Friday, April 20, 2018

माँ सिद्ध विधा स्तुति

है माँ अब तेरी माया तू ही जाने है, दया मैया पिताम्बरा अब तो,तू ही तू,
है मैया राजराजेश्वरी, त्रिपुरा सुंदरी ललिताम्बके बस तू ही तू बस तू ही तू,
है माँ काली,कंकाली महाकाली भद्रकाली बस,तू ही तू तेरा भेद रहा गुप्त हो या गुह्वा,
जिसको कोई समझ ना पाया चाहे,हो दुर्गा चाहे हो काली कल्याणी,
माँ बस तेरी शक्ति ओर लीला अपरम्पार चाहे, हो,कमला,मातंगी,श्यामंं,तारा या हो,भैरवी, कमला,छिन्नमस्ता,
अरू ओ,धुमावती मैया या हो भुवनेश्वरी मैया,जो भी करे तूम सब मे भेद वो नही,समझ पाये कभी सिद्ध विधा भेट,
ना बीज जपे ना मंत्र जपे फिर भी हो,कृपा तुम्हारी माते कहे नादान बालक,
आपका की जीवन भर दिया है आसरा,आगे भी बनी रहे कृपा तेरी माँ बाबा के रूप मे,
जो गया है वो भी वापस आया है तेरी कृपा से,नादान बालक की बस एक ही कामना ओर, प्रार्थना है,
आये जो तेरे द्वारा खाली ना जाये,ओर जो आये तेर इस दर पर वो भूखा,कभी ना जाये ओर हमारे उसके घर जाने पहले ,
ओ मैया आपको है वहाँ पहुचना खुशी आये हमारे जाने से पहले यही है कामना सर्वदा करे नादान बालक,
आपसे यही कामना है पिताम्बरी सदा दया दृष्टि बनाये रखना है मैया चाहे हो श्री कुल या हो काली कुल या हो,
सहस्त्र दुर्गा तेरी ही छाया तेरे ही रुप है आदिशक्ति जगदजननी जगदंबा सर्वदा तेरी जय हो,
अपने चरणो से दुर ना करना कभी ये जन्म हो या हो कोई ओर जन्म जब आँखे खुले तेरा ही चेहरा ओर चरण नजर आये,
सर्वदा जय हो आदिशक्ति माँ जगत जननी जगदंबा की ,

जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश,,
🙏🏻🌹🌹🌹🌹🌹🙏🏻

Tuesday, April 17, 2018

अपने आपको बदलो दुसरो को बदलने की जरूरत नही है

दोस्तो आज एक बात यहाँ कहना चाहाते है आप सभी आजाद देश के नागरिक है आप सभी को कुछ भी कहने का अधिकार है वो बात अलग है कि हिन्दुस्तान मे हिन्दू ही बेगाना हुआ पडा है यहाँ कोन किसको समझा सकता है ,

