Friday, November 6, 2015

स्वप्न विचार / फल

स्वप्न विचार / फल
अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ अं अ: क ख ग घ च स छ ज
झ ट ठ ड त थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श स श्र ह
जब हम जागते हैं ,विचारों पर हमारा नियंत्रण रहता है, पर जब हम निद्रावस्था में होते हैं तब विचारों पर हमारा नियंत्रण नहीं रह पाता । निद्रावस्था में हमारा स्थूल शरीर सुप्तावस्था में रहता है पर हमारा सूक्ष्म शरीर एवम मस्तिष्क क्रियाशील रहता है और हमें स्वप्नों के माध्यम से अनेक प्रकार के दृश्य,घटनाएं ,व्यक्ति,वस्तुएं एवम स्थान आदि दिखलाता है । ज्योतिष शास्त्र के अनेकों ग्रंथों एवम हमारे पुराणों में स्वप्नों के शुभा अशुभ फल का वर्णन दिया गया है । कई बार इन स्वप्न के माध्यम से हमें भविष्य में होने वाली घटनाओं का संकेत भी मिलता है ।
इन सपनों का भी आपके जीवन में बड़ा महत्‍व है। ज्‍योतिष विद्या के अनुसार व्‍यक्ति जो कुछ भी सपने में देखता है, उसका प्रभाव उसके जीवन पर जरूर पड़ता है। कई बार आपको याद रहता है कि आज आपने सपने में क्‍या देखा और कई बार भूल जाते हैं।यदि आपको सपना याद नहीं रहता है या आप चाह कर भी याद नहीं रख पाते हैं, तो उसके लिये आपको सिर्फ एक काम करें। जैसे ही आपकी आंख खुले, बस मनमें दो बातें सोचिये, "मैं कहां हूं और मैं क्‍या कर रहा ?" फिर ईश्वर से अपने पर कृपा बनाये रखने की प्रार्थना अवश्य करें।फिर आप अपना स्‍वप्‍न भूल नहीं सकते।
भारतीय ग्रंथों, ज्योतिष शास्त्रों में स्वप्न देखे जाने के समय, उसकी तिथि व अवस्था के आधार पर इनके परिणामों का बहुत सूक्ष्मता और सरलता से विश्लेषण किया गया है।
रात के पहले पहर में आने वाले स्वप्न बुरे स्वप्न होते है लेकिन आधी रात के बाद आने वाले स्वप्न समान्यता शुभ स्वप्न माने जाते है ।
* शुक्ल पक्ष की षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी और दशमी तथा कृष्ण पक्ष की चतुर्दशीतथा सप्तमी तिथि को देखा गया स्वप्न शीघ्र फल देने वाला होता है।
* पूर्णिमा को देखे गए स्वप्न का फल हमें अवश्य ही प्राप्त होता है।
* शुक्ल पक्ष की द्वितीया, तृतीया एवं कृष्ण पक्ष की अष्टमी, नवमी को देखा गए स्वप्न का हमें विपरीत फल मिलता है।
* शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा और कृष्ण पक्ष की द्वितीया के स्वप्न का हमें देरी से फल प्राप्त होता है।
* शुक्ल पक्ष की चतुर्थी एवं पंचमी को देखे गए स्वप्न का हमें दो मास से दो वर्ष के भीतर फल प्राप्त हो जाता है।
शास्त्रों के अनुसार रात्रि के प्रथम प्रहर का स्वप्न एक वर्ष में , दूसरे प्रहर का स्वप्न आठ महीने में ,तीसरे प्रहर का स्वप्न तीन मॉस में ,चौथे प्रहर का स्वप्न एक मास में ,ब्रह्म मुहूर्त का स्वप्न दस दिन में तथा सूर्योदय से पूर्व देखे गये स्वप्न का फल उसी दिन प्राप्त की संभावना प्रबल होती है।
अशुभ स्वप्न दिखने पर यदि फिर से सो जाएँ तो उसका अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाता है | अशुभ स्वप्न आने पर उसकी शान्ति के लिए ईश्वर का पूजन ,,हवन, ब्राह्मण भोजन और दान करने से अशुभ फल समाप्त हो जाते है |

