टोना टोटका क्या है?
स्थूल रूप में अगर हम टोने टोटके शब्द के निहितार्थ को समझें तो बात इस तरह से समझ में आ सकती है।
T- Tools to eradicate
O - obstructions &
N – nasty
E - elements of life &
T - Transcendental methods
O - of eliminating
T - trivial issues &
K - knock out
E - evils from life
मनुष्य अपने जीवन काल में कभी न कभी शारीरिक व मानसिक वेदना से गुजरता ही है। तब उसे वे तमाम टोने-टोटके एवं साधनाएं याद आते हैं जो कभी ऋषि-मुनियों ने अपने अनुभवों एवं तपोबल से मानव कल्याण हेतु एक उपहार के रूप में हमको प्रदान किए। ये जादू टोने एवं उपाय चमत्कृत रूप से कार्य करते हैं। व्यक्ति की संबंधित समस्या का हल हो जाता है और वह प्रसन्न महसूस करता है। सुखी एवं शांत वैवाहिक जीवन, व्यावसायिक उन्नति, शीघ्र, विवाह, संतान, नौकरी, मकान जायदाद, उच्च शिक्षा आदि न जाने ऐसे कितने विषयों का समाधान व्यक्ति इन प्रभावकारी उपायों से निकाल लेता है।
कुछ महत्वपूर्ण एवं उपयोगी सुझाव :
1. टोना-टोटका क्रिया को गुप्त रखें। न तो किसी के सामने इसका जिक्र करें न किसी के सामने टोटकों का प्रयोग करें क्योंकि ये क्रियाएं मन की शक्ति, विश्वास एवं श्रद्धा पर आधारित है। किसी के हस्तक्षेप से (वाणी या क्रिया द्वारा) इस शक्ति की धार कमजोर हो जाती है।
2. मन में पूर्ण विश्वास एवं श्रद्धा के साथ प्रयोग को करें।
3. टोना टोटका करने के बाद पीछे मुड़कर न देखें। श्रद्धा एवं विश्वास ही शंकर एवं शक्ति है।
टोने-टोटके परेशानी से जुझ रहे जातकों के लिए हथियार का काम करते हैं। प्रकृति के नियम तो नहीं बदले जा सकते, परंतु यदि जातक की उपाय पर आस्था हो तो उसका सकारात्मक मनोवैज्ञानिक प्रभाव जातक के शरीर की कैमिस्ट्री पर पड़ता है। श्रद्धा, विश्वास तथा आस्था से किए गए कार्यों को ईश्वर शीघ्र पूरा करते हैं। इन उपायों को व्यक्ति अपनी सुविधानुसार करके अपने दुखों एवं समस्याओं से मुक्ति प्राप्त कर लाभ उठा सकता है।
वैज्ञानिक, सैनिक, न्यायाधीश जो दृढ़ मानसिक शक्ति वाले कहे जाते हैं, वे लोग अपने जीवन को सुंदर एवं अर्थपूर्ण बनाने के लिए अपने मन को ही केंद्रित कर ध्यान-योग एवं आत्मचिंतन का सहारा लेते हैं। ये सारी गूढ़ विधाएं भी आध्यात्मिकता की चरम सीमा का ही उदाहरण है।
संसार की अनित्य वस्तुओं की प्राप्ति के लिए सामान्यतः अस्थायी किस्म के उपाय एवं टोने टोटको का सहारा लिया जाता है। इन सबसे भी ऊपर जो सबसे बड़ा समाधान का रास्ता है वह है ध्यान, योग एवं आत्मचिंतन। क्योंकि 'मन एव मनुष्याणाम् कारणम् बन्धमोक्षयोः' अर्थात मन ही मनुष्य के बंधन एवं मोक्ष का कारण है। मन को जीत लेना सफल जीवन की कुंजी है। व्यक्ति का आभामंडल उसकी आंतरिक उपलब्ध्यिों को प्रकट करता है। व्यक्ति ध्यान एवं आत्मचिंतन द्वारा न केवल अपनी नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक दिशा प्रदान कर सकता है, वरन् पूर्णतः ईश्वर तत्व की प्राप्ति जो सब गुणों, निधियों एवं सिद्धियों का निधान है की प्राप्ति भी कर सकता है। आत्म चिंतन का अर्थ है आत्मा का चिंतन। हमारा मन अवचेतन, अर्द्धचेतन एवं चेतन, तीन स्तरों पर कार्य करता है। जो कुछ भी हम क्षण प्रतिक्षण ग्रहण करते हैं वह हमारे अवचेतन मन में संचित होता रहता है। हमारा अवचेतन मन कंप्यूटर के चिप के समान है जिसमें अनगिनत डाटा स्टोर्ड रहते हैं। हमारा अर्द्धचेतन मन केवल हमारी आत्मा की ऊपरी आवाज को ही सुनता है। अतः कोई भी कार्य यदि हम अवचेतन मन तक जाकर करें तो उसमें अधिक सफलता प्राप्त होती है। इस स्तर पर हमारा संबंध उस पारलौकिक शक्ति के साथ हो जाता है और हम, पुनर्जीवित, क्रियाशील, एवं ऊर्जा से भरपूर महसूस करते हैं। हमारे जीवन की सूक्ष्म से सूक्ष्मतर उपलब्धियां हमें बहुत सरल लगने लगती हैं। आत्मचिंतन, ध्यान योग को 'मास्टर ऑफ ऑल रेमिडिज' की संज्ञा भी दी जा सकती हैं। आत्म चिंतन से संबंधित परंतु कुछ ध्यान देने योग्य कुछ बातें इस प्रकार हैं जिनसे मन की शक्ति अपने चरम बिंदु पर पहुंच जाती है।
1. एक शांत जगह का चुनाव कीजिए जहां पर आप 15-30 मिनट तक बिना किसी व्यवधान के एकाग्रचित्त होकर ध्यान कर सकें।
2. कुर्सी, काऊच, बेड को छोड़कर यदि नीचे एक आसन लगाकर ध्यान करेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा।
3. किसी भी सहज स्थिति में बैठना, श्वासन में लेटना या किसी योग आसन का चुनाव करना जिसमें आप ज्यादा सुविधा महसूस करें तथा मेरूदंड सीधा रहे।
4. टाइमर को 15-30 मिनट तक सेट कर लें।
5. आंखे बंद करके बैठें। लंबी सांस अंदर खीचें एवं अपने मन को शांत रखें एवं अपनी श्वांस को वापिस सामान्य अवस्था में लाएं।
6. कोई एक शब्द का उच्चारण बार-बार करते रहें। जैसे ओम्
स्थूल रूप में अगर हम टोने टोटके शब्द के निहितार्थ को समझें तो बात इस तरह से समझ में आ सकती है।
T- Tools to eradicate
O - obstructions &
N – nasty
E - elements of life &
T - Transcendental methods
O - of eliminating
T - trivial issues &
K - knock out
E - evils from life
मनुष्य अपने जीवन काल में कभी न कभी शारीरिक व मानसिक वेदना से गुजरता ही है। तब उसे वे तमाम टोने-टोटके एवं साधनाएं याद आते हैं जो कभी ऋषि-मुनियों ने अपने अनुभवों एवं तपोबल से मानव कल्याण हेतु एक उपहार के रूप में हमको प्रदान किए। ये जादू टोने एवं उपाय चमत्कृत रूप से कार्य करते हैं। व्यक्ति की संबंधित समस्या का हल हो जाता है और वह प्रसन्न महसूस करता है। सुखी एवं शांत वैवाहिक जीवन, व्यावसायिक उन्नति, शीघ्र, विवाह, संतान, नौकरी, मकान जायदाद, उच्च शिक्षा आदि न जाने ऐसे कितने विषयों का समाधान व्यक्ति इन प्रभावकारी उपायों से निकाल लेता है।
कुछ महत्वपूर्ण एवं उपयोगी सुझाव :
1. टोना-टोटका क्रिया को गुप्त रखें। न तो किसी के सामने इसका जिक्र करें न किसी के सामने टोटकों का प्रयोग करें क्योंकि ये क्रियाएं मन की शक्ति, विश्वास एवं श्रद्धा पर आधारित है। किसी के हस्तक्षेप से (वाणी या क्रिया द्वारा) इस शक्ति की धार कमजोर हो जाती है।
2. मन में पूर्ण विश्वास एवं श्रद्धा के साथ प्रयोग को करें।
