Tuesday, June 23, 2015

साधना मे रक्षा हेतु हनुमान शाबर मंत्र

1,,साधना मे रक्षा हेतु हनुमान शाबर मंत्र

इस शाबर मंत्र को किसी शुभ दिन जैसे ग्रहण, होली, रवि पुष्य योग, गुरु पुष्य योग मे 1008 बार जप कर
सिद्ध कर ले । माला लाल मुंगे या तुलसी जो प्राण प्रतिष्ठीत हो । वस्त्र लाल, दिशा उत्तर या पुर्व, आसन ऊन का । इस मंत्र का जाप आप हनुमान मंदिर मे करेंगे तो ज्यादा उचित है । नही तो घर पर भी कर सक्ते है । हनुमान जी का विधी विधान से पुजन करके 11 लड्डुओ का तुलसी दल रख कर भोग लगा कर जप शुरू कर दे । जप समाप्त होने पर हनुमान जी को प्रणाम करे बस आपका मंत्र सिद्ध हो गया ।
प्रयोग :- जब भी आप कोई साधना करे तो मात्र 7 बार इस मंत्र का जाप करके रक्षा घेरा बनाने से स्वयं
हनुमान जी रक्षा करते है । इस मंत्र का 7 बार जप कर के ताली बजा देने से भी पूर्ण तरह से रक्षा होती है । और इस मंत्र को सिद्ध करने के बाद रोज इस मंत्र की 1 माला जाप करने पर टोना जादु साधक पर असर नही करते ।
मंत्र :-
॥ ओम नमो हनुमान  वज्र का कोठा, जिसमे पिंण्ड हमारा पैठा,

ईश्वर कुंजी ब्रम्हा ताला, मेरे आठो याम का यति हनुमंत रखवाला ।


2,,प्राणों की रक्षा हेतु मंत्र/रक्षा कवच बनाने के लिए


हनुमानजी जब लंका से आये तो राम जी ने उनको पूछा कि , रामजी के वियोग में सीताजी अपने प्राणो की रक्षा कैसे करती हैं ?
तो हनुमान जी ने जो जवाब दिया उसे याद कर लो । अगर आप के घर में कोई अति अस्वस्थ है, जो बहुत बिमार है, अब नहीं बचेंगे ऐसा लगता हो, सभी डॉक्टर दवाईयाँ भी जवाब दे गईं हों, तो ऐसे व्यक्ति की प्राणों की रक्षा इस मंत्र से करो..उस व्यक्ति के पास बैठकर ये हनुमानजी का मंत्र जपो..तो ये सीता जी ने अपने प्राणों की रक्षा कैसे की ये हनुमानजी के वचन हैं..(सब बोलना)

नाम पाहरू दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट ।
लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहिं बाट ॥

इसक अर्थ भी समझ लीजिये ।
' नाम पाहरू दिवस निसि ' ..... सीता जी के चारों तरफ आप के नाम का पहरा है । क्योंकि वे रात दिन आप के नाम का ही जप करती हैं । सदैव राम जी का ही ध्यान धरती हैं और जब भी आँखें खोलती हैं तो अपने चरणों में नज़र टिकाकर आप के चरण कमलों को ही याद करती रहती हैं ।

तो ' जाहिं प्रान केहिं बाट '..... सोचिये की आप के घर के चरों तरफ कड़ा पहरा है । छत और ज़मीन की तरफ से भी किसी के घुसने का मार्ग बंद कर दिया है, क्या कोई चोर अंदर घुस सकता है..? ऐसे ही सीता जी ने सभी ओर से श्री रामजी का रक्षा कवच धारण कर लिया है ..इस प्रकार वे अपने प्राणों की रक्षा करती हैं । तो ये मंत्र श्रद्धा के साथ जपेंगे तो आप भी किसी के प्राणों की रक्षा कर सकते हैं ।

रक्षा कवच बनाने के लिए
दिन में 3-4 बार शांति से बैठें , 2-3 मिनिट होठो में जप करे और फिर चुप हो गए। ऐसी धारणा करे की मेरे चारो तरफ भगवान का नाम मेरे चारो ओर घूम रहा हें। भगवान का नाम का घेरा मेरी रक्षा कर रहा है।


