नवरात्र के कुछ खास उपाय
नवरात्र के पर्व का हिन्दु धर्म में एक बहुत ही विशेष स्थान है। नवरात्रि का पर्व हर्ष उल्लास और अपने सभी सपनो को पूर्ण करने माता आदि शक्ति की कृपा पाने का पर्व है।इस पर्व को उसी तरह से पूर्ण श्रद्धा एवं प्रसन्नता से मनाएं जिस तरह से विवाह आदि मांगलिक कार्यो में आप सक्रीय रहते है ।इन शक्ति के दिनों आप कुछ बातो का ध्यान रखते हुए अपने जीवन के सभी संकटों को दूर करके अपना जीवन असीम आनंद से भर सकते है।
इन दिनों यदि आप नवरात्र के सभी ब्रत न भी रख पायें तो भी कम से कम पहला और आखिरी ब्रत अवश्य ही रखें। और प्याज़, लहसुन, मांस, मदिरा, बीड़ी, सिगरेट , तंबाकू और पान मसाले आदि व्यसनों का बिलकुल भी प्रयोग न करें । इन दिनों यह विशेष ध्यान दें की आप क्रोध बिलकुल भी ना करें और घर में भूल कर भी कलह-कलेश न हो ,जिस घर में कलह होती है वहां पर माता को आप कैसे बुला सकते है।
जिस भी घर में नवरात्रि को श्री सूक्त का पाठ प्रतिदिन होता है उस घर में कभी भी आर्थिक संकट नहीं आता है ।
यदि किसी व्यक्ति के जीवन में बहुत परेशानी,अस्थिरता रहती है तो वह या उसकी पत्नी नवरात्रि में दुर्गा सप्तशी का प्रतिदिन सम्पूर्ण अथवा एक या एक से अधिक पाठ करके माता की कपूर और लौंग से आरती करें तो उसके सभी संकट कटने लगते है। यदि आप या आपके घर में दुर्गा सप्तशी का पाठ कोई भी नहीं कर पा रहा है तो आप किसी योग्य ब्राहमण से भी इसका पाठ करवा सकते है।
नवरात्रि में पूजा के समय प्रतिदिन माता को शहद एवं इत्र चड़ाना कतई भी न भूले । नौ दिन के बाद जो भी शहद और इत्र बच जाएँ उसे प्रतिदिन माता का स्मरण करते हुए खुद इस्तेमाल करें .....मां की आप पर सदैव कृपा द्रष्टि बनी रहेगी।
पहले नवरात्र में एक लाल कपड़े में ग्यारह कौड़ियाँ और तीन गोमती चक्र रख कर माता के पूजन के साथ उस पर हल्दी से तिलक करके उसे पूजा घर में रख दें । नवमी को हवन करने/कन्याओं का पूजन करने के बाद इन्हें उसी लाल कपड़े में बांधकर घर की रसोई में ऊंचाई पर बांध दें । आपके घर पर सदैव माँ लक्ष्मी का वास रहेगा ।
नवरात्र में माता दुर्गाजी को शहद को भोग लगाने से भक्तो को सुंदर रूप प्राप्त होता है व्यक्तित्व में तेज प्रकट होता है।
नवरात्रि को मां दुर्गा के साथ बजरंग बलि की पूजा विशेष फलदायी है । इस दिन जो भी भक्त हनुमान चालीसा का पाठ करता है या सुंदरकांड का पाठ करता तो उसे शनिदेव भी नहीं सताते हैं। नवरात्रि के प्रत्येक मंगलवार , शनिवार को बजरंग बली को सिंदूर और चमेली का तेल अवश्य ही अर्पित करें।
नवरात्र के शनिवार को सूर्योदय के पहले पीपल के ग्यारह पत्तें लेकर उन पर राम नाम लिख कर इन पत्तों की माला बनाकर इसे हनुमानजी को पहना दें। इससे कारोबार की सभी परेशानिया दूर होती है ,यह प्रयोग बिलकुल चुपचाप करें।
नवरात्रि में दिल खोलकर आप अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार दान पुण्य करें ...इन दिनों आपके द्वारा दान पुण्य करने से उसका अक्षय फल प्राप्त होता है । आप प्रतिदिन छोटी कन्याओं को कोई न कोई उपहार अवश्य जी दें । अपने माता पिता, बहन-भाई और पत्नी को भी कोई न कोई उपहार देकर चकित जरुर करते रहें, गरीब और असहाए की मदद करने का मौका तो बिलकुल भी न गवाएं। यकीन मानिये उन सभी के मुख से आपके लिए शुभ वचन निकलते ही रहेंगे ।
आपने माता का आह्वान किया है उन्हें अपने घर में बुलाया है इसलिए सुबह शाम जो भी घर में भोजन बनायें सबसे पहले उसका देवी माँ को भोग लगायें उसके बाद ही घर के सदस्य उसका सेवन करें याद रहे माता या किसी भी मेहमान को भूखा न रखें ।
