व्यापार व कारोबार में वृद्धि के लिए :
अधिकतर मामलों में व्यापार करते हुये धन की कमी होती है,लगातार प्रतिस्पर्धा केकारण लोग व्यवसाय को काटते है,और ग्राहकों को अपनी तरफ आकर्षित करते है,अपनी बिजनिस बढाने के लिये तांत्रिक उपाय करते है, और उन तांत्रिक उपायों को करनेके बाद खुद तो उल्टा सीधा कमाते है,लेकिन अपने सामने वाले को भी बरबाद करते हैतथा कुछ दिनों में उनके द्वारा किये गये तांत्रिक उपायों का असर खत्म हो जाने परदिवालिया बन कर घूमने लगते है। अपने व्यवसाय स्थल से नकारात्मक ऊर्जा को हटानेऔर ग्राहकी बढाने का तरीका आपको बता रहा हूँ, इस तरीके को प्रयोग करने के बादआप खुद ही महसूस करने लगेंगे ।
सोमवार के दिन किसी नगीने बेचने वाले से तीन गारनेट के नग खरीदकर लाइये, औररात को उन्हे किसी साफ कांच के बर्तन में पानी में डुबोकर खुले स्थान में रख दीजिये,उननगों को लगातार नौ दिन तक यानी अगले मंगलवार तक उसी स्थान पर रखा रहनेदीजिये, और मंगलवार की शाम को उन नगीनों को मय उस पानी के उठा लीजिये,बुधवारको उस पानी से नगीनों को अपने व्यवसाय वाले स्थान पर निकाल लीजिये और पानी कोव्यवसाय स्थान के सभी कोनों और अन्धेरी जगह पर कैस काउन्टर और टेबिल ड्रावर केअन्दर छिडक दीजिये, तथा उन नगीनों को (तीनों को) अपनी टेबिल पर सजाकर सामनेरख लीजिये, इस प्रकार से आपके व्यापारिक स्थान की नकारात्मक ऊर्जा बाहर चलीजायेगी, और सकारात्मक ऊर्जा आने लगेगी । नगीनों को सम्भाल कर रखे,जिससे कोईउन्हे ले न जा सके।
अगर बढ़ाना हो व्यापार-व्यवसाय
अगर आपका व्यापार-व्यवसाय मंदा चल रहा है। किसी भी काम के शुरू करने केबाद उसमें ऐसा लाभ नहीं मिलता जैसा सोच रहे हैं, दुकान खुब सजाधजा कर रखने परभी उसमें ग्राहक नहीं आते तो अब चिंता की बात नहीं है। हम आपको ऐसे कुछ सिद्धटोटके बता रहे हैं जिससे थोड़े से प्रयास से आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे। लेकिन इनप्रयोगों को करने से पहले आपको मन में कुछ बातें ठाननी पड़ेंगी। एक, हमेशा सत्यबोलेंगे, दूसरों का अहित नहीं करेंगे और तीसरा हमेशा अपना श्रेष्ठतम परिणाम देंगे। जबआप कोई टोटका प्रयोग में ला रहे हों तो इसके बारे में किसी को बताए नहीं, इससे टोटकेका प्रभाव कम हो जाता है। इन टोटकों को आजमाइए, लाभ जरूर मिलेगा।
1. शनिवार को पीपल के पेड़ से एक पत्ता तोड़ लाएं, उसे धूप-बत्ती दिखाकर अपनी दुकानकी गादी जिस पर आप बैठते हैं, उसके नीचे रख दें। सात शनिवार तक लगातार ऐसा हीकरें। जब गादी के नीचे सात पत्ते इकट्ठे हो जाएं तो उन्हें एक साथ किसी तालाब या कुएंमें बहा दें। व्यवसाय चल निकलेगा।