3,,,कार्य सिद्धि के लिए

“ॐ गं गणपतये नमः”

Om gam ganpatay Namah

हर कार्य शुरु करने से पहले इस मंत्र का 108 बार जप करें, कार्य सिद्ध होगा


4..मृत्युभय से रक्षा करेगा यह शिव मंत्र



जो जिस श्रद्धा के साथ भगवान का ध्यान करते हैं, भगवान भी उनका उतना ही ध्यान रखते हैं। शिवलिंग प्रतीक हैं विश्व-ब्रह्मांड का जिसके कण-कण में भगवान शिव का वास है और शिवलिंग पर विभिन्न सामग्रियों जैसे-दूध, दही, गंगाजल, घृत, गन्ने का रस, सुगंधित द्रव्य आदि से अभिषेक करने का यही तात्पर्य है कि इन विभिन्न सामग्रियों के माध्यम से हम विश्व वसुधा को समुन्नत कर रहे हैं। अपने कर्मों को विभिन्न रूपों में शिवरूपी ब्रह्मांड को अर्पण कर रहे हैं। यह समर्पण की भावना ही हमें शिव की ओर अर्थात कल्याण की ओर ले जाती है।







भगवान शिव की पूजा केवल कर्मकांड, मनोकामना पू्र्ति के लिए ही नहीं है यह पूजा इसलिए भी है कि व्यक्ति का मन स्वच्छ हो। जिस तरह हम भगवान शिव का जल-दुग्ध आदि पवित्र द्रव्यों से अभिषेक करते हैं उसी तरह हम भी अपने मन को निरंतर निर्मल करते रहें, जिस तरह हम विभिन्न सामग्रियों को भगवान को अर्पण करते हैं, उसी तरह इस विश्व-वसुधा की भी सेवा करते रहें।




शिवलिंग का जल स्नान कराने के बाद पंचोपचार पूजा यानी सफेद चंदन, अक्षत, बिल्वपत्र, आंकडे के फूल व मिठाई का भोग लगाकर इस आसान शिव मंत्र का ध्यान जीवन में शुभ-लाभ की कामना से करें। यह शिव मंत्र मृत्युभय, दरिद्रता व हानि से रक्षा करने वाला भी माना गया है-




पञ्चवक्त्र: कराग्रै: स्वैर्दशभिश्चैव धारयन्।

अभयं प्रसादं शक्तिं शूलं खट्वाङ्गमीश्वर:।।

दक्षै: करैर्वामकैश्च भुजंग चाक्षसूत्रकम्।

डमरुकं नीलोत्पलं बीजपूरकमुक्तमम्।


5...संकट से रक्षा का शाबर हनुमान  मन्त्र



मन्त्रः-
“हनुमान हठीला लौंग की काट, बजरंग का टीला ! लावो सुपारी । सवा सौ मन का भोगरा, उठाए बड़ा पहलवान । आस कीलूँ – पास कीलूँ, कीलूँ अपनी काया । जागता मसान कीलूँ, बैठूँ जिसकी छाया । जो मुझ पर चोट-चपट करें, तू उस पर बगरंग ! सिला चला । ना चलावे, तो अञ्जनी मा की चीर फाड़ लंगोट करें, दूध पिया हराम करें । माता सीता की दूहाई, भगवान् राम की दुहाई । मेरे गुरु की दुहाई ।”
विधिः-
हनुमान् जी के प्रति समर्पण व श्रद्धा का भाव रखते हुए शुभ मंगलवार से उक्त मन्त्र का नित्य एक माला जप ९० दिन तक करे । पञ्चोपचारों से हनुमान् जी की पूजा करे । इससे मन्त्र में वर्णित कार्यों की सिद्धि होगी एवं शत्रुओं का नाश होगा तथा परिवार की संकटों से रक्षा होगी ।,,,

6....प्राण रक्षा मंत्र।

प्राण रक्षा मंत्र।
प्राणस्‍त्‍वं सर्वभूतानां योनिश्‍च सरितां पते।
तीर्थराज नमस्‍तेऽस्‍तु त्राहि मामच्‍युतप्रिय।।
(ना0 उतर0 57।2)

