Sunday, July 12, 2015

वशीकरण के घरेलु उपाय // टोटके // मंत्र

1 – अभिमंत्रित सियार सिंघी, बिल्ली की जेर, हत्था जोड़ी एक दक्षिणावर्ती शंख लाल कपडे में बांधकर बुधवार को कामख्या मां की मूर्ती के सामने रखें फिर ओम शं सम्मोह्नाय नमः मंत्र के १००८ जाप करके साड़ी सामग्री तेज जल में प्रवाह कर दें फिर सफ़ेद आंकड़े धुप में सुखाकर पीसकर रोज तिलक लगायें फिर चमत्कार देखें
2 – सोमवार के दिन व्रत रखें, सम्भव हो तो उस दिन शिव आरधना के बाद में सिर्फ फलाहार ही ग्रहण करें।किसी जानकार और विश्वसनीय व्यक्ति से ५ रत्ती का बढिय़ा क्वालिटी का मोती प्राप्त करके उसे चांदी की अंगूठी में बनवा लें। इस अंगूठी को चंन्द्र मंत्र से अभिषिक्त कर सोमवार के ही दिन दाहिने हाथ की कनिष्ठा अंगुली में धारण करें।सोमवार के दिन जरूरतमंदों, अनाथों, पशु-पक्षियों एवं बुजुर्गों की यथाशक्ति सेवा अवश्य करें।मन, वचन और कर्म तीनों से ईमानदार और पवित्र रहने का हर संभव प्रयास करें। इन प्रयोगों के पूरे नियम पूर्वक करने पर मात्र सात सप्ताहों में ही स्पष्ट प्रभाव दीखने लगता है।
3 – काली हल्दी १०० ग्राम, एक अश्व की जीभ का टुकड़ा, एक दक्षिणावर्ती एक ९.२५ रत्ती का वशी पुखराज,एक नीले कपडे में बाँध कर लकड़ी के पटरे पर रखें ,सफ़ेद गुंजा की जड़ उस पर ७ दिन रखे रहने दें फिर उस कपडे को घर में कहीं छुपा दें फिर उस गुंजा को बकरी के दूध या गौमूत्र में घिस कर रोज तिलक लगायें प्रबल वशीकरण होगा
4 – सिद्ध अभिमंत्रित हत्था जोड़ी और उर्वशी यन्त्र / कामदेव यन्त्र लाल कपडे में बांधकर अपने पास रखने पर आकर्षण शक्ति बढती है किसी खास का वशीकरण करने के लिए इस पोटली पर हाथ लगाकर अमुक वाशिकरानाय स्वः मंत्र का ११ जाप करने से अत्याधिक वशीकरण होता है अमुक की जगह उस व्यक्ति या महिला /या पुरुष का नाम लें