2. किसी ऐसी दुकान जो काफी चलती हो वहां से लोहे की कोई कील या नट आदिशनिवार के दिन खरीदकर, मांगकर या उठाकर ले आएं। काली उड़द के 10-15 दानों केसाथ उसे एक शीशी में रख लें। धूप-दीप से पूजाकर ग्राहकों की नजरों से बचाकर दुकान मेंरख लें। व्यवसाय खुब चलेगा।
3. शनिवार को सात हरी मिर्च और सात नींबू की माला बनाकर दुकान में ऐसे टांगें किउस पर ग्राहक की नजर पड़े।
व्यापार
व्यापार स्थल पर किसी भी प्रकार की समस्या हो, तो वहां श्वेतार्क गणपति तथाएकाक्षी श्रीफल की स्थापना करें। फिर नियमित रूप से धूप, दीप आदि से पूजा करें तथासप्ताह में एक बार मिठाई का भोग लगाकर प्रसाद यथासंभव अधिक से अधिक लोगों कोबांटें। भोग नित्य प्रति भी लगा सकते हैं।
यदि आपको लगता है कि आपका कार्य किसी ने बांध दिया है और चाहकर भी उसमेंबढ़ोतरी नहीं हो रही है व सब तरफ से मन्दा एवं बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।ऐसे में आपको साबुत फिटकरी दुकान में खड़े होकर 31 बार वार दें और दुकान से बाहरनिकल कर किसी चौराहे पर जाकर उत्तर दिशा में फेंक कर बिना पीछे देखें वापस आजाएं। नजर दूर हो जाएगी और व्यापार फिर से पूर्व की भांति चलने लगेगा।
व्यापार व कारोबार में वृद्धि के लिए
एक नीबू लेकर उस पर चार लौंग गाड़ दें और उसे हाथ में रखकर निम्नलिखित मंत्र का२१ बार जप करें। जप के बाद नीबू को अपनी जेब में रख कर जिनसे कार्य होना हो, उनसेजाकर मिलें।
श्री हनुमते नमः
इसके अतिरिक्त शनिवार को पीपल का एक पत्ता गंगा जल से धोकर हाथ में रख लें औरगायत्री मंत्र का २१ बार जप करें। फिर उस पत्ते को धूप देकर अपने कैश बॉक्स में रख दें।यह क्रिया प्रत्येक शनिवार को करें और पत्ता बदल कर पहले के पत्ते को पीपल की जड़ मेंमें रख दें। यह क्रिया निष्ठापूर्वक करें, कारोबार में उन्नति होगी।
व्यापार बढाने के लिए
. शुक्ल पक्ष में किसी भी दिन अपनी फैक्ट्री या दुकान के दरवाजे के दोनों तरफ बाहरकी ओर थोडा सा गेहूं का आटा रख दें ! ध्यान रहे ऐसा करते हुए आपको कोई देखे नही !
. पूजा घर में अभिमंत्रित र्श्री यंत्र रखें !
. शुर्क्वार की रात को सवा किलो काले चने भिगो दें ! दूसरे दिन शनिवार को उन्हें सरसोंके तेल में बना लें ! उसके तीन हिस्से कर लें ! उसमें से एक हिस्सा घोडे या भैंसे को खिलादें ! दूसरा हिस्सा कुष्ठ रोगी को दे दें और तीसरा हिस्सा अपने सिर से घडी की सूई से उल्टेतरफ तीन बार वार कर किसी चौराहे पर रख दें ! यह प्रयोग 40 दिन तक करें ! कारोबारमें लाभ होगा !
. कारोबार में नुकसान हो रहा हो या कार्यक्षेत्र में झगडा हो रहा हो तो :यदि उपरोक्त स्थिति का सामना हो तो आप अपने वजन के बराबर कच्चा कोयला लेकरजल प्रवाह कर दें ! अवश्य लाभ होगा !