अपना निरादर देख्ना -
अखरोट देखना -
मान सम्मान की प्राप्ति ।धन वृद्धि ।
अनाज देखना -
अनार खाना (मीठा )-
चिंता मिले ।धन मिले ।
अजनबी मिलना -
अध्यापक देखना -
अनिष्ट की सम्भावना ।सफलता मिले ।
अँधेरा देखना -
अप्सरा देखना -
विपत्ति आये ।धन,यश की प्राप्ति ।
अर्थी देखना -
अमरुद खाना -
सफलता / धन लाभ । धन लाभ ।
अदरक खाना -
अलमारी बंद देखना -
मान सम्मान की प्राप्ति ।धन की प्राप्ति ।
अलमारी खुली देखना -
अंगूर खाना -
धन की हानि ।स्वस्थ्य लाभ ।
अंग कटा हुआ देखना -
अंग दान करना -
स्वास्थ्य लाभपुरस्कार , सम्मान की प्राप्ति ।
अंगूठा चूसना -
अंतिम संस्कार देखना -
पैत्रक में विवाद ।परिवार में मांगलिक कार्य होने की सम्भावना ।
अख़बार पढ़ना, देखना, खरीदना -
अट्हास करना -
वाद विवाद की आशंका ।दुःख के समाचार मिल सकते है ।
अध्यक्ष बनना -
अध्यन करना -
मान हानि की आशंका ।असफलता मिलने की आशंका ।
अपहरण देखना -
अभिमान करना -
लम्बी उम्र ।अपमानित होना ।
अगरबत्ती देखना -
अपठनीय अक्षर पढना -
धार्मिक अनुष्ठान हो । दुखद समाचार मिले ।
अंगीठी जलती देखना -
अंगीठी बुझी देखना -
अशुभ संकेत ।शुभ संकेत ।
आग उठाना -
अंडे देखना -
कष्ट मिले ।झगडा होवे ।
अजगर देखना -
अस्त्र देखना -
शुभ संकेत ।सभी संकटों से रक्षा |
अंगारों पर चलना -
अपने को आकाश में उड़ते देखना -
शारीरिक कष्ट मिलना । सफलता प्राप्त हो ।
अपने पर हमला देखना -
अपने आप को अकेला देखना -
दीर्घ आयु ।लम्बी यात्रा का योग ।
अपने दांत गिरते देखना -
अपने को बीमार देखना -
परिजनों को कष्ट मिले ।कष्ट मिले ।
अपने को ऊंचाई पर देखना -
अपना कद छोटा देखना -
अपमानित हो सकते है ।परेशानी उठाना ।
अपना कद बड़ा देखना -
संकटों के आगमन की संभावना ।

आम खाना -
आग देखना -
सुंदर स्त्री मिले ।परिवार में शान्ति होवे ।
आग लगाना -
आंसू देखना -
दुःख मिले ।परिवार में मंगल कार्य हो ।
आवाज सुनना -
आंधी देखना -
शुभता का सूचक ।सफ़र में कष्ट मिले ।
आंधी में गिरना -
आइना देखना -
सफलता मिले । इच्छित वास्तु की प्राप्ति ।
आइना में अपना चेहरा देखना -
आसमान देखना -
नौकरी/व्यापार में परेशानी । मान सम्मान प्राप्त हो ।
आसमान में स्वयं को देखना -
आसमान से स्वयं को गिरते देखना -
शुभ योग ।रोज़गार में हानि ।
आग से कपड़े जलना -
आग में स्वय जलना -
दुख मिले ।मान सम्मान मिले ।
आजाद होते देखना -
आलू देखना-
चली आ रही परेशानियों से मुक्ति | इच्छित भोजन की प्राप्ति ।
आंवला देखना -
आंवला खाते देखना -
मनोकामना पूर्ण न होना । मनोकामना पूर्ण हो ।
आत्महत्या करना या देखना -
आँचल से आंसू पोछना -
लम्बी आयु मिले ।शुभ समय का आगमन ।
आँचल में मुँह छिपाना -
आवेदन करना या लिखना -
मान सम्मान मिले ।लम्बी यात्रा हो सकती है ।
आइसक्रीम खाना -
अच्छा समय का आगमन ।

इश्तहार पढना-
इत्र लगाना-
अपयश / धोखा मिले ।मान सम्मान की प्राप्ति ।
इमारत देखना ऊँची -
इंजन चलता देखना-
धन यश की प्राप्ति ।यात्रा का योग ।
इन्द्रधनुष देखना -
इनाम मिले -
संकटों की पूर्व सूचना ।अपमानित हो सकते है ।

ईंट / पत्थर देखना-
कष्ट मिलने की सम्भावना ।

No comments:

Post a Comment

#तंत्र #मंत्र #यंत्र #tantra #mantra #Yantra
यदि आपको वेब्सायट या ब्लॉग बनवानी हो तो हमें WhatsApp 9829026579 करे, आपको हमारी पोस्ट पसंद आई उसके लिए ओर ब्लाँग पर विजिट के लिए धन्यवाद, जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश 🙏🏻🌹

इस नवरात्रि को क्या करे और क्या है खास

जय मां बाबा की मित्रों आप सभी को  🌷🌷 *घट स्थापना का शुभ मुहूर्त* 🌷🌷 इस बार नवरात्र 3 अक्टूबर 2024 गुरुवार से  11 अक्टूबर 2024 शुक्रवार त...

DMCA.com Protection Status