नवरात्र में आप अनावश्यक व्यय से बचें लेकिन यदि संभव हो तो इन दिनों सोने चाँदी के गहने, कपड़े, बर्तन आदि कुछ न कुछ नया सामान अपनी सामर्थ्य के अनुसार अवश्य ही खरीदें तथा इसे उपयोग में लाने से पहले माता के चरणों में लगायें। इससे घर में सुख सौभाग्य आता है स्थाई संपत्ति का वास होता है।
घर के छोटे बच्चो विधार्थियों से माता दुर्गा को केले का भोग लगवाएं फिर उनमे से कुछ केले दान में दे दें एवं बाकी केलो को प्रसाद के रूप में घर के लोग ग्रहण करें इससे बच्चों की बुद्धि का विकास होता है।
नवरात्र में प्रात: श्रीरामरक्षा स्तोत्र का पाठ करने से हर कार्य सफल होते है, कार्यों के मार्ग में आने वाली समस्त विघ्न बाधाएं शांत होती हैं।
नवरात्र में दो जमुनिया रत्न लेकर उसे गंगा जल में डुबोकर घर के मंदिर में रखे फिर हर शनिवार को माता दुर्गा का स्मरण करते हुए उस जल को पूरे घर में छिड़क दें, घर के सदस्यों के बीच में प्रेम बड़ने लगेगा । इसके बाद पुन: इन रत्नों को गंगा जल में डुबोकर मंदिर में रख दें ।इस प्रयोग को नवरात्र से ही शुरू करें तो अति उत्तम है।
नवरात्र में एक नए झाड़ू की दो सीकों को उल्टा सीधा रखकर नीले धागे से बांधकर घर के नैत्रत्य कोण ( दक्षिण पश्चिम हिस्सा ) में रखने से पति पत्नी के मध्य प्यार बड़ता है।
पहले नवरात्र को शनिवार के दिन शिवलिंग पर काले तिल और जल चढ़ाएं यह उपाय बीमारियों से मुक्ति दिलाने वाला बहुत सरल और कारगर उपाय है।
नवरात्र में आप किसी को भी यथा संभव उधार देने से बचे और उधार भी तो बिलकुल भी न लें।
याद रहिये आप माता की आराधना सुख सम्पन्नता और सफलता के लिए कर रहे है इसलिए आप किसी भी दशा में किसी का एक भी पैसा न हड़पे / किसी के भी साथ धोखा ना करें , माता की सच्ची आराधना आपको आर्थिक रूप से अवश्य ही सक्षम बनाएगी ।
नवरात्र के पर्व का हिन्दु धर्म में एक बहुत ही विशेष स्थान है। नवरात्रि का पर्व हर्ष उल्लास और अपने सभी सपनो को पूर्ण करने माता आदि शक्ति की कृपा पाने का पर्व है।इस पर्व को उसी तरह से पूर्ण श्रद्धा एवं प्रसन्नता से मनाएं जिस तरह से विवाह आदि मांगलिक कार्यो में आप सक्रीय रहते है ।इन शक्ति के दिनों आप कुछ बातो का ध्यान रखते हुए अपने जीवन के सभी संकटों को दूर करके अपना जीवन असीम आनंद से भर सकते है।
इन दिनों यदि आप नवरात्र के सभी ब्रत न भी रख पायें तो भी कम से कम पहला और आखिरी ब्रत अवश्य ही रखें। और प्याज़, लहसुन, मांस, मदिरा, बीड़ी, सिगरेट , तंबाकू और पान मसाले आदि व्यसनों का बिलकुल भी प्रयोग न करें । इन दिनों यह विशेष ध्यान दें की आप क्रोध बिलकुल भी ना करें और घर में भूल कर भी कलह-कलेश न हो ,जिस घर में कलह होती है वहां पर माता को आप कैसे बुला सकते है।
जिस भी घर में नवरात्रि को श्री सूक्त का पाठ प्रतिदिन होता है उस घर में कभी भी आर्थिक संकट नहीं आता है ।
यदि किसी व्यक्ति के जीवन में बहुत परेशानी,अस्थिरता रहती है तो वह या उसकी पत्नी नवरात्रि में दुर्गा सप्तशी का प्रतिदिन सम्पूर्ण अथवा एक या एक से अधिक पाठ करके माता की कपूर और लौंग से आरती करें तो उसके सभी संकट कटने लगते है। यदि आप या आपके घर में दुर्गा सप्तशी का पाठ कोई भी नहीं कर पा रहा है तो आप किसी योग्य ब्राहमण से भी इसका पाठ करवा सकते है।
नवरात्रि में पूजा के समय प्रतिदिन माता को शहद एवं इत्र चड़ाना कतई भी न भूले । नौ दिन के बाद जो भी शहद और इत्र बच जाएँ उसे प्रतिदिन माता का स्मरण करते हुए खुद इस्तेमाल करें .....मां की आप पर सदैव कृपा द्रष्टि बनी रहेगी।