सफल कारोबार व लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के उपाय
व्यापार में निरंतर लाभ पाने हेतु कुंडली में लग्न, द्वितीय, पंचम, नवम और एकादशभावों व उनके स्वामियों के शुभ संबंधों का विचार किया जाता है, परंतु कभी-कभी ,ऐसादेखने में आता है कि आर्थिक संपन्नता के योग कुंडली में मौजूद होने पर भीदशा-अन्तर्दशा, गोचर ग्रहों की प्रतिकूलता अथवा अन्य अदृश्य कार. जैसे पितृ दोष,बंधन आदि से व्यापार में वांछित लाभ नहीं मिलता है , ऐसे में कुछ उपाय हैं जिनसे लाभप्राप्त किया जा सकता है।
.किसी बरतन में सफेद सरसों इस प्रकार रखें कि वह दिखाई देती रहे और बरतन कोकार्यस्थल में ,ऐसी जगह रख दें, जहां आने-जाने वालों का ध्यान उस पर पड़े।
॰ सरकारी या निजी रोजगार क्षेत्र में परिश्रम के उपरांत भी सफलता नहीं मिल रही हो,तो नियमपूर्वक किये गये विष्णु यज्ञ की विभूति ले कर, अपने पितरों की ृकुशा´ कीमूर्ति बना कर, गंगाजल से स्नान करायें तथा यज्ञ विभूति लगा कर, कुछ भोग लगा देंऔर उनसे कार्य की सफलता हेतु कृपा करने की प्रार्थना करें। किसी धार्मिक ग्रंथ का एकअध्याय पढ़ कर, उस कुशा की मूर्ति को पवित्र नदी या सरोवर में प्रवाहित कर दें।सफलता अवश्य मिलेगी। सफलता के पश्चात् किसी शुभ कार्य में दानादि दें।
यदि परिश्रम के पश्चात् भी कारोबार ठप्प हो, या धन आकर खर्च हो जाता हो तो यहटोटका काम में लें। किसी गुरू पुष्य योग और शुभ चन्द्रमा के दिन प्रातरू हरे रंग के कपड़ेकी छोटी थैली तैयार करें। श्री गणेश के चित्र अथवा मूर्ति के आगे “संकटनाशन गणेशस्तोत्र´´ के 11 पाठ करें। तत्पश्चात् इस थैली में 7 मूंग, 10 ग्राम साबुत धनिया, एकपंचमुखी रूद्राक्ष, एक चांदी का रूपया या 2 सुपारी, 2 हल्दी की गांठ रख कर दाहिने मुख केगणेश जी को शुद्ध घी के मोदक का भोग लगाएं। फिर यह थैली तिजोरी या कैश बॉक्स मेंरख दें। गरीबों और ब्राह्मणों को दान करते रहे। आर्थिक स्थिति में शीघ्र सुधार आएगा। 1साल बाद नयी थैली बना कर बदलते रहें।
घर और कार्यस्थल में धन वर्षा के लिए :
इसके लिए आप अपने घर, दुकान या शोरूम में एक अलंकारिक फव्वारा रखें ! या
एक मछलीघर जिसमें 8 सुनहरी व एक काली मछ्ली हो रखें ! इसको उत्तर या उत्तरपूर्वकी ओर रखें ! यदि कोई मछ्ली मर जाय तो उसको निकाल कर नई मछ्ली लाकर उसमेंडाल दें !
नौकर न टिके या परेशान करे तो :
हर मंगलवार को बदाना (मीठी बूंदी) का प्रशाद लेकर मंदिर में चढा कर लडकियों में बांटदें ! ऐसा आप चार मंगलवार करें !
सोमवार के दिन किसी नगीने बेचने वाले से तीन गारनेट के नग खरीदकर लाइये, औररात को उन्हे किसी साफ कांच के बर्तन में पानी में डुबोकर खुले स्थान में रख दीजिये,उननगों को लगातार नौ दिन तक यानी अगले मंगलवार तक उसी स्थान पर रखा रहनेदीजिये, और मंगलवार की शाम को उन नगीनों को मय उस पानी के उठा लीजिये,बुधवारको उस पानी से नगीनों को अपने व्यवसाय वाले स्थान पर निकाल लीजिये और पानी कोव्यवसाय स्थान के सभी कोनों और अन्धेरी जगह पर कैस काउन्टर और टेबिल ड्रावर केअन्दर छिडक दीजिये, तथा उन नगीनों को (तीनों को) अपनी टेबिल पर सजाकर सामनेरख लीजिये, इस प्रकार से आपके व्यापारिक स्थान की नकारात्मक ऊर्जा बाहर चलीजायेगी, और सकारात्मक ऊर्जा आने लगेगी । नगीनों को सम्भाल कर रखे,जिससे कोईउन्हे ले न जा सके।
