ॐ के 10 शारीरिक लाभ
ॐ अर्थात् ओउम् तीन अक्षरों से बना है, जो सर्व विदित है । अ उ म् ।
"अ" का अर्थ है उत्पन्न होना, "उ" का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास, "म" का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना।
ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है। ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है।
जानें, ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक और अपनाएं आरोग्य के लिए मात्र ॐ के उच्चारण का मार्ग...
ॐ दूर करे तनावः
अनेक बार ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है
ॐ और घबराहटः
अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।
ॐ और तनावः
यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।
ॐ और खून का प्रवाहः
यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है
ॐ और पाचनः
ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है
ॐ लाए स्फूर्तिः
इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।
ॐ और थकान:
थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।
ॐ और नींदः
नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चित नींद आएगी।
ॐ और फेफड़े:
कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।
ॐ और रीढ़ की हड्डी:
ॐ के पहले शब्*द का उच्*चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।
ॐ और रीढ़ की हड्डी:
ॐ के पहले शब्*द का उच्*चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।
ॐ और थायरायडः
ॐ के दूसरे अक्षर का उच्*चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो कि थायरायड ग्रंथी पर प्रभाव डालता है।
ॐ अर्थात् ओउम् तीन अक्षरों से बना है, जो सर्व विदित है । अ उ म् ।
"अ" का अर्थ है उत्पन्न होना, "उ" का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास, "म" का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना।
ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है। ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है।
जानें, ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक और अपनाएं आरोग्य के लिए मात्र ॐ के उच्चारण का मार्ग...
ॐ दूर करे तनावः
अनेक बार ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है
ॐ और घबराहटः
अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।
ॐ और तनावः
यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।
ॐ और खून का प्रवाहः
यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है
ॐ और पाचनः
ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है
ॐ लाए स्फूर्तिः
इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।
ॐ और थकान:
थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।
ॐ और नींदः
नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चित नींद आएगी।
ॐ और फेफड़े:
कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।
ॐ और रीढ़ की हड्डी:
ॐ के पहले शब्*द का उच्*चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।
ॐ और रीढ़ की हड्डी:
ॐ के पहले शब्*द का उच्*चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।
ॐ और थायरायडः
ॐ के दूसरे अक्षर का उच्*चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो कि थायरायड ग्रंथी पर प्रभाव डालता है।
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