दोस्तो किसी को समझना या किसी बात पर जोर देने पर भाई ही भाई पर भडक जाता है क्यू पता नही क्या यही आपका सनातन हिन्दू धर्म है कोई हिन्दू भाई देवी देवता को गाली गलोच करता है तो कोई तस्वीरो पर गंदी मानसिकता दिखाता है कोई मूर्ति पुजा का विरोध तो कोई दुध अभिषेक का विरोध तो कोई शृंगार का विरोधी,, भाई लोगो ये कोई बाहर के नही ये अपने ही भाई है हाँ जी ये वो हिन्दू है जो चश्मा लगाये हुये किसी को आप समझाते है वो समझ नही पाते क्यू क्योंकि तुम्हारे शब्द उसकी समझ से बाहर होते है आप अपने आचरण ओर शब्दो को समझ ले उतना ही काफी है क्योंकि किसी को समझाने की बजाय आप अपने शब्दो मे लोगो को वो दिजिये जिससे वो समझ सके वरना आपको सफाई या सुलह करने की कोई जरूरत नही है यही सत्य है क्योंकि आदमी शब्दो को नही समझा सकता शब्द ओर आचरण का ही महत्व है चाहे भौतिक हो या आध्यात्मिक बार बार किसी को समझाना या समझने से अच्छा है स्वयंम समझ लो वो ही आपके लिए अति सुंदर होगा क्योंकि दुसरो को बदलने से अच्छा है स्वयंम बदल लिजिये किसी को आगे करने की बजाये स्वयंम आगे हो जाये धर्म युद्ध हो या जीवन युद्ध किसी को तो आगे बढना ही है, अगर भगवान श्री वासुदेव श्री कृष्ण स्वयम चाहाते तो महाभारत के युद्ध को एक क्षण मे खत्म कर सकते थे पर उन्होने धनुर्धर अर्जुन को ओर पाण्डंवो को आगे किया ओर अन्याय के खिलाफ धर्म को जीत दिलावाई इसलिए वो भगवान तुम्हें प्रेरणा ओर रास्ता बता सकते है जीवन, धर्म युद्ध तो आपको ही लडना पडेगा ही यही सत्य है ओर आप सच्चे है तो किसी को बहस या सफाई देने की जरूरत नही बस आपको अपना रास्ता बदलने की जरूरत है आप अपना रास्ता बदल लो, वो ही आपके लिए ठीक रहेगा ,,इसलिए आपको अपना आचरण ओर व्यवहार किसी के लिए बदलने की जरूरत नही ना ही किसी को समझाने की आप हो क्या ओर आप करना क्या चाहते है ओर आपका उदेश्ये क्या है ओर आपके साथ कोन सी ईश्वरीय शक्ति है किसी को जताने की या जगाने की आवश्यकता नही है जब उसकी आत्मा या उसको सच्चाई ग्यान हो जायेगा तो वो समझ ही जायेगा इसलिए कि समझने की जरूरत स्वयंम को है किसी के समझने या किसी के समझाने से आप पर कोई असर हो या ना हो पर स्वयंम को बदल लो किसी ओर को बदलने की जरूरत नही अपनी इच्छाओ ओर अपनी कामना के लिए आप अपने कर्मा का विस्तार किजिये अपने माता पिता गुरू ओर इष्ट के बताये राह पर चलये यही सत्य है बाकी सच्चाई का कभी सामना करना है कि आप हो क्या तो श्मशान चले जाना वहाँ किसी लाश या चिता को जलते हुये देख लेना आपको भान हो जायेगा की वहाँ आपके शरीर की क्या दुर्दशा होगी इसलिए जो करना है जीवन काल मे कर लिजिये ,एक पल का भरोसा है नही ओर बात सौ साल की होती है कल क्या होगा किसी को पता नही पर आप अपने आज को सुधार लो सामने वाला स्वयंम सुघर जायेगा यही सत्य है बाकी आना जाना रूकना तो चलता ही रहेगा, नादान बालक की कलम से आज बस इतना ही बाकी फिर कभी आगे जैसी माँ बाबा की इच्छा ओर कृपा, अपने आपको बदल लो दुनिया को बदलने की जरूरत नही है यही सत्य है यहाँ भेड चाल का बोल बाला है ना कि किसी पर  विश्वास करने का यहाँ गुरू सब बनना चाहते है शिष्य कोई नही बनना चाहता़, बडा सब बनना चाहता है पर सीखना कोई नही चाहाता, यहाँ सभी किसी ना किसी को नीचा दिखाना चाहाते है पर आगे बढाना कोई नही चाहता ,पर हम कोई ग्सानी ध्यानी या संत महात्मा नही है, हो सकता है *निकट भविष्य मे हम अपना मोबाइल बंद कर दे क्योंकि हम अपने आपको बदलना चाहते है* किसी ओर को नही हम अपने हिसाब से जीना चाहाते है किसी को सफाई देने की हमे जरुरत नही है जो आज किसी को नीचा दिखाकर या दुखः देकर ऊपर जा रहे है उनका भी अच्छा वक्त आयेगा ये ध्यान रहे ये ओघंड वाणी है जो सर्वदा उल्टी बहती है बाकी माँ बाबा जाने ओर उनका काम जाने हमे क्या करना है या नही करना है किसी से जानने की आवश्यकता नही है छोटी से जिंदगी है ना स्वर्ग की मोह है ना मोक्ष की आशा ना सौ साल जीने की तमन्ना बस किसी को सही राह दिखा सके वो ही हमारे लिये काफी होगा बाकी आप सभी विद्धवान है समझदार है संत है संन्यासी है ग्यानी है विद्वान है बाकी हम तो नादान बालक है,,
रुप ओर शरीर का महत्व नही है महत्वपूर्ण है आचरण ओर सत्यता जो आपके पास होनी चाहिए सच का साथ देना आपका धर्म है ओर कर्तव्य भी किसी चापलूस से डरने की जरुरत नही है कोई कडवा बोलता है तो इसका ये मतलब कभी नही होगा की वो आपका दुश्मन है, नही वो आपका हितैषी भी हो सकता है कोई मीठा बोलने या चापलूसी करने वाला आपका साथी होगा वो अपना स्वार्थ ही सिद्ध करेगा यही सत्य है अब समझना है तो स्वयंम समझ लो बाकी भगवान समझाने नही आयेगा आपको यहाँ यही सत्य  है,,,
आगे जैसी माँ बाबा की इच्छा ओर कृपा,,,,,ं

जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश
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Wednesday, April 11, 2018

बीज मंत्र ओर गुरू रहस्य भाग 2

जैसी की सभी पुजा मे बीज मंत्रो का कही ना कही संपुट लगता ही लगता है तो क्या उनका दोष जाने बिना जाप किया जा सकता है केवल दोष मुक्त उनको बाकी गुरू आदेश सर्वोपरि होता है जहाँ गुरू आदेश लगता है वहाँ गुरू क्रिया कार्य करती है यही सत्य है ।।बीज मंत्रो के बारे मे जितना हो सके कल लिखते है

जिस तरह हर उपासना, साधना,भक्ति, मे भेद होते है चाहे वो वैदिक हो बोधिक या बीजमंत्रोक्ति ,या तंत्रोक्ति उसी तरह हर बीज मंत्र को आवश्यकता अनुसार जपा जा सकता है
जैसे अपने गुरू को पकड कर उसमे श्रद्धा व्याप्त करना यानि यही अपना सर्वोसर्वा है तो वो आपको बिना जप तप किये आपको सब कुछ दे सकता है यह भी परमात्मा का एक ही रूप है वो बोले जो आपके लिये बह्मवाक्य बन जाये तो वो ही आपके लिए महाबीज मंत्र है यही सत्य है जैसे सर्य ,गुरू ,या भगवान के किसी भी अवतारी पुरष हो या उनका ही रूप मे मानना वो ही एक प्रकार से श्रद्धा या आस्था का भाव हो तो वो भी उनके लिए भगवान से मिलने का एक जरिया है

जिस तरह हम सभी धरो मे तस्वीर या मंदिरो मे मुर्तियो को पुजा करते है या उनके सामने साधना या मंत्र जप हवन इत्यादि करते है तो क्या वो हमारी पुजा जप तप ग्रहण करते है क्या है ।।
कभी सोचा है कि वो मूर्तियाँ या ये तस्वीरे है क्या, क्या इनके भगवान है जी नही भगवान आपकी आस्था ओर श्रद्धा से ही उनमे पाण प्रतिष्ठा होती है फिर यही आपका विश्वास ही उनमे उनका प्रतिरूप लाने मे कामयाब होता है  वो ही आपको फिर ईश्वर से मिलाने मे या साक्षात्कार करवाने मे कामयाब रहती है यही सत्य है बाकी भेजो पुजो कुछ भी करो कुछ नही होने वाला
गुरू अवमानना ही आध्यात्मिक का सबसे बडा रोडा या बाधा है पर गुरू की निंदा महा दोष है मंत्रो मे हेर फेर महादोषी बाकी जैसी जिसकी सोच ओर भाग्य ।।
ओर माँ बाबा की इच्छा ओर कृपा
गुरू के बिना कोई साधना या सिद्धि नही हो सकती गुरू वो जीवआत्मा है जो आपको परमात्मा से मिलवाती है इसलिए गुरू किसी का भी हो या गुरू कोई भी आदर अनादर आपके ऊपर है निन्दा या कटु वचन वो सब आपके ऊपर है किसी का भी गुरू हो वो गुरू तूल्य होता है ईश्वर से मिलने का एक मात्र माध्यम ही गुरू है वो अपने श्री वाणी से ही आपको कुछ दे उस पर शंका या सवाल ना हो यही सत्य है बाकी जिसको शंका ओर सवाल हो वो ही रूक सकते है गुरू जो क्रिया या मंत्र देता है तो पुणे विश्वास ओर आस्था के साथ करये निश्चित रूप से उसका फल जरूर मिलेगा बाकी आध्यात्मिक ओर भौतिक जीवन की सबसे बडी दुश्मन है पर नारी ये आपको किसी भी शेत्र मे सफलता हासिल नही करने देगी घर की नारी देवी स्वरूपा ओर शक्ति पूरा होती है इसलिए उनसे दोनो जगह आपको सफलता ओर साधना निश्चित रूप से मिलेगी बाकी जो संन्यासी है उनके लिये तो गति गुरू ही प्रदान करते है यह भी सत्य है गुरू क्रिया ओर मंत्र देता है उनको गति शिष्य को देनी होती है
किसी भी जगह सूक्ष्म, स्थूल, प्रतिमा, या निरांकार को पुजा जाता है पुणे भक्ति भाव से तो वहाँ आस्था ओर श्रद्धा आपको आगे ले जाती है ,मान हो पर अभिमान ना हो ,गर्व हो पर घमण्ड ना हो, गुरू हो पर गरूर ना हो यही आध्यात्मिक की पहली सीडी है ।।
ओर साधना तप पुजा हो पर सत तत्व की अपने कर्म ओर कार्य की पुजा करे उतना ही अच्छा है पर पुणे मनोयोग से ।।