अगर बढ़ाना हो व्यापार-व्यवसाय
अगर आपका व्यापार-व्यवसाय मंदा चल रहा है। किसी भी काम के शुरू करने केबाद उसमें ऐसा लाभ नहीं मिलता जैसा सोच रहे हैं, दुकान खुब सजाधजा कर रखने परभी उसमें ग्राहक नहीं आते तो अब चिंता की बात नहीं है। हम आपको ऐसे कुछ सिद्धटोटके बता रहे हैं जिससे थोड़े से प्रयास से आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे। लेकिन इनप्रयोगों को करने से पहले आपको मन में कुछ बातें ठाननी पड़ेंगी। एक, हमेशा सत्यबोलेंगे, दूसरों का अहित नहीं करेंगे और तीसरा हमेशा अपना श्रेष्ठतम परिणाम देंगे। जबआप कोई टोटका प्रयोग में ला रहे हों तो इसके बारे में किसी को बताए नहीं, इससे टोटकेका प्रभाव कम हो जाता है। इन टोटकों को आजमाइए, लाभ जरूर मिलेगा।
1. शनिवार को पीपल के पेड़ से एक पत्ता तोड़ लाएं, उसे धूप-बत्ती दिखाकर अपनी दुकानकी गादी जिस पर आप बैठते हैं, उसके नीचे रख दें। सात शनिवार तक लगातार ऐसा हीकरें। जब गादी के नीचे सात पत्ते इकट्ठे हो जाएं तो उन्हें एक साथ किसी तालाब या कुएंमें बहा दें। व्यवसाय चल निकलेगा।
2. किसी ऐसी दुकान जो काफी चलती हो वहां से लोहे की कोई कील या नट आदिशनिवार के दिन खरीदकर, मांगकर या उठाकर ले आएं। काली उड़द के 10-15 दानों केसाथ उसे एक शीशी में रख लें। धूप-दीप से पूजाकर ग्राहकों की नजरों से बचाकर दुकान मेंरख लें। व्यवसाय खुब चलेगा।
3. शनिवार को सात हरी मिर्च और सात नींबू की माला बनाकर दुकान में ऐसे टांगें किउस पर ग्राहक की नजर पड़े।
व्यापार
व्यापार स्थल पर किसी भी प्रकार की समस्या हो, तो वहां श्वेतार्क गणपति तथाएकाक्षी श्रीफल की स्थापना करें। फिर नियमित रूप से धूप, दीप आदि से पूजा करें तथासप्ताह में एक बार मिठाई का भोग लगाकर प्रसाद यथासंभव अधिक से अधिक लोगों कोबांटें। भोग नित्य प्रति भी लगा सकते हैं।
यदि आपको लगता है कि आपका कार्य किसी ने बांध दिया है और चाहकर भी उसमेंबढ़ोतरी नहीं हो रही है व सब तरफ से मन्दा एवं बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।ऐसे में आपको साबुत फिटकरी दुकान में खड़े होकर 31 बार वार दें और दुकान से बाहरनिकल कर किसी चौराहे पर जाकर उत्तर दिशा में फेंक कर बिना पीछे देखें वापस आजाएं। नजर दूर हो जाएगी और व्यापार फिर से पूर्व की भांति चलने लगेगा।
व्यापार व कारोबार में वृद्धि के लिए
एक नीबू लेकर उस पर चार लौंग गाड़ दें और उसे हाथ में रखकर निम्नलिखित मंत्र का२१ बार जप करें। जप के बाद नीबू को अपनी जेब में रख कर जिनसे कार्य होना हो, उनसेजाकर मिलें।
श्री हनुमते नमः
इसके अतिरिक्त शनिवार को पीपल का एक पत्ता गंगा जल से धोकर हाथ में रख लें औरगायत्री मंत्र का २१ बार जप करें। फिर उस पत्ते को धूप देकर अपने कैश बॉक्स में रख दें।यह क्रिया प्रत्येक शनिवार को करें और पत्ता बदल कर पहले के पत्ते को पीपल की जड़ मेंमें रख दें। यह क्रिया निष्ठापूर्वक करें, कारोबार में उन्नति होगी।
व्यापार बढाने के लिए
. शुक्ल पक्ष में किसी भी दिन अपनी फैक्ट्री या दुकान के दरवाजे के दोनों तरफ बाहरकी ओर थोडा सा गेहूं का आटा रख दें ! ध्यान रहे ऐसा करते हुए आपको कोई देखे नही !
. पूजा घर में अभिमंत्रित र्श्री यंत्र रखें !