'सरिताओं के स्‍वामी तीर्थराज! आप सम्‍पूर्ण भूतों के प्राण और योनि है। आपको नमस्‍कार है। अच्‍युतप्रिय! मेरी रक्षा कीजिये।'

7.... हनुमान रक्षा-शाबर मन्त्र





“ॐ गर्जन्तां घोरन्तां, इतनी छिन कहाँ लगाई ? साँझ क वेला, लौंग-सुपारी-पान-फूल-इलायची-धूप-दीप-रोट॒लँगोट-फल-फलाहार मो पै माँगै। अञ्जनी-पुत्र ‌प्रताप-रक्षा-कारण वेगि चलो। लोहे की गदा कील, चं चं गटका चक कील, बावन भैरो कील, मरी कील, मसान कील, प्रेत-ब्रह्म-राक्षस कील, दानव कील, नाग कील, साढ़ बारह ताप कील, तिजारी कील, छल कील, छिद कील, डाकनी कील, साकनी कील, दुष्ट कील, मुष्ट कील, तन कील, काल-भैरो कील, मन्त्र  कील, कामरु देश के दोनों दरवाजा कील, बावन वीर कील, चौंसठ जोगिनी कील, मारते क हाथ कील, देखते क नयन कील, बोलते क जिह्वा कील, स्वर्ग कील, पाताल कील, पृथ्वी कील, तारा कील, कील बे कील, नहीं तो अञ्जनी माई की दोहाई फिरती रहे। जो करै वज्र की घात, उलटे वज्र उसी पै परै। छात फार के मरै। ॐ खं-खं-खं जं-जं-जं वं-वं-वं रं-रं-रं लं-लं-लं टं-टं-टं मं-मं-मं। महा रुद्राय नमः। अञ्जनी-पुत्राय नमः। हनुमताय नमः। वायु-पुत्राय नमः। राम-दूताय नमः।”
विधिः- अत्यन्त लाभ-दायक अनुभूत मन्त्र है। १००० पाठ करने से सिद्ध होता है। अधिक कष्ट हो, तो हनुमानजी का फोटो टाँगकर, ध्यान लगाकर लाल फूल और गुग्गूल की आहुति दें। लाल लँगोट, फल, मिठाई, ५ लौंग, ५ इलायची, १ सुपारी चढ़ा कर पाठ करें।



8...व्यापार बढ़ाने के लिए :शाबर मन्त्र
||भंवर वीर तू मेरा चेला, खोल दूकान कहा कर मेरा | उठै जो डंडी बिकै जो माल, भंवर वीर , सोखे नहिं जाये  ||



दुकान बंधन हटाने और व्यापार वृद्धि के लिए लाभ दायक प्रयोग है.
नवरात्री में करें. विशेष लाभ होगा.
अपने सामने काली उड़द या काली मिर्च के १००८ दाने रख लें.
प्रतिदिन १००८ बार जाप करें.दूकान में कर सकें तो वहां करें न कर सकें तो घर पर करें.
सामने गुग्गुल/ धुप जलाकर रखें.
पूर्णिमा के दिन अपनी दूकान पर जाएँ. साथ में वे दाने भी ले जाएँ.
धुप/अगरबत्ती जलाकर १०८ बार मन्त्र पढ़ें.
उन दानों को दूकान में बिखेर दें.
कुछ दाने अपनी कुसी/तिजोरी के पास भी डालें.
बचे दानों को काले कपडे की पोटली में बांधकर लटका दें.
गुरु कृपा से लाभ होगा.


9..रक्षा मन्त्र, शाबर

गृह शांति और रक्षा के लिए एक विधि
आपने देखा होगा की लगभग सभी दुकानों में लाल कपडे में नारियल बांधकर लटकाया जाता है, कई घरों में भी ऐसा किया जाता है. यह स्थान देवता की पूजा और गृह रक्षा के लिए किया जाता है.
नवरात्रि पर अपने घर मे गृह शांति और रक्षा के लिए एक विधि प्रस्तुत है जिसके द्वारा आप अपने घर पर पूजन करके नारियल बाँध सकते हैं.

