मित्रो जैसा कि आपने हमारे छः भागो मे पढा की कैसे सोशल मीडिया पर शाबर की अधुरी जानकारी दी जा रही है, शाबर मंत्रो की रचना हमारी संस्कृति,प्रकृत ओर क्षेत्रीय भाषाओ मे मिलती है कई मंत्रो मे कई भाषाओ का मिश्रित रुप मे वर्णन मिलेगा ऐसे कई मंत्र है जिनमे शुद्ध क्षेत्रिय भाषा, ग्रामीण लहजा, विचित्र शैली ओर अदभुत कल्पना शक्ति का समावेश होता है, शाबर मंत्रो मे मंत्र षडांग बीज ऋषिः कलिक छंदः देवता एव शक्ति की आवश्यकता अलग से नही रहा करती, बल्कि इन सभी का वर्णन मंत्र मे ही रहता है, इसलिए मित्रो प्रत्येक मंत्र अपने आप मे सम्पुणे है सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शाबर मंत्रो मे श्रद्धा ओर विश्वास प्राण फूंकते है तथा इसी ढृढता तथा विश्वास से शाबर मंत्र अपना चमत्कारी प्रभाव फल देते है इन मंत्रो मे आस्था ओर विश्वास का दुसरा प्रभाव सौगंध के रुप मे आता है, यह सौगंध आन दुहाई के रुप मे दी जाती है इसमे गाली श्राप जैसी स्थिति का विशेष उल्लेख रहा है हमेशा से, नादान बालक की कलम से आज बस इतना बाकी फिर कभी, तो मित्रो शाबर विधा या शाबर मंत्र देखने पढने सुनने मे ऊटपटांग या अंटसंट लग सकते है पर असलियत इनके ठीक विपरीत है साहित्य के क्षेत्र मे ये अनगढ़ ढेले ओर कंकड़ पत्थर भले ही प्रतीत हो किन्तु इनके प्रभावशाली ओर अदम्य शक्ति के आगे बडै बडे वैग्यानिक ओर अध्यात्मवादी भी आश्चर्यचकित रह जाते है, शाबर मंत्रो की रचना सर्वसाधारण की सुविधा के लिये या लोकहित की भावना से देवाधिदेव बाबा भोलेनाथ ने की है जैसा हम पहले भी बता चूके है भाग दो तीन मे, मंत्रो के शब्द ओर भाषा व्याकरण की नियम बद्धता से सर्वथा परे थे ,उनका न कोई अर्थ था ना ही लयात्मक छंद न कोई निश्चित शब्द ना ही कोई योजना ओर ना ही कोई निश्चित शब्द विधान, पर वे मंत्र परम प्रभावी आशुफलदायक ओर सर्वजनसाध्य थे ,जैसा हम पुर्व मे बता चूके है कि शाबर मंत्रो की परम्पराओं को विकसित करने मे नाथपंथी साधुऔ का बहुत योगदान रहा है जिनमे बाबा गुरू योगी गोरखनाथ जी प्रमुख थे बहुत से लोग तो ,बाबा गुरू योगी गोरखनाथ जी को ही शाबर का रचियता मानते है जबिक उनसे भी पहले करोडो मंत्रो की रचना हो चूके थी अब आगे कल बात करेगे,, मित्रो यहाँ के लिंक पोस्टो को आप फेसबुक वाटसअप पर शेयर करे ताकि सभी को उचित मार्गदर्शन मिले धन्यवाद,,
जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश।।
जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश।।
जय महाकाल
ReplyDeleteजय महाकाल
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