शरीर के अंगों पर तिल का मतलब
शरीर के विभिन्न अंगों पर तिल के निशान को लेकर अनेक प्रकार की धारणाएं देखने, सुनने और पढ़ने को मिलती है। बदन पर तिल होने पर यह भी कहा जाता है कि उक्त स्थान पर व्यक्ति को पूर्व जन्म में चोट लगी थी। इस तरह की कई बातें तिल के बारे में प्रचलित हैं। आइए नजर डालते हैं, ऐसी कुछ धारणाओं पर -
>जिनके दायें कंधे पर तिल होता है, वे दृढ संकल्पित होते हैं।
>यदि तिल पर बाल हो, तो वो शुभ नहीं माना जाता और न ही अच्छा लगता है।
>तिल यदि बड़ा हो, तो शुभ होने के साथ सगुन बढ़ाता है।
>तिल गहरे रंग का हो, तो माना जाता है कि बड़ी बाधाएं सामने आएंगी।
>हल्के रंग का तिल सकारात्मक विशेषता का सूचक माना जाता है।
>जिस व्यक्ति के ललाट पर दायीं तरफ तिल हो, उसे प्रतिभा का धनी माना जाता है और बायीं तरफ होने पर उसे फिजूलखर्च व्यक्ति माना जाता है। जिसके ललाट के मध्य में तिल हो, उस व्यक्ति को अच्छा प्रेमी माना जाता है।
>दायीं गाल पर तिल हो, वैवाहिक जीवन सफल रहता है। बायीं गाल पर तिल संघर्षपूर्ण जीवन का द्योतक है।
>जिस व्यक्ति के हों�� ों पर तिल होता है, उसे विलासी प्रवृत्ति का माना जाता है।
>�� ोड़ी पर तिल इस बात का सूचक है कि व्यक्ति सफल और संतुष्ट है।
>आंख पर तिल हो, तो माना जाता है कि व्यक्ति कंजूस प्रवृत्ति का है।
>पलकों पर तिल होना इस बात का द्योतक है कि व्यक्ति संवेदनशील और एकांतप्रिय है।
>कान पर तिल इस बात का सूचक है कि व्यक्ति धीर, गंभीर और विचारशील है।
>नाक पर तिल होने पर माना जाता है कि व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा।
>गर्दन पर तिल वाला वाला व्यक्ति अच्छा दोस्त होता है।
>कूल्हे पर तिल होने पर माना जाता है कि व्यक्ति शारिरिक व मानसिक दोनों स्तर पर परिश्रमी होता है।
>जिसके मुंह के पास तिल होता है, वह एक न एक दिन धन प्राप्त करता है।
>जिसके आंख के अंदर तिल हो, वह व्यक्ति कोमल हृदय अर्थात भावुक होता है।
>दायीं भौं पर तिल वाले व्यक्ति का वैवाहिक जीवन सफल रहता है।
>टखना पर तिल इस बात का सूचक है कि आदमी खुले विचारों वाला है।
>जोड़ों पर तिल होना शारिरिक दुर्बलता की निशानी माना जाता है।
>पांव पर तिल लापरवाही का द्योतक है।
>नाभि पर तिल मनमौजी प्रवृत्ति का संकेत है।
>कोहनी पर तिल होना विद्वान होने का संकेत है।
>कमर पर दायीं ओर तिल होना यह दर्शाता है कि व्यक्ति अपनी बात पर अटल रहने वाला और सच्चाई पसंद करने वाला है।
>जिसके घुटने पर तिल हो, वह व्यक्ति सफल वैवाहिक जीवन जीता है।
>जिसके बायें कंधे पर तिल होता है, वह व्यक्ति क्रोधी स्वभाव का होता है।
>कंधे और कोहनी के मध्य तिल होने पर माना जाता है कि व्यक्ति में उत्सुक प्रवृत्ति का है।
>जिस व्यक्ति के कोहनी और पोंहचे के मध्य कहीं तिल होता है, वह रोमांटिक प्रवृत्ति का होता है।