3. टोना टोटका करने के बाद पीछे मुड़कर न देखें। श्रद्धा एवं विश्वास ही शंकर एवं शक्ति है।
टोने-टोटके परेशानी से जुझ रहे जातकों के लिए हथियार का काम करते हैं। प्रकृति के नियम तो नहीं बदले जा सकते, परंतु यदि जातक की उपाय पर आस्था हो तो उसका सकारात्मक मनोवैज्ञानिक प्रभाव जातक के शरीर की कैमिस्ट्री पर पड़ता है। श्रद्धा, विश्वास तथा आस्था से किए गए कार्यों को ईश्वर शीघ्र पूरा करते हैं। इन उपायों को व्यक्ति अपनी सुविधानुसार करके अपने दुखों एवं समस्याओं से मुक्ति प्राप्त कर लाभ उठा सकता है।
वैज्ञानिक, सैनिक, न्यायाधीश जो दृढ़ मानसिक शक्ति वाले कहे जाते हैं, वे लोग अपने जीवन को सुंदर एवं अर्थपूर्ण बनाने के लिए अपने मन को ही केंद्रित कर ध्यान-योग एवं आत्मचिंतन का सहारा लेते हैं। ये सारी गूढ़ विधाएं भी आध्यात्मिकता की चरम सीमा का ही उदाहरण है।
संसार की अनित्य वस्तुओं की प्राप्ति के लिए सामान्यतः अस्थायी किस्म के उपाय एवं टोने टोटको का सहारा लिया जाता है। इन सबसे भी ऊपर जो सबसे बड़ा समाधान का रास्ता है वह है ध्यान, योग एवं आत्मचिंतन। क्योंकि 'मन एव मनुष्याणाम् कारणम् बन्धमोक्षयोः' अर्थात मन ही मनुष्य के बंधन एवं मोक्ष का कारण है। मन को जीत लेना सफल जीवन की कुंजी है। व्यक्ति का आभामंडल उसकी आंतरिक उपलब्ध्यिों को प्रकट करता है। व्यक्ति ध्यान एवं आत्मचिंतन द्वारा न केवल अपनी नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक दिशा प्रदान कर सकता है, वरन् पूर्णतः ईश्वर तत्व की प्राप्ति जो सब गुणों, निधियों एवं सिद्धियों का निधान है की प्राप्ति भी कर सकता है। आत्म चिंतन का अर्थ है आत्मा का चिंतन। हमारा मन अवचेतन, अर्द्धचेतन एवं चेतन, तीन स्तरों पर कार्य करता है। जो कुछ भी हम क्षण प्रतिक्षण ग्रहण करते हैं वह हमारे अवचेतन मन में संचित होता रहता है। हमारा अवचेतन मन कंप्यूटर के चिप के समान है जिसमें अनगिनत डाटा स्टोर्ड रहते हैं। हमारा अर्द्धचेतन मन केवल हमारी आत्मा की ऊपरी आवाज को ही सुनता है। अतः कोई भी कार्य यदि हम अवचेतन मन तक जाकर करें तो उसमें अधिक सफलता प्राप्त होती है। इस स्तर पर हमारा संबंध उस पारलौकिक शक्ति के साथ हो जाता है और हम, पुनर्जीवित, क्रियाशील, एवं ऊर्जा से भरपूर महसूस करते हैं। हमारे जीवन की सूक्ष्म से सूक्ष्मतर उपलब्धियां हमें बहुत सरल लगने लगती हैं। आत्मचिंतन, ध्यान योग को 'मास्टर ऑफ ऑल रेमिडिज' की संज्ञा भी दी जा सकती हैं। आत्म चिंतन से संबंधित परंतु कुछ ध्यान देने योग्य कुछ बातें इस प्रकार हैं जिनसे मन की शक्ति अपने चरम बिंदु पर पहुंच जाती है।
1. एक शांत जगह का चुनाव कीजिए जहां पर आप 15-30 मिनट तक बिना किसी व्यवधान के एकाग्रचित्त होकर ध्यान कर सकें।
2. कुर्सी, काऊच, बेड को छोड़कर यदि नीचे एक आसन लगाकर ध्यान करेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा।
3. किसी भी सहज स्थिति में बैठना, श्वासन में लेटना या किसी योग आसन का चुनाव करना जिसमें आप ज्यादा सुविधा महसूस करें तथा मेरूदंड सीधा रहे।
4. टाइमर को 15-30 मिनट तक सेट कर लें।
