ॐ ऐं ह्रीं क्लीं नमः ब्रह्मोवाच मः न क्लीं ह्रीं ऐं ॐ ।। १ ।।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं नमः त्वं स्वाहा त्वं स्वधा त्वं हि वषट्कारः स्वरात्मिका ।
सुधा त्वमक्षरे नित्ये त्रिधा मात्रात्मिका स्थिताः ।। मः न क्लीं ह्रीं ऐं ॐ ।। २ ।।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं नमः अर्द्धमात्रास्थिता नित्या यानुर्च्चायां विशेषतः ।
त्वमेव सन्ध्या सावित्री त्वं देवि जननी परा ।। मः न क्लीं ह्रीं ऐं ॐ ।। ३ ।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं नमः त्वं स्वाहा त्वं स्वधा त्वं हि वषट्कारः स्वरात्मिका ।
सुधा त्वमक्षरे नित्ये त्रिधा मात्रात्मिका स्थिताः ।। मः न क्लीं ह्रीं ऐं ॐ ।। २ ।।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं नमः अर्द्धमात्रास्थिता नित्या यानुर्च्चायां विशेषतः ।
त्वमेव सन्ध्या सावित्री त्वं देवि जननी परा ।। मः न क्लीं ह्रीं ऐं ॐ ।। ३ ।
No comments:
Post a Comment
#तंत्र #मंत्र #यंत्र #tantra #mantra #Yantra
यदि आपको वेब्सायट या ब्लॉग बनवानी हो तो हमें WhatsApp 9829026579 करे, आपको हमारी पोस्ट पसंद आई उसके लिए ओर ब्लाँग पर विजिट के लिए धन्यवाद, जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश 🙏🏻🌹