26 दिसम्बर को है ग्रहण ,कैसे करे साधना ग्रहण काल मे,ओर क्या करे क्या ना करे,,,
मित्रो साल का आखिर महीना ओर आखिर ग्रहण है सुर्य ग्रहण छबीस तारीख यानी 26 दिसम्बर को है भारत के अलावा कुछ देश मे ग्रहण दिखाई देगा, इसका असर पुरे विश्व पर देखने को मिलेगा, इसका असर सभी राशियां पर होगा, अच्छा भी बुरा भी इस सुर्य ग्रहण की सीमा दो घंटे चालीस मिनट होगी (02:40)भारतीये समय अनुसार ग्रहण का समय सुबह 08:17 यानि आठ बजकर सत्रह मिनट से शुरू हो रहा है इसका परमग्रास 09:31 पर है ओर ग्रहण समाप्ति 10:57 पर है यानि दस बजकर सत्तावन मिनट पर समाप्त हो जायेगा,,
अब ग्रहण काल मे ओर सुतक मे क्या करे क्या नही करे,, वो भी जान लिजिये, मित्रो ग्रहण से पुर्व सुतक रहता है तो सुतक मे ओर ग्रहण काल मे भोजन वर्जित है पर बिमार ,बुढ्ढे ,बच्चो ,के लिए सब माफ है, अधिकतर लोगो ग्रहण काल मे पुजा पाठ नही करते पर तंत्र विग्यान मे इसकी मनाही नही है आप तंत्रोक्ति हवन पुनश्चरण, गुरू मंत्र जाप आराध्य जाप नयी साधना जाप या कई मंत्र विधान ऐसे भी होते है जो ग्रहण काल मे ही किये जाते है ओर जनसाधारण अपने आराध्य देव या गुरुमंत्र का मानिसक जाप भी कर सकते है या गुरू आग्या लेकर हवन भी कर सकते है,
मित्रो ग्रहण काल मे भोजन नही करे, ग्रहण काल मे सूतक नौ घंटे पहले लग लग जाता है तो जैसा हमने बताया कि सुतक ओर ग्रहण मे भोजन निषेध है तो सूतक मे बुड्ढे बच्चे ओर बीमार के लिए सब माफ है ग्रहण काल भोजन शोच मूत्राशय करना विर्जित है, सुतक से पहले अगर भोजन पका हुआ है तो उसमे तूलसी दल डाल दिजिये, सूतक से पहले डाले, पानी दुध या पके हुये भोजन मे ताकि उनकी शुद्धता बनी रहे ओर सूतक काल मे उनका प्रयोग किया जा सके,,नादान बालक की कलम से आज बस इतना ही बाकी फिर कभी,, ओर ग्रहण काल के बाद नहाकर ही नया भोजन पकाये, हो सके तो कपडो सहित नहाये , साधक ग्रहण से पहले नाहाये ओर जप हवन करे ग्रहण के समय दान धर्म करे, गर्भवती स्त्री को सुतक काल मे बाहर नही आना चाहिए, ग्रहण के समय अगर कुछ नही आता है तो बाबा हनुमान चालीसा का पाठ करे रामचरित्र, संकटमोचन या कोई तंत्रोक्ति सिद्धि मंत्र इत्यादि कर सकते है जैसा हमने ऊपर बताया कि गुरूमंत्र ओर आराध्य इष्टदेव का मंत्र का जाप हवन भी कर सकते है,, ग्रहण काल के बाद एक धुप बनाकर आप पुरे घर मे घुमाकर शुद्धता कर सकते है, जैसे गुगल, कपूर, आशापुरी, ईलाइची, पीली सरसो, सफदे तिल के ,कमलगट्टे, थोडा सा हवन सामग्री, लौंग, तेजपाल के पत्ते, जटा माशी, नागकेसर, जावित्री, जायफल, यह सभी पीसकर मिलाकर दौ सौ तीन सौ ग्राम बनाकर अपने घरो मे नकरात्मक ऊर्जा का हनन कर सकते है यू धुप आप स्वयंम भी बना सकते है महीने मे एक बार रविवार को इसकी धुप दे सकते है घरो मे, बाकी ध्यान रखे अच्छा है,
ग्रहण काल का समय
ग्रहण काल शुरू 08:17 सुबह
मध्याह्न, 09:31 सुबह
ग्रहण काल समाप्त 10:57 सुबह
इस ग्रहण का आशिंक ग्रहण का प्रभाव दोपहर एक बजे तक रहेगा ओर इसका सुतक काल 25 दिसम्बर साडे पाँच बजे सायःकाल से शुरू हो जायेगा ,तो तूलसी दल उससे पुर्व ही भोजन मे डाले
जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश,,,