. शुर्क्वार की रात को सवा किलो काले चने भिगो दें ! दूसरे दिन शनिवार को उन्हें सरसोंके तेल में बना लें ! उसके तीन हिस्से कर लें ! उसमें से एक हिस्सा घोडे या भैंसे को खिलादें ! दूसरा हिस्सा कुष्ठ रोगी को दे दें और तीसरा हिस्सा अपने सिर से घडी की सूई से उल्टेतरफ तीन बार वार कर किसी चौराहे पर रख दें ! यह प्रयोग 40 दिन तक करें ! कारोबारमें लाभ होगा !
. कारोबार में नुकसान हो रहा हो या कार्यक्षेत्र में झगडा हो रहा हो तो :यदि उपरोक्त स्थिति का सामना हो तो आप अपने वजन के बराबर कच्चा कोयला लेकरजल प्रवाह कर दें ! अवश्य लाभ होगा !
सफल कारोबार व लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के उपाय
व्यापार में निरंतर लाभ पाने हेतु कुंडली में लग्न, द्वितीय, पंचम, नवम और एकादशभावों व उनके स्वामियों के शुभ संबंधों का विचार किया जाता है, परंतु कभी-कभी ,ऐसादेखने में आता है कि आर्थिक संपन्नता के योग कुंडली में मौजूद होने पर भीदशा-अन्तर्दशा, गोचर ग्रहों की प्रतिकूलता अथवा अन्य अदृश्य कार. जैसे पितृ दोष,बंधन आदि से व्यापार में वांछित लाभ नहीं मिलता है , ऐसे में कुछ उपाय हैं जिनसे लाभप्राप्त किया जा सकता है।
.किसी बरतन में सफेद सरसों इस प्रकार रखें कि वह दिखाई देती रहे और बरतन कोकार्यस्थल में ,ऐसी जगह रख दें, जहां आने-जाने वालों का ध्यान उस पर पड़े।
॰ सरकारी या निजी रोजगार क्षेत्र में परिश्रम के उपरांत भी सफलता नहीं मिल रही हो,तो नियमपूर्वक किये गये विष्णु यज्ञ की विभूति ले कर, अपने पितरों की ृकुशा´ कीमूर्ति बना कर, गंगाजल से स्नान करायें तथा यज्ञ विभूति लगा कर, कुछ भोग लगा देंऔर उनसे कार्य की सफलता हेतु कृपा करने की प्रार्थना करें। किसी धार्मिक ग्रंथ का एकअध्याय पढ़ कर, उस कुशा की मूर्ति को पवित्र नदी या सरोवर में प्रवाहित कर दें।सफलता अवश्य मिलेगी। सफलता के पश्चात् किसी शुभ कार्य में दानादि दें।
यदि परिश्रम के पश्चात् भी कारोबार ठप्प हो, या धन आकर खर्च हो जाता हो तो यहटोटका काम में लें। किसी गुरू पुष्य योग और शुभ चन्द्रमा के दिन प्रातरू हरे रंग के कपड़ेकी छोटी थैली तैयार करें। श्री गणेश के चित्र अथवा मूर्ति के आगे “संकटनाशन गणेशस्तोत्र´´ के 11 पाठ करें। तत्पश्चात् इस थैली में 7 मूंग, 10 ग्राम साबुत धनिया, एकपंचमुखी रूद्राक्ष, एक चांदी का रूपया या 2 सुपारी, 2 हल्दी की गांठ रख कर दाहिने मुख केगणेश जी को शुद्ध घी के मोदक का भोग लगाएं। फिर यह थैली तिजोरी या कैश बॉक्स मेंरख दें। गरीबों और ब्राह्मणों को दान करते रहे। आर्थिक स्थिति में शीघ्र सुधार आएगा। 1साल बाद नयी थैली बना कर बदलते रहें।
घर और कार्यस्थल में धन वर्षा के लिए :
इसके लिए आप अपने घर, दुकान या शोरूम में एक अलंकारिक फव्वारा रखें ! या
एक मछलीघर जिसमें 8 सुनहरी व एक काली मछ्ली हो रखें ! इसको उत्तर या उत्तरपूर्वकी ओर रखें ! यदि कोई मछ्ली मर जाय तो उसको निकाल कर नई मछ्ली लाकर उसमेंडाल दें !
नौकर न टिके या परेशान करे तो :
हर मंगलवार को बदाना (मीठी बूंदी) का प्रशाद लेकर मंदिर में चढा कर लडकियों में बांटदें ! ऐसा आप चार मंगलवार करें !
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