पहले नवरात्र में एक लाल कपड़े में ग्यारह कौड़ियाँ और तीन गोमती चक्र रख कर माता के पूजन के साथ उस पर हल्दी से तिलक करके उसे पूजा घर में रख दें । नवमी को हवन करने/कन्याओं का पूजन करने के बाद इन्हें उसी लाल कपड़े में बांधकर घर की रसोई में ऊंचाई पर बांध दें । आपके घर पर सदैव माँ लक्ष्मी का वास रहेगा ।
नवरात्र में माता दुर्गाजी को शहद को भोग लगाने से भक्तो को सुंदर रूप प्राप्त होता है व्यक्तित्व में तेज प्रकट होता है।
नवरात्रि को मां दुर्गा के साथ बजरंग बलि की पूजा विशेष फलदायी है । इस दिन जो भी भक्त हनुमान चालीसा का पाठ करता है या सुंदरकांड का पाठ करता तो उसे शनिदेव भी नहीं सताते हैं। नवरात्रि के प्रत्येक मंगलवार , शनिवार को बजरंग बली को सिंदूर और चमेली का तेल अवश्य ही अर्पित करें।
नवरात्र के शनिवार को सूर्योदय के पहले पीपल के ग्यारह पत्तें लेकर उन पर राम नाम लिख कर इन पत्तों की माला बनाकर इसे हनुमानजी को पहना दें। इससे कारोबार की सभी परेशानिया दूर होती है ,यह प्रयोग बिलकुल चुपचाप करें।
नवरात्रि में दिल खोलकर आप अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार दान पुण्य करें ...इन दिनों आपके द्वारा दान पुण्य करने से उसका अक्षय फल प्राप्त होता है । आप प्रतिदिन छोटी कन्याओं को कोई न कोई उपहार अवश्य जी दें । अपने माता पिता, बहन-भाई और पत्नी को भी कोई न कोई उपहार देकर चकित जरुर करते रहें, गरीब और असहाए की मदद करने का मौका तो बिलकुल भी न गवाएं। यकीन मानिये उन सभी के मुख से आपके लिए शुभ वचन निकलते ही रहेंगे ।
आपने माता का आह्वान किया है उन्हें अपने घर में बुलाया है इसलिए सुबह शाम जो भी घर में भोजन बनायें सबसे पहले उसका देवी माँ को भोग लगायें उसके बाद ही घर के सदस्य उसका सेवन करें याद रहे माता या किसी भी मेहमान को भूखा न रखें ।
नवरात्र में आप अनावश्यक व्यय से बचें लेकिन यदि संभव हो तो इन दिनों सोने चाँदी के गहने, कपड़े, बर्तन आदि कुछ न कुछ नया सामान अपनी सामर्थ्य के अनुसार अवश्य ही खरीदें तथा इसे उपयोग में लाने से पहले माता के चरणों में लगायें। इससे घर में सुख सौभाग्य आता है स्थाई संपत्ति का वास होता है।
घर के छोटे बच्चो विधार्थियों से माता दुर्गा को केले का भोग लगवाएं फिर उनमे से कुछ केले दान में दे दें एवं बाकी केलो को प्रसाद के रूप में घर के लोग ग्रहण करें इससे बच्चों की बुद्धि का विकास होता है।
नवरात्र में प्रात: श्रीरामरक्षा स्तोत्र का पाठ करने से हर कार्य सफल होते है, कार्यों के मार्ग में आने वाली समस्त विघ्न बाधाएं शांत होती हैं।
नवरात्र में दो जमुनिया रत्न लेकर उसे गंगा जल में डुबोकर घर के मंदिर में रखे फिर हर शनिवार को माता दुर्गा का स्मरण करते हुए उस जल को पूरे घर में छिड़क दें, घर के सदस्यों के बीच में प्रेम बड़ने लगेगा । इसके बाद पुन: इन रत्नों को गंगा जल में डुबोकर मंदिर में रख दें ।इस प्रयोग को नवरात्र से ही शुरू करें तो अति उत्तम है।
नवरात्र में एक नए झाड़ू की दो सीकों को उल्टा सीधा रखकर नीले धागे से बांधकर घर के नैत्रत्य कोण ( दक्षिण पश्चिम हिस्सा ) में रखने से पति पत्नी के मध्य प्यार बड़ता है।
पहले नवरात्र को शनिवार के दिन शिवलिंग पर काले तिल और जल चढ़ाएं यह उपाय बीमारियों से मुक्ति दिलाने वाला बहुत सरल और कारगर उपाय है।
नवरात्र में आप किसी को भी यथा संभव उधार देने से बचे और उधार भी तो बिलकुल भी न लें।
याद रहिये आप माता की आराधना सुख सम्पन्नता और सफलता के लिए कर रहे है इसलिए आप किसी भी दशा में किसी का एक भी पैसा न हड़पे / किसी के भी साथ धोखा ना करें , माता की सच्ची आराधना आपको आर्थिक रूप से अवश्य ही सक्षम बनाएगी ।
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