शरीर के साथ रिश्ते बदलते है पर परमात्मा नही बदलता इसलिए जूडना है तो उससे जूडो ताकि हर जन्म मे वो आपके साथ रहे यही आपका सततत्व या राह होनी चाहिए जो हमारे गुरूदेव के अनुसार है वो कहते है हम जो करे अगर अच्छा लगे तो वो तू ग्रहण कर ,नही लगे तो नजर अंदाज कर ।।
एक बात बताते है यहां आप सभी को एक कुम्हार जैस तरह मिट्टी के बर्तन बनाता है उनको पकाता है फिर कुछ समय बाद वापस बर्तन मिट्टा मे तबदील हो जाता है तो वो कुम्हार परमात्मा है ओर जिस आंग मे वो बर्तन पकते है वो गुरू है जो बर्तन सही पकता है वो घरो मे पहुच जाता है ओर जो बर्तन आग की आंच को सहन नही कर पाता वो आग मे ही मिट्टी बन जाते है ये वो है जो गुरू राह से भटक जाते है ।।अब आपको क्या बनना है यह आपके ऊपर है ।।
कितना लिखना है पता नही जैसे जैसे याद आयेगा ओर समय मिलता जायेगा लिखते जायेगे कुल मिलाकर इन पोस्टो का अंत सुखद होगा आप सेल करना चाहे तो कर सकते है अच्छी नही लगे तो नजरअंदाज कर सकते है ।।
प्रणाम आप सभी को ।।
ये विषय बहुत ही लम्बा है इसलिए इसको टूकडो टुकडो मे देना चाहेगे आप सभी चाहे तो इनको सेव कर सकते है पर सेव ओर जो यहाँ प्रयोग क्रिया दिये जाते है अपने गुरू देव पर पुणे श्रद्धा व्याप्त करते हुये ही उनका प्रयोग करे अन्याथा ना करे हानि लाभ के जिम्मेदार हम नही होंगे
नादान बालक की कलम से आगे फिर कभी ।।
आगे जैसी माँ बाबा की इच्छा ओर कृपा ।।
जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश।।

क्या है बीज मंत्रो का रहस्य,???

जिस भी मंत्र का जाप होता है वो सब मंत्र बीज मंत्र बिना अधूरे है ।

क्या बीज मंत्रो को बिना उनकी अधिपति देवीयो को प्रसन्न किये बिना जपा जा सकता है तो कैसे,,।।

बीज मंत्र कीलत है ओर दोषपुेण भी इनको दोषमुक्त कैसे किया जा सकता है,, ।।

बीज मंत्रो का प्रभाव क्या रहता है ।।
बीज मंत्रो का रहस्य है क्या ओर ये कलित क्यू है ।।

ये अपना कार्य कैसे करते है क्या कोई बता सकते है,, ।।

इनके संस्कार ,शोधन ओर इनको जाग्रत कैसे किया जाता है, जबकि आज की दुनिया मे सबसे ज्यादा मंत्र बीज मंत्रो के प्रभाव मे है इनके बिना अधुरे भी है।।