शरीर के विभिन्न अंगों पर तिल के निशान को लेकर अनेक प्रकार की धारणाएं देखने, सुनने और पढ़ने को मिलती है। बदन पर तिल होने पर यह भी कहा जाता है कि उक्त स्थान पर व्यक्ति को पूर्व जन्म में चोट लगी थी। इस तरह की कई बातें तिल के बारे में प्रचलित हैं। आइए नजर डालते हैं, ऐसी कुछ धारणाओं पर -
>जिनके दायें कंधे पर तिल होता है, वे दृढ संकल्पित होते हैं।
>यदि तिल पर बाल हो, तो वो शुभ नहीं माना जाता और न ही अच्छा लगता है।
>तिल यदि बड़ा हो, तो शुभ होने के साथ सगुन बढ़ाता है।
>तिल गहरे रंग का हो, तो माना जाता है कि बड़ी बाधाएं सामने आएंगी।
>हल्के रंग का तिल सकारात्मक विशेषता का सूचक माना जाता है।
>जिस व्यक्ति के ललाट पर दायीं तरफ तिल हो, उसे प्रतिभा का धनी माना जाता है और बायीं तरफ होने पर उसे फिजूलखर्च व्यक्ति माना जाता है। जिसके ललाट के मध्य में तिल हो, उस व्यक्ति को अच्छा प्रेमी माना जाता है।
>दायीं गाल पर तिल हो, वैवाहिक जीवन सफल रहता है। बायीं गाल पर तिल संघर्षपूर्ण जीवन का द्योतक है।
>जिस व्यक्ति के हों�� ों पर तिल होता है, उसे विलासी प्रवृत्ति का माना जाता है।
>�� ोड़ी पर तिल इस बात का सूचक है कि व्यक्ति सफल और संतुष्ट है।
>आंख पर तिल हो, तो माना जाता है कि व्यक्ति कंजूस प्रवृत्ति का है।
>पलकों पर तिल होना इस बात का द्योतक है कि व्यक्ति संवेदनशील और एकांतप्रिय है।
>कान पर तिल इस बात का सूचक है कि व्यक्ति धीर, गंभीर और विचारशील है।
>नाक पर तिल होने पर माना जाता है कि व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा।
>गर्दन पर तिल वाला वाला व्यक्ति अच्छा दोस्त होता है।
>कूल्हे पर तिल होने पर माना जाता है कि व्यक्ति शारिरिक व मानसिक दोनों स्तर पर परिश्रमी होता है।
>जिसके मुंह के पास तिल होता है, वह एक न एक दिन धन प्राप्त करता है।
>जिसके आंख के अंदर तिल हो, वह व्यक्ति कोमल हृदय अर्थात भावुक होता है।
>दायीं भौं पर तिल वाले व्यक्ति का वैवाहिक जीवन सफल रहता है।
>टखना पर तिल इस बात का सूचक है कि आदमी खुले विचारों वाला है।
>जोड़ों पर तिल होना शारिरिक दुर्बलता की निशानी माना जाता है।
>पांव पर तिल लापरवाही का द्योतक है।
>नाभि पर तिल मनमौजी प्रवृत्ति का संकेत है।
>कोहनी पर तिल होना विद्वान होने का संकेत है।
>कमर पर दायीं ओर तिल होना यह दर्शाता है कि व्यक्ति अपनी बात पर अटल रहने वाला और सच्चाई पसंद करने वाला है।
>जिसके घुटने पर तिल हो, वह व्यक्ति सफल वैवाहिक जीवन जीता है।
>जिसके बायें कंधे पर तिल होता है, वह व्यक्ति क्रोधी स्वभाव का होता है।
>कंधे और कोहनी के मध्य तिल होने पर माना जाता है कि व्यक्ति में उत्सुक प्रवृत्ति का है।
>जिस व्यक्ति के कोहनी और पोंहचे के मध्य कहीं तिल होता है, वह रोमांटिक प्रवृत्ति का होता है।
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