आवश्यक सामग्री :-

लाल कपडा सवा मीटर
नारियल
सामान्य पूजन सामग्री
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यदि आर्थिक रूप से सक्षम हों तो इसके साथ रुद्राक्ष/ गोरोचन/केसर भी डाल सकते हैं.
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वस्त्र/आसन लाल रंग का हो तो पहन लें यदि न हो तो जो हो उसे पहन लें.
सबसे पहले शुद्ध होकर आसन पर बैठ जाएँ. हाथ में जल लेकर कहें " मै [अपना नाम ] अपने घर की रक्षा और शांति के लिए यह पूजन कर रहा हूँ मुझपर कृपा करें और मेरा मनोरथ सिद्ध करें."
इतना बोलकर हाथ में रखा जल जमीन पर छोड़ दें. इसे संकल्प कहते हैं.
नारियल पर मौली धागा [अपने हाथ से नापकर तीन हाथ लम्बा तोड़ लें.] लपेट लें.
लपेटते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करें." ॐ श्री विष्णवे नमः"
अब अपने सामने लाल कपडे पर नारियल रख दें. पूजन करें.
नारियल के सामने निम्नलिखित मंत्र का 1008 बार जाप करें ऐसा कम से कम तीन दिन तक करें. पूरी नवरात्रि कर सकें तो और भी बेहतर है.

"ॐ नमो आदेश गुरून को इश्वर वाचा अजरी बजरी बाडा बज्जरी मैं बज्जरी को बाँधा, दशो दुवार छवा और के ढालों तो पलट हनुमंत वीर उसी को मारे, पहली चौकी गणपति दूजी चौकी में भैरों, तीजी चौकी में हनुमंत,चौथी चौकी देत रक्षा करन को आवे श्री नरसिंह देव जी शब्द सांचा पिंड कांचा फुरो मंत्र इश्वरी वाचा"

अब इस नारियल को लाल कपडे में लपेट ले. आपका रक्षा नारियल तय्यार है. इसे आप दशहरा, दीपावली, पूर्णिमा, अमावस्या या अपनी सुविधानुसार किसी भी दिन घर की छत में हुक हो तो उसपर बांधकर लटका दें. यदि न हो तो पूजा स्थान में रख लें. नित्य पूजन के समय इसे भी अगरबत्ती दिखाएँ.



10/..सुख प्रसव मंत्र
यदि प्रसव में परेशानी जा रही हो तो यह टोटका भी अजमा कर देखें.


|| ॐ नमो वीर निचला गर्भ मुंच मुंच स्वाहा ||


इस मंत्र को तेल या गुड पर २१ बार पढ़ दें .
इस प्रकार अभिमंत्रित तेल या गुड को देवी माँ से सुख प्रसव की प्रार्थना करते हुए अगरबत्ती दिया दिखाएं.
अब इसे गर्भवती के कमरे में रख दें.
आसानी से प्रसव की संबावना बढ़ जाएगी




11....गोशाला [तबेला] की रक्षा का मंत्र
|| ॐ नमो भगवते त्रयम्बकाए !  पशुमयो ! पशुमयो ! चुलू चुलू ! मिली मिली ! भिदी भिदी !गोमानिनी ! चक्रिणी ! महातारे गोवंश रक्षिणी ह्रुं फट ||

मंत्र को कुमकुम या सिन्दूर से त्रिकोण बनाकर उसके अन्दर लिखकर गोशाला में टांगने से रक्षा होती है.


12.....शरीर बांधने का मंत्र
|| ॐ वज्र का सीकड़ ! वज्र का किवाड़ ! वज्र बंधे दसो द्वार ! वज्र का सीकड़ से पी बोल ! गहे दोष हाथ न लगे ! आगे वज्र किवाड़ भैरो बाबा ! पसारी चौसठ योगिनी रक्षा कारी ! सब दिशा रक्षक भूतनाथ !दुहाई इश्वर , महादेव, गौरा पारवती की ! दुहाई माता काली की ||

१००८ बार जपकर सिद्ध करें.
प्रयोग के समय ११ बार बोलकर अपने शरीर पर हाथ फेर दें.
 पूजन में बैठ रहे हों तो अपने चरों ओर घेरा बना लें . इससे सुरक्षा रहेगी .

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