आप सभी से निवेदन है कि आप सभी अपने अपने हिसाब से विचार रखये तो अच्छा है।।

बाकी हम यहाँ आने वाली पोस्टो मे गुरू ओर बीज मंत्रो के रहस्य पर रोशनी डालेगे बाकी आप सभी के सुझाव भी हमारे लिए अति आवश्यक है

जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश ।
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Monday, April 2, 2018

प्रसाद तो सबको मिलेगा यही अटल सत्य है चाहे काल से चाहे कपाल से





समय चक्र चलेगा तो सब उडेगे,वक्त वक्त की बात है चूहा भी
शेर, बन जाता है कोई ना जब वक्त आयेगा, वो चारो खाने होगा चित जो करेगा, निन्दा ओर मिथ्या बाते गुरू महिमा, कोई समझ नही पाया वो किसी को, क्या समझेगा समय सबका आता है, उसका भी समय आयेगा कान भरने, वाले भी रोयेगे ओर अपनी जूबान, खराब करने वाले भी रोयेगे,ये वचन है नादान बालक के जो रहेगा, वो देखेगा उनकी गति बाकी जैसी माँ बाबा की इच्छा ओर कृपा, कई पहले भी आये प्रसाद देन ओर चले गये क्योंकि जहाँ कृपा हो माँ बाबा, वहाँ कोई वापस कर्ज ओर प्रसाद बिना लिये नही जायेगा, ये आने वाला समय तय करेगा कोन गलत कोन सही बाकी नादान है हम क्या जाने माँ बाबा को सौपा है वोही उद्धार करे उन सबका जो बने है आज के राजा ,प्रसाद लेने वाला कोई ओर है तो प्रसाद देने वाला भी कोई ओर ही होगा, नादान बालक तो बेठ के आनन्द लेगा, आयेगा वो इस दर पर वापस क्योंकि उसके रास्ते सारे जहाँ मे बंद मिलेगे, आज हसने वाला कल जरूर रोयेगा यही अटल सत्य है बाकी जैसी माँ बाबा की इच्छा ओर कृपा, हमारी तरफ से वो सभी निन्दक मस्त रहे आबाद रहे सारे जहाँ मे रहे, पर हमे भूल जाये माँ बाबा से ऐसी ही प्रार्थना है हमारी,।।,
जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश।।।।

