Friday, November 6, 2015

उत्तम मनचाही संतान प्राप्ति के लिए कुछ खास उपाय

उत्तम मनचाही संतान प्राप्ति के लिए कुछ खास उपाय
1. यदि किसी दम्पति को संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है तो वह स्त्री शुक्ल पक्ष में अभिमंत्रित संतान गोपाल यंत्र को अपने घर में स्थापित करके लगातार 16 गुरुवार को ब्रत रखकर केले और पीपल के वृक्ष की सेवा करें उनमे दूध चीनी मिश्रित जल चड़ाकर धुप अगरबत्ती जलाये फिर मासिक धर्म से ठीक तेहरवीं रात्रि में अपने पति से रमण करें संतान सुख अति शीघ्र प्राप्त होगा ।
2. पति पत्नी गुरुवार का ब्रत रखें या इस दिन पीले वस्त्र पहने , पीली वस्तुओं का दान करें यथासंभव पीला भोजन ही करें .....अति शीघ्र योग्य संतान की प्राप्ति होगी ।
3. संतान सुख के लिए स्त्री गेंहू के आटे की 2 मोटी लोई बनाकर उसमें भीगी चने की दाल और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर नियमपूर्वक गाय को खिलाएं ...शीघ्र ही उसकी गोद भर जाएगी ।
4. शुक्ल पक्ष में बरगद के पत्ते को धोकर साफ करके उस पर कुंकुम से स्वस्तिक बनाकर उस पर थोड़े से चावल और एक सुपारी रखकर सूर्यास्त से पहले किसी मंदिर में अर्पित कर दें और प्रभु से संतान का वरदान देने के लिए प्रार्थना करें ...निश्चय ही संतान की प्राप्ति होगी ।
5. किसी भी गुरुवार को पीले धागे में पीली कौड़ी को कमर में बांधने से संतान प्राप्ति का प्रबल योग बनता है।
6. संतान प्राप्ति के लिए स्त्री पारद शिवलिंग का नियम से दूध से अभिषेक करें ...उत्तम संतान की प्राप्ति होगी ।
7. हर गुरुवार को भिखारियों को गुड का दान देने से भी संतान सुख प्राप्त होता है ।
8. पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में आम की जड़ को लाकर उसे दूध में घिसकर पिलाने से स्त्री को अवश्य ही संतान की प्राप्ति होती है यह अत्यंत ही सिद्ध / परीक्षित प्रयोग है ।
9. रविवार को छोड़कर अन्य सभी दिन निसंतान स्त्री यदि पीपल पर दीपक जलाये और उसकी परिक्रमा करते हुए संतान की प्रार्थना करें उसकी इच्छा अति शीघ्र पूरी होगी ।
10. श्वेत लक्ष्मणा बूटी की 21 गोली बनाकर उसे नियमपूर्वक गाय के दूध के साथ लेने से संतान सुख की अवश्य ही प्राप्ति होती है ।
11
संतान के लिए इच्छुक दम्पत्तियों को घर के उत्तर-पश्चिम अथवा उत्तर दिशा में स्थित कमरे को तब तक अपना शयन कक्ष बनाना चाहिए जब तक गर्भ धारण ना हो जाए। इससे गर्भ जल्दी ठहरता है।
गर्भ ठहरने के बाद प्रेग्नेंट महिला को हमेशा दक्षिण-पश्चिम कमरे में ही सोना चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान उत्तर-पश्चिम दिशा के कमरे का इस्तेमाल अब बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिला को हमेशा कमरे की दक्षिण-पश्चिम कमरे में दक्षिण दिशा की ओर ही अपना सिर करके सोना चाहिए । इन उपायों से स्वस्थ, योग्य संतान उत्पन्न होती है और गर्भवती महिला और होने वाले शिशु को किसी भी प्रकार का खतरा भी नहीं होता है ।
12
अश्वगंधा, नागकेसर और गोरोचन इन तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस कर छान ले। इसे शीतल जल के साथ सेवन करें तो गर्भ ठहरने की सम्भावना बहुत ही बड़ जाती है।

13
अश्वगंधा का चूर्ण 3 से 6 ग्राम की मात्रा में दूध और घी मिलाकर मासिक-धर्म के शुरू होने के लगभग 4 दिन पहले से लगातार 7 दिनों तक पिलाने से स्त्री को निश्चित रूप से गर्भधारण होता है।
14
जिन निसंतान दम्पतियों को संतान की प्रबल चाह हो उन्हें श्रावण शुक्ल एकादशी व पौष शुक्ल एकादशी का ब्रत पूर्ण विधि विधान से अवश्य ही करना चाहिए । इन दोनों एकादशी का व्रत रखने से पुत्र की प्राप्ति होती है इस कारण से इसे पुत्रदा एकादशी कहा गया है।
15.
जिस भी व्यक्ति को उत्तम एवं सुख देने वाली संतान की कामना हो, उसे पलाश का पेड़ अवश्य ही लगाना चाहिए और उसकी देखभाल भी करनी चाहिए । लेकिन यह पेड़ घर की सीमा में नहीं होना चाहिए।
16
रविवार के दिन पुष्प नक्षत्र में आक की जड़ लेकर यदि स्त्री अपनी कमर में बांधकर सम्बन्ध बनाये तो संतान प्राप्ति के प्रबल योग बनते है । ( पुष्प नक्षत्र आप किसी भी पँचांग / हिन्दु कैलेण्डर से मालूम कर सकते है )

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