हुआ कार्य में विजय आवश्य ही प्राप्त होता है...
दशहरा (विजयादशमी) पर्व को भगवान् की जीत के ख़ुशी में और बुराई पर अच्छाई का प्रतिक मानकर इस त्यौहार को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है...
दशहरा के दिन लोग अपने वाहनों को साफ़ करके ,उसका पूजन करते हैं ..
सब कोई अपने व्यापारों की मुख्य वस्तुओं की पूजन करते हैं जैसे की किसानों अपनी जानवर और फसलों का, व्यापारी अपने लेखा और तराजू का, मैकेनिक अपने मशीनों का आदि क्यूंकि ऐसा माना जाता है ....
की दशहरा पर इन सब का पूजन करने से व्यापार में व्रुदी होती है इस दिन लोग नए कपडे पहन कर मेलों का आनंद उठाने के लिए चलते हैं ...
और साथ में अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को दशहरा (विजयादशमी ) की बधाइयां देते हैं पर जब तक आप अपने भीतर के रावण को जो,आग खुद लगायेंगे, तब तक आपके लिए दशहरे ओर विजयदश्मी का कोई मतलब नही होगा...
खैर आज हम आप सभी ये क्यू कह रहे है नेता दीमक की तरह देश को खा रहे है ओर जनता आँखे बंद करके बैठी है मस्त सो रही है..
खैर जाने दो आज हमे तो आपको विजयदश्मी ओर दशहरे की शुभकामनाएं देनी है हम भी क्या फालतू बात कर रहे है....
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माँ की ज्योति से नूर मिलता है,
सबके दिलों को सुरूर मिलता है,
जो भी जाता है माता के द्वार,
उसे कुछ ना कुछ ज़रूर मिलता है।
अधर्म पर धर्म की विजय
असत्य पर सत्य की विजय
बुराई पर अच्छाई की विजय
पाप पर पुण्य की विजय
अत्याचार पर सदाचार की विजय
क्रोध पर दया, क्षमा की विजय
अज्ञान पर ज्ञान की विजय
रावण पर श्रीराम की विजय के पावन पर्व पर..
खुशी आप के कदम चूमे
कभी ना हो दुखों का सामना
धन ही धन आए आप के आँगन,
दशहरा के शुभ अवसर पर
हमारी है यही मनोकामना
रावण की तरह सभी के मन के विकारों का नाश हो,
माँ दुर्गा ओर प्रभु श्रीराम का हृदय में सर्वदा वास हो...
बुराई का होता हैं विनाश,
दशहरा लाता है उम्मीदों की आस,
हर व्यक्ति के अंदर की बुराई का हो नाश,
आपके घर में ईश्वर का सदा वास.
ओर...
हो आपकी जिंदगी में खुशियों का मेला
कभी ना आए कोई झमेला
सदा सुखी रहे आपका बसेरा..
मुबारक हो आपको यह विजयदश्मी का त्यौहार ओर शुभ दशहरा...
आप आपके परिवार को विजयदश्मी ओर दशहरे की बहुत बहुत शुभकामनाएं...
जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश
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