संतो को बदनाम कर कोन रहे है जो लायक नही है वो ।।

आजकल संतो को बदनाम करने का चलन सा बन गया कोई संत अगर मोबाइल यूज कर रहा है तो क्यू कर रहा है कोई गाडी मे घुम रहा है तो क्यू घुम रहा है कही मंदिर मे चढावा आ रहा है तो क्यू इतना चढावा आ रहा है कोई जगल मे जाकर तपस्या कर रहा है तो उनके बारे मे कहाँ जा रहा है स्वर्ग की कामना के लिए जा रहा है मतलब संत तपस्या करे तो गलत संत सेवा करे तो गलत अरे भाई एक बात बताए संत क्या तुम्हारे घर मांगने आ रहा है क्या तूमने कितना दिया है ,,
वो ही बता दो तूम हो क्या तुम्हारी हस्ती है क्या जो तूम साधु संतो पर इल्जाम लगा रहे हो वो अपना प्रचार नही करते वो तुम्हारे पास नही आते फिर तूम उनको बदनाम करते फिरते हो अगर तूम किसी आध्यात्मिक वाले को बुलाते हो तो क्या वो आने जाने का पैसा भी ना ले तूमसे तूम आने जाने का पैसा देकर कोई अहसान नही कर रहे हो उन पर तूमको काम था इसलिए बुलाया अब उनकी निंदा करके उनका जो पाप है अपने सिर पर ले रहे हो यही हकीकत है भागवत गीता को कोई संत पाठ कर रहा है तो क्या उसको भी बदनाम करोगे किसी को रामायण पाठ करने बुलावेगे तो क्या दान दक्षिणा का अधिकारी वो नही है क्या संत या साधु या भक्त को तूम बुलावो तो गुरू जी वो अपने मर्जी से आ जाये तो ढोंगी पैसो का भूखा जय हो आज के आध्यात्मिक सनातनीयो की यहाँ आप सभी से हम एक बात कहना चाहते है कि कोई किसी की निंदा करके आध्यात्मिक मे ज्यादा दिन तक नही रह सकता यही सत्य है गुरू तो आखिर गुरू ही होता है गुरू रुपी शरीर की बुराई करके आप उस गुरू तत्व का अपमान कर रहे हो जो तुम्हारे अंदर भी मौजूद है बाकी आप सभी समझदार है तो समझदार को इशारा काफी होता है हम ये नही कहते कि हम कोई साधु संत या भक्त है हम शुद्ध संसारिक आदमी है हमारी भी हमारे परिवार की तरफ जिम्मेदारीयाँ है पर आप सनातन धर्म होकर आध्यात्मिक का मतलब नही समझे तो आपका आध्यात्मिक ही बेकार है यह सर्वदा सत्य है आध्यात्मिक मे कान के कच्चे के लिए कोई जगह नही काम ,वासना, ईष्या ,जलन, देषता ,के लिये जगह नही किसी बदनाम करने के लिये तो दुनिया बहुत है पर कोई सनातनी अपने धर्म ओर संतो पर उंगली उठाई तो तकलीफ होती है यही सत्य है मंदिर बन रहा हो या माँ बाबा का अभिषेक हो रहा हो या दूध चढ रहा हो यहाँ की मीडिया दलाल ही काफी है तूम उनकी बुराई करके अपना पूण्य नष्ट मत करो बाकी जो माँ बाबा करेगे वो ही सर्वदा सत्य होगा ओर जो कोई इधर की बाते उधर करता है उनका इस लोक मे तो किसी भी लोक मे कोई ठिकाना नही बनता जो बोलना है सोच समझकर बोले जो कहना है सच सच कहो सच्चाई से नजर मत चूराए यही अटल सत्य है बाकी आध्यात्मिक मे हो सनातन धर्म का आदर करो ओर सच्चाई से जो कहना है वो कहो बाकी समय सबका बदलता है आज छोड़कर जाने वाले या बुराई करने वालो को हमारा यही कहना है लोटकर वापस इसी दर आना ही पडेगा यही तुम्हारे कर्म ओर पुजा है बाकी चक्की दो पाटो मे पीस जावेगे तुम्हें पता भी नही चलेगा गुरू,इष्ट , देवी, देवता, साधू ,संत, संन्यासी, भक्त, तांत्रिक (तांत्रिक जो सही वाले हो),मांत्रिक, यात्रिक, मंदिर, ये सब सनातन धर्म के स्तम्भ है अगर आप इनको कमजोर करते हो तो आप स्वयंम को कमजोर कर रहे हो, गुरू दोषी तो बन ही रहे हो पर निंदा करके महादोषी का दंश जेलने को तैयार रहे यही सत्य है बाकी आदमी कोई खराब नही होता समय खराब होता है तभी आदमी खराब बनता है ।किसी से रिश्ता तोडना आसान है पर वापस जोडना बहुत कठिन है मित्रो किसी को बदनाम करना आसान है पर सच एक दिन जरूर सामने आता है यही सत्य है नादान बालक की कलम से आज बस इतना ही बाकी फिर कभी ,जो करो कहो सोच समझकर कहो ओर करो कही तुम्हारे यही वचन ओर शब्द तुम्हारे लिए दुखदायी साबित ना हो जाये कोई दुध का धुला नही है कोई जबरदस्ती पुजा पाठ नही करवाता ,वो सब समय चक्र के अधीन है फिल्मो ने कम बदनाम किया है क्या सनातन धर्म को जो तूम जय चन्द बनने पर तूले हो अच्छा ना कर सको तो बूरा भी मत करो हमारा तो यही कहना है बाकी उन सभी को हम माँ बाबा पर छोडते है, हमारी तरफ से वो मस्त रहे आबाद रहे ।।
जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश ।।
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आइये जानते हैं कब है धनतेरस ओर दिपावली पूजा विधि विधान साधना???

* धनतेरस ओर दिपावली पूजा विधि*  *29 और 31 तारीख 2024*  *धनतेरस ओर दिपावली पूजा और अनुष्ठान की विधि* *धनतेरस महोत्सव* *(अध्यात्म शास्त्र एवं ...

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