मित्रो साल का आखिर महीना ओर आखिर ग्रहण है सुर्य ग्रहण छबीस तारीख यानी 26 दिसम्बर को है भारत के अलावा कुछ देश मे ग्रहण दिखाई देगा, इसका असर पुरे विश्व पर देखने को मिलेगा, इसका असर सभी राशियां पर होगा, अच्छा भी बुरा भी इस सुर्य ग्रहण की सीमा दो घंटे चालीस मिनट होगी (02:40)भारतीये समय अनुसार ग्रहण का समय सुबह 08:17 यानि आठ बजकर सत्रह मिनट से शुरू हो रहा है इसका परमग्रास 09:31 पर है ओर ग्रहण समाप्ति 10:57 पर है यानि दस बजकर सत्तावन मिनट पर समाप्त हो जायेगा,,
अब ग्रहण काल मे ओर सुतक मे क्या करे क्या नही करे,, वो भी जान लिजिये, मित्रो ग्रहण से पुर्व सुतक रहता है तो सुतक मे ओर ग्रहण काल मे भोजन वर्जित है पर बिमार ,बुढ्ढे ,बच्चो ,के लिए सब माफ है, अधिकतर लोगो ग्रहण काल मे पुजा पाठ नही करते पर तंत्र विग्यान मे इसकी मनाही नही है आप तंत्रोक्ति हवन पुनश्चरण, गुरू मंत्र जाप आराध्य जाप नयी साधना जाप या कई मंत्र विधान ऐसे भी होते है जो ग्रहण काल मे ही किये जाते है ओर जनसाधारण अपने आराध्य देव या गुरुमंत्र का मानिसक जाप भी कर सकते है या गुरू आग्या लेकर हवन भी कर सकते है,
मित्रो ग्रहण काल मे भोजन नही करे, ग्रहण काल मे सूतक नौ घंटे पहले लग लग जाता है तो जैसा हमने बताया कि सुतक ओर ग्रहण मे भोजन निषेध है तो सूतक मे बुड्ढे बच्चे ओर बीमार के लिए सब माफ है ग्रहण काल भोजन शोच मूत्राशय करना विर्जित है, सुतक से पहले अगर भोजन पका हुआ है तो उसमे तूलसी दल डाल दिजिये, सूतक से पहले डाले, पानी दुध या पके हुये भोजन मे ताकि उनकी शुद्धता बनी रहे ओर सूतक काल मे उनका प्रयोग किया जा सके,,नादान बालक की कलम से आज बस इतना ही बाकी फिर कभी,, ओर ग्रहण काल के बाद नहाकर ही नया भोजन पकाये, हो सके तो कपडो सहित नहाये , साधक ग्रहण से पहले नाहाये ओर जप हवन करे ग्रहण के समय दान धर्म करे, गर्भवती स्त्री को सुतक काल मे बाहर नही आना चाहिए, ग्रहण के समय अगर कुछ नही आता है तो बाबा हनुमान चालीसा का पाठ करे रामचरित्र, संकटमोचन या कोई तंत्रोक्ति सिद्धि मंत्र इत्यादि कर सकते है जैसा हमने ऊपर बताया कि गुरूमंत्र ओर आराध्य इष्टदेव का मंत्र का जाप हवन भी कर सकते है,, ग्रहण काल के बाद एक धुप बनाकर आप पुरे घर मे घुमाकर शुद्धता कर सकते है, जैसे गुगल, कपूर, आशापुरी, ईलाइची, पीली सरसो, सफदे तिल के ,कमलगट्टे, थोडा सा हवन सामग्री, लौंग, तेजपाल के पत्ते, जटा माशी, नागकेसर, जावित्री, जायफल, यह सभी पीसकर मिलाकर दौ सौ तीन सौ ग्राम बनाकर अपने घरो मे नकरात्मक ऊर्जा का हनन कर सकते है यू धुप आप स्वयंम भी बना सकते है महीने मे एक बार रविवार को इसकी धुप दे सकते है घरो मे, बाकी ध्यान रखे अच्छा है,
ग्रहण काल का समय
ग्रहण काल शुरू 08:17 सुबह
मध्याह्न, 09:31 सुबह
ग्रहण काल समाप्त 10:57 सुबह
इस ग्रहण का आशिंक ग्रहण का प्रभाव दोपहर एक बजे तक रहेगा ओर इसका सुतक काल 25 दिसम्बर साडे पाँच बजे सायःकाल से शुरू हो जायेगा ,तो तूलसी दल उससे पुर्व ही भोजन मे डाले
जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश,,,
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