सफेद गुंजा की जड़ को घिस कर माथे पर तिलक लगाने से सभी लोग वशीभूत हो जाते हैं।
यदि सूर्य ग्रहण के समय सहदेवी की जड़ और सफेद चंदन को घिस कर व्यक्ति तिलक करे तो देखने वाली स्त्री वशीभूत हो जाएगी।
राई और प्रियंगु को ÷ह्रीं’ मंत्र द्वारा अभिमंत्रित करके किसी स्त्री के ऊपर डाल दें तो वह वश में हो जाएगी।
शनिवार के दिन सुंदर आकृति वाली एक पुतली बनाकर उसके पेट पर इच्छित स्त्री का नाम लिखकर उसी को दिखाएं जिसका नाम लिखा है। फिर उस पुतली को छाती से लगाकर रखें। इससे स्त्री वशीभूत हो जाएगी।
बिजौरे की जड़ और धतूरे के बीज को प्याज के साथ पीसकर जिसे सुंघाया जाए वह वशीभूत हो जाएगा।
नागकेसर को खरल में कूट छान कर शुद्ध घी में मिलाकर यह लेप माथे पर लगाने से वशीकरण की शक्ति उत्पन्न हो जाती है।
नागकेसर, चमेली के फूल, कूट, तगर, कुंकुंम और देशी घी का मिश्रण बनाकर किसी प्याली में रख दें। लगातार कुछ दिनों तक नियमित रूप से इसका तिलक लगाते रहने से वशीकरण की शक्ति उत्पन्न हो जाती है।
शुभ दिन एवं शुभ लग्न में सूर्योदय के पश्चात उत्तर की ओर मुंह करके मूंगे की माला से निम्न मंत्र का जप शुरू करें। ३१ दिनों तक ३ माला का जप करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है। मंत्र सिद्ध करके वशीकरण तंत्र की किसी भी वस्तु को टोटके के समय इसी मंत्र से २१ बार अभिमंत्रित करके इच्छित व्यक्ति पर प्रयोग करें। अमुक के स्थान पर इच्छित व्यक्ति का नाम बोलें। वह व्यक्ति आपके वश में हो जाएगा। मंत्र इस प्रकार है -
ऊँ नमो भास्कराय त्रिलोकात्मने अमुक महीपति मे वश्यं कुरू कुरू स्वाहा।
रवि पुष्य योग (रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र) में गूलर के फूल एवं कपास की रूई मिलाकर बत्ती बनाएं तथा उस बत्ती को मक्खन से जलाएं। फिर जलती हुई बत्ती की ज्वाला से काजल निकालें। इस काजल को रात में अपनी आंखें में लगाने से समस्त जग वश में हो जाता है। ऐसा काजल किसी को नहीं देना चाहिए।
अनार के पंचांग में सफेद घुघची मिला-पीसकर तिलक लगाने से समस्त संसार वश में हो जाता है।
कड़वी तूंबी (लौकी) के तेल और कपड़े की बत्ती से काजल तैयार करें। इसे आंखों में लगाकर देखने से वशीकरण हो जाता है।
बिल्व पत्रों को छाया में सुखाकर कपिला गाय के दूध में पीस लें। इसका तिलक करके साधक जिसके पास जाता है, वह वशीभूत हो जाता है।
कपूर तथा मैनसिल को केले के रस में पीसकर तिलक लगाने से साधक को जो भी देखता है, वह वशीभूत हो जाता है।
केसर, सिंदूर और गोरोचन तीनों को आंवले के साथ पीसकर तिलक लगाने से देखने वाले वशीभूत हो जाते हैं।
श्मशान में जहां अन्य पेड़ पौधे न हों, वहां लाल गुलाब का पौधा लगा दें। इसका फूल पूर्णमासी की रात को ले आएं। जिसे यह फूल देंगे, वह वशीभूत हो जाएगा। शत्रु के सामने यह फूल लगाकर जाने पर वह अहित नहीं करेगा।
अमावस्या की रात्रि को मिट्टी की एक कच्ची हंडिया मंगाकर उसके भीतर सूजी का हलवा रख दें। इसके अलावा उसमें साबुत हल्दी का एक टुकड़ा, ७ लौंग तथा ७ काली मिर्च रखकर हंडिया पर लाल कपड़ा बांध दें। फिर घर से कहीं दूर सुनसान स्थान पर वह हंडिया धरती में गाड़ दें और वापस आकर अपने हाथ-पैर धो लें। ऐसा करने से प्रबल वशीकरण होता है।
प्रातःकाल काली हल्दी का तिलक लगाएं। तिलक के मध्य में अपनी कनिष्ठिका उंगली का रक्त लगाने से प्रबल वशीकरण होता है।
कौए और उल्लू की विष्ठा को एक साथ मिलाकर गुलाब जल में घोटें तथा उसका तिलक माथे पर लगाएं। अब जिस स्त्री के सम्मुख जाएगा, वह सम्मोहित होकर जान तक न्योछावर करने को उतावली हो जाएगी।

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