5. आंखे बंद करके बैठें। लंबी सांस अंदर खीचें एवं अपने मन को शांत रखें एवं अपनी श्वांस को वापिस सामान्य अवस्था में लाएं।
6. कोई एक शब्द का उच्चारण बार-बार करते रहें। जैसे ओम्
Admin. Kya शुद्ध( virgin) पत्नी प्राप्ति हेतु मंत्र v koi mantra hai? kyunki aaj kal ki ladkion KO toh aap dekh hi rahe ho. jahan chutt mila nhi ki kisi k saath v bistar sajha kar leti hain. reply jarur Karen.
ReplyDeletePiyush ji
DeleteAisa koi mantra ya vidhan nahi jaisa aapne likha hai, virginity aur trust kisi mantra se prapt nahi kiye ja sakte.
aur virginity ke bhang hone ka ekmatra karan sirf humbistar hona hi nahi hota iski aur bhi kai vajahen ho sakti hain, astu is bhram ko apne man se nikal den.
RK ji.... Bhai aapki soch bad I modern hai... Kya aap aisi ladki se shaadi karoge jisne aapse pehle kisi ladke k saath sexual relationship tha? Trust sab western country se li Hui concept hai.... Isliye toh west me shaadi ki haalaat hum log dekh hi rahe hn... Ghatiya samaaj h unka.
DeletePurush toh choro ... Aurton ka v cheat Karna wahaan aam baat h
Piyush ji,
DeleteAgar aap sache hai to aap ko chinta karne ki jarurat nahi hai Agar aap khud kisi ladki ko bhogne ke chakkar m rahete hai to aap ka sawal puchna he galat hai baki es duniya m sak ka koi samadhan nahi prabhu baki jesi aap soch quki aap ki soch aapka jawab khud hai ,,,,,
Pukhraj ji.. Reply ke liye bahut bahut dhanyawaad. Meri v yahi soch h , ki main vivah purva kisi ladki KO bhogne ya exploit na karun. Bilkul nahi. Lekin, murkhta se kuch nhi hota. Sab kuch bhagwaan pe nhi choir sakte. Bhagwaan toh khud karm karne kehte hn.. Or kisi ko jivansathi banane se pehle uski satyata KO khud parakh Lena chahiye. Is me v karm chahiye.
DeleteOr sakk ki baat rhi toh haan mujhe sak hoga hi... Maine aisi shaadiyan dekhi h jahan ladkion ke shadi se purv 2-2 3-3 purushon se sambandh then.. Lekin shadi bhole bhaale saaf suture purushon se ki unhone jinhe unke at it k baare me kuch nhi pata tha. itna bhola bhaala banke rehne se v kuch nhi hota. And he hoke vishwaas nhi kiya jaata. Vishwas baaton se nhi.... Karma kandon se sthaapit hota h.
Namaste sir.... Aaj subah me jab ghar pr utha or niche utar k dekha toh ramp pr bich me haldi, chane ki daal or mirchi or ek cotten ki rui rkhi hui thi.... Kya ye kisi prakar ka jado tona hai... Kripa ap thoda batane ka kasht kare or iska solution bhi bataye..
ReplyDeleteप्रभु डरने की जरुरत नही अपने सर पर एक नींब सात बार क्लोक वाइज वार कर कही सुनसान जगह फेक दिजिये.. बाकी हो सकता है कही बच्चो ने खेल खेल कही